यह खेल अपने को हज़म नहीं होता
जीत जाए कोई तो खुशी नहीं होती
किसी के हारने पर ग़म नहीं होता |
इसमें ............
मिर्च मसाले हैं
ग्लैमर के तड़के डाले हैं
दर्शक ठुमकों के मतवाले हैं
खेल देखना छोड़ कर
चीयर गर्ल्स पर नज़र डाले हैं |
इसमें ...............
काले धन की बरसात है
थप्पड़, घूंसे, छेड़खानी
गाली - गलौच और लात है
हर मैच के बाद
शराब, शबाब और
नशे में डूबी रात है |
इसमें ...................
फ़िल्मी हस्तियाँ छाई हैं
धनकुबेरों की बन आई है
खेल से इनका बस इतना ही लेना
जब हुए नीलाम खिलाड़ी
तब इनकी अंधी कमाई है |
इसमें .................
सट्टेबाजी, धोखेबाजी
जालसाज़ी
सिक्स भी यहाँ फिक्स है
इस पूरे कॉकटेल में
खेल की मात्रा कम हो गई
पैसा ज्यादा मिक्स है |
इसको .....................
एक खेल कहना
खेल का अपमान है
पावर, पैसा, पाप
आई. पी. एल. का फुल्फोर्म है |
साथियों .........................
खेल यह ऐसा आया
कौन अपना है कौन पराया
आज तक समझ ना आया |
किस चौके पर खुश हो जाऊं ?
किस छक्के पर नाचूँ, गाऊं ?
किस विकेट पर ताली बजाऊं ?
किसकी जीत पर तिरंगा लहराऊं ?
भारतवासी होने पर इतराऊं ?
टीमों की लम्बी लिस्ट में
किसको रखूं याद
किसको भूल जाऊं ?
देख के ऐसा खेल दिल मेरा रोता है
यह खेल अपने को हज़म नहीं होता है
जीत जाए कोई तो खुशी नहीं होती
किसी के हारने पर ग़म नहीं होता |