कुमाउँनी चेली
रविवार, 13 जनवरी 2013
कसाब का हिसाब
ज़िंदगी के उलझे हुए गुणा -भाग का
हिसाब हल हो ही जाता है
कठिन से कठिन सवाल का
जवाब आखिरकार मिल ही जाता है ।
मान्यवरों, मना लो अपनी खैर
बचा लो अपनी जान,शहंशाहों
कि
तुलनात्मक अध्ययन के वास्ते
भारत में अब
कसाब प्रयोग में आता है ।
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें