साथियों ....ये कैसा प्रजातंत्र है ....कि जिसमें कसाब तो चिकन उडाए और हमारा वरुण लौकी खाए ...चलो माना कि वो शाकाहारी है लेकिन फिर भी पनीर पर तो उसका हक़ बनता ही था ....लेकिन क्या कोई इस बात की तह तक गया कि सरकार ने ऐसा क्यूँ किया ? नहीं ना...तो आइये जो मैंने पता लगाया गुप्त स्रोतों से आपको भी बताती हूँ ....
ये कैसा ज़ुल्म है
है कैसा है सितम
वरुण निगले लौकी
कसाब उड़ाए चिकन
माँ का लाडला भोला भाला
सरकार की माया समझ न पाया
क्यूँ उसको लौकी और
कसाब को चिकन खिलाया
वरुण के दिल पे इतना बोझा
रोज के रोज नया एक लोचा
साथ बैठकर मम्मा के
रामदेव ने मेनू सोचा
लौकी की रोटी
लौकी की सब्जी
लौकी की चटनी
लौकी का जूस
सुबह हो या शाम
ले डूबेगा चिकन कसाब को
लौकी बन जाएगी वरदान
वरुण बाबा रेड हो जाएगा
कसाब होगा जल्दी ही ब्लू
क्यूंकि जो चिकन उसे खिलाया
उसको तो था बर्ड फ्लू