रविवार, 4 दिसंबर 2011

खुदरा या खुरदुरा व्यापार ....

खुदरा या खुरदुरा व्यापार 
 
साथियों, अर्थशास्त्रीय विश्लेषणों और राजनैतिक  हलचलों और से दूर वालमार्ट इत्यादि विभिन्न प्रकार के बाजारों  के सम्बन्ध में मेरे दिमाग में कुछ  सवाल घूम रहे हैं  | क्या मेरे चंद सवालों का जवाब किसी के पास है ?  
 
क्या वालमार्ट हम महिलाओं की मोलभाव वाली भावनाओं में  निवेश करेगा ?
 
''भाईसाहब, कित्ते का दिया ?'' 
''बाप रे बाप इत्ता महंगा !'' 
''कुछ तो रहम करो''
''ऑटो और रिक्शे के लिए तो छोड़ दो''
''मेरे पास इत्ते ही पैसे बचे हैं''
क्या वहाँ पर्स उलटकर सुबूत तक दे डालने  की  सुविधा होगी ? और क्या वालमार्ट पर्स के अन्दर की जेबों को चेक किये बिना इस पर सहज विश्वास कर लेगा ?
 
 बिलिंग करवाते समय  जुबानी तौर पर एम्. आर. पी. से पचास रूपये कम करवाने की, फिर बिल जोड़ते समय  बीस रूपये और कम करवाने की, अंत में भी दस रूपये कम देने की सुविधा प्रदान करेगा वालमार्ट ?  
 
 हमारे बरसों से चले आ रहे खानदानी कार्ड स्वैप  हो पाएँगे जिसके अंतर्गत  आज भी कई बुज़ुर्ग दुकानदार ऐसे हैं जो शक्ल देखते ही पहचान जाते  हैं और अन्य ग्राहकों को गर्व से बताते हैं......
 ''सबसे पहले  इनकी नानी की शादी में, फिर इनकी  माँ की शादी में,  और फिर इनकी शादी में यहीं से सामान गया था ''| इनकी दुकान के बेटे और नौकर सब आपको पहचानते हैं | यहाँ बस आपको पड़ोस की दुकान का थैला सफाई से छुपाना पड़ता है |  इस प्रकार की दुकानों में पैसे कम करवाने के लिए एक शब्द भी नहीं कहना पड़ता |  बस उधारी का खाता होने के कारण यहाँ  आपको बरसों पुराना सड़ा  - गला माल दिखाया जाता है,  वह भी सारे ग्राहकों को तसल्ली से निपटाने के बाद  | आपके पास  खून के घूँट पीकर हँसते - हँसते अपनी बारी का इंतज़ार करने के सिवा कोई चारा नहीं बचता |
यहाँ एक दूसरे की मजबूरी को भली प्रकार समझा जाता है |
 
 वहाँ ''आज नकद कल उधार'' या 'उधार प्रेम की कैंची है' बड़े - बड़े शब्दों में  लिखा होने पर भी आपको बहुत प्यार से उधार मिल जाएगा ?  जिसे  हम सुविधानुसार मनमाफिक किस्तों में अपनी जेबानुसार दो चार सालों में  चुका सकें | 
 
क्या वालमार्ट  में इस तरह के दृश्य दिखाई देंगे ?
 ''नई नमकीन आई है बहिनजी, ज़रा चख कर देखिये, आप बार - बार मांगेंगी''
''जा पप्पू दौड़ कर गोदाम से बहिनजी के पसंद के बिस्किट लेकर आ,  अभी दो मिनट में आ रहा है'' कहकर घंटे भर तक कोई बिठाए रखेगा ? इस दौरान वैष्णो देवी की यात्रा के किस्से सुनाकर वहाँ का प्रसाद और माता का का फोटो  देगा ?
 
 क्या वालमार्ट में  ''भाई साहब, ज़रा झोला दुकान में रख लीजिये, बस दो मिनट में आती हूँ '' कहकर मुख्य बाज़ार में रहने वाली दोस्त के घर चाय पीने जाया जा सकता है  ? 
 
 क्या मेरे सब्जी वाले की तरह  वालमार्ट के फ्रेश स्टोर वाला  पचास रूपये की सब्जी लेने पर पाँच रूपये की मिर्च और धनिया मुफ्त में थैले में डाल देगा ?   ''बहिनजी अगर कद्दू ख़राब निकले तो कल पकी - पकाई सब्जी वापिस पटक देना'' कहकर सब्जी की गारंटी लेगा |   

''कहीं बासी तो नहीं है'' शंका मात्र व्यक्त करने पर तुरंत फल के ठेले वाला चाकू लेकर अनार के दो टुकड़े कर के हथेली पर रख देगा ? 
 
 पहली पहली  बार वालमार्ट में  जाने पर  ''रोज़ तो यहीं से ले जाते हैं भैय्या, आज आप ऐसी बात कर रहे हैं, लगता है पहचान नहीं रहे हैं''
''हम तो जबसे इस शहर में आए हैं, और किसी दुकान में जाते ही नहीं हैं'' हम कोई आज के ग्राहक थोड़े ही हैं '', कहने पर वहाँ  आसानी से विश्वास कर लिया जाएगा ?
 
 क्या वालमार्ट सारी बाज़ार में घूम कर साड़ियों के दाम पता करके आने वाले मेरे जैसे हर ग्राहक को उसकी विशिष्टता का एहसास  कराएगा ?
 ''हम जानते हैं बहिनजी ! आप कहीं और जा ही नहीं सकती, पूरी बाज़ार में सबसे सस्ती और अच्छी साड़ी आपको और कहीं नहीं मिलेगी   ''
'' किसी से कहियेगा मत, ये दाम सिर्फ़ आपके लिए लगा रहा हूँ , आप पुरानी ग्राहक हैं इसलिए ''| 
''आपकी पसंद सबसे अलग होती है, जो सिर्फ़ हमको पता है''
'' ये साड़ियाँ आपके लायक नहीं हैं, मंगलवार को आइयेगा, नया माल आने वाला है''   
 
क्या वालमार्ट में कोई  पाँच सौ रुपयों तक के कपड़े खरीदने पर  चाय और दो हज़ार के कपड़े खरीदने पर  कोल्ड ड्रिंक पिलाएगा ? हमारे हाथों में ज्यादा सामान  हो जाने पर सड़क तक जाकर रिक्शा बुलाने की जहमत उठाएगा ? कार में बैठे होने की दशा में सड़क से हाथों के इशारे को समझ कर ब्रेड का पैकेट उठा कर खिड़की से पकड़ा देगा ?
 
 क्या वहाँ यह कहकर  कोई हमारे ज्ञान चक्षु खोलेगा ........
 '' बहिनजी हमारा  तो सिद्धांत है कि कस्टमर एक बार आए तो  बार - बार आए''
''गलत पैसा नहीं मांग रहे हैं'' 
'' बहुत कम मार्जिन मिलता है बहिनजी, बिलकुल ना के बराबर''   
बगल में रेट चिपकाने वाले मशीन रखकर बड़े ही एहसान से कहेगा '' एम्. आर. पी. देख लीजिये, आपको बीस परसेंट डिस्काउंट दे रहा हूँ ''  |
''ये चप्पल आपने कितने की लीं ? 
हमारी दुकान से ली होती तो  पच्चीस रूपये कम में मिल जातीं , आप ठगी गईं ''
''लगता है डुप्लीकेट पर्स भिड़ा दिया आपको | आगे से बढ़िया पर्स खरीदने  हों तो मेरे भाई की दुकान पर जाइए | ये रहा कार्ड | कल ही ओपनिंग हुई है , मेरा नाम ले लीजियेगा , पाँच प्रतिशत  डिस्काउंट  मिल जाएगा'' |
 
 क्या कभी  वालमार्ट में  ज्यादा भीड़ होने की स्थिति में  काउंटर पर सौ रूपये का नोट देने पर जल्दीबाजी में पाँच सौ रूपये के छुट्टे वापिस होंगे  |
 
 क्या वालमार्ट में इस तरह के अपनेपन का एहसास होगा ? 
 ''बहुत दिनों बाद दिखाई दीं'' |
''आजकल तो आपने आना ही छोड़ दिया'' |
 ''आपकी अपनी दुकान है, चाहे जब बदल लेना'' 
''पैसे कहीं भागे थोड़े ही जा रहे हैं ''
''कम हैं तो अगली बार दे देना''
''ना आप कहीं जा रहे हो ना हम " 
'' घुटने का दर्द कैसा है ?'' 
 
 वहाँ '' क्या भैय्या, कैसी दाल दी थी, घुन ही घुन भरे थे '', कहकर बिनाबिल दिखाए दाल वापसी की सुविधा होगी ?
 
 पड़ोस की शादी में एक दिन पहिनकर,  टैग को वापिस लगाकर, ''कुरते का साइज़ छोटा निकला'' कहकर वालमार्ट में वापिस ले  लिया जाएगा ?
 
 क्या वालमार्ट एक फ़ोन करने से राशन - पानी घर पहुंचा जाएगा ? हमारे घर के लिए किरायेदार और कामवालियां बताएगा ? नए आने वालों को घर के पते के विषय में जानकारी देगा ?

 बुखार या सिर दर्द होने पर डिस्प्रिन मांगने के लिए रात - बेरात पड़ोस की दुकान की भाँति वालमार्ट का दरवाज़ा खटखटाया जा सकेगा ? अपने  पड़ोस की दुकान के  दुकानदार के झल्लाए हुए उनींदे चेहरे को हमने सदा अनदेखा किया और डिस्प्रिन की मामूली गोली को  हिसाब में लिख लेना'' कहकर लम्बे समय के लिए भूल गए जिसका भुगतान बार - बार याद दिलाने पर किया गया, वह भी इस शंका के साथ कि कहीं झूठ तो नहीं बोल रहा |
 
'' हमारे वो आप ही की तरह लम्बे चौड़े हैं, आप ही बताइए भाईसाहब कौन सी साइज़ की कमीज़ ठीक रहेगी ?  भाईसाहब ज़रा ये वाली शर्ट पहिन कर दिखाइए '' क्या वालमार्ट में कोई बीस - पच्चीस कमीजें खुशी - खुशी पहिनकर दिखाएगा ?
 
अगर वालमार्ट इत्यादियों में उपरोक्त सभी सुविधाएँ मिलेंगी तो भारत भूमि पर इनका तहे - दिल से स्वागत है|