चुनाव परिणामों से यह साफ़ स्पष्ट हो चुका है कि जिसने जूतों को शिरोशार्य किया ...जूतों ने उसका बेडा पार किया ..
बलिहारी इस जूते की
हुई है दुनिया सारी
जिनकी इसने नज़र उतारी
उन सबने ही बाज़ी मारी
जो इसके प्यार से बच गए
मन को रहे मसोस हैं
हम पर भी काश !
लहराया होता जूता आज
पहुंचे होते संसद में
रह गया दिल में अफ़सोस है
क्या पता था उनको
इस अनोखे चुनाव में
चलेगी ऐसी रीत
जूतों से लिपटी आएगी
जनता की सारी प्रीत
जंतर- मंतर, जादू- टोना
रह जाएँगे कोसों पीछे
हवा बहेगी जूतों वाली
बनेगी चप्पल मन की मीत
थी जूतों में चिपकी हुई
माँ के दिल से निकली दुआ
फीतों का रूप लिए
प्यार बहिन का बंधा हुआ
पिता और भाई की आस जुड़ी थी
दादी का भी सपना सच हुआ
जो हार गए हैं अबकी बार
हिम्मत भी ना जाएँ हार
अगले चुनाव के लिए
हो जाएं अभी से तैयार
चुनाव आयोग से मांग लें
जूता चुनाव निशान
जुट जाएं आज "औ" अभी से
मान लें वोटर का एहसान
सफल करें सब मिलकर के
जूता फेंक अभियान
याद रखें बस इतना सा
वोटर जब जब रूठ गया
बाहुबली भी टूट गया
नोट बाँटने वाला भी
नोट लुटाता रह गया
हुई न्योछावर उस पर कुर्सी
जो हंसकर जूता सह गया ...