वे बन्दूक की गोली के सामान फुल स्पीड में आए | गुस्से से लबालब भरे हुए | मिसाइल की तरह मारक | तोप की तरह गरजने को तैयार | बम की तरह फटने को बेकरार |
''जब देखो तब कड़ी निंदा, भर्त्सना, विरोध | सुन - सुन कर कान पक गए हैं'' |
''फिर क्या करना चाहिए उन्हें'' ?
''करना क्या है ? हमला करें सीधे - सीधे | युद्ध की घोषणा करें | मुंह छुपा कर कब तक बैठेंगे | कब तक सहते रहेंगे ? सहने की भी हद होती है | दुनिया थूक रही है हम पर | अगर ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन यह देश हाथ से चला जाएगा | मुझे तो कहीं मुंह दिखाते शर्म आती है'' |
''लेकिन अभी तो आप मल्टीप्लेक्स से 'बाहुबली' देख कर आ रहे हैं कई लोगों ने आपका मुंह देख लिया होगा'' |
''देखिये बात को घुमाइए नहीं | आप ही बताइये कि कड़ी निंदा से क्या बिगड़ रहा है पाकिस्तान का'' ?
''तो क्या करे सरकार ? विकल्प सुझाइये''|
''युद्ध | हाँ ! अब यही एकमात्र विकल्प बचा है | पता नहीं इतनी देरी क्यों हो रही है ? युद्ध हो गया होता तो अभी तक तो फैसला हो भी गया होता'' |
''युद्ध बहुत कड़ा शब्द नहीं हो गया'' ?
''नहीं बिलकुल नहीं | युद्ध से कम अब कुछ स्वीकार नहीं होगा, हमारे गोला बारूद किस दिन काम आएँगे ? कब से युद्ध भी नहीं हुआ है, मैं कहता हूँ कि बहुत जल्दी जंग लग जाएगा हमारे अस्त्र - शस्त्रों में |
''लेकिन युद्ध से किसी समस्या का समाधान नहीं होता | युद्ध के बाद भी बातचीत करनी पड़ती है''|
''न हो समाधान | कम से कम कलेजे पर ठंडक तो पड़ेगी | हमारे ही मर रहे हैं हमारे ही कट रहे हैं | उनके भी इतने ही मरने चाहिए तब जाकर मज़ा आएगा'' |
''यह ठीक कहा आपने | मज़ा चाहिए दरअसल आपको'' |
''मेरे कहने का वह मतलब नहीं है | मैं तो यह चाहता हूँ कि पकिस्तान को ज़ोरदार सबक सिखाना चाहिए | मैं अगर पी.एम. होता तो कबका हमला कर दिया होता'' |
''तभी तो आप पी.एम.न हुए'' |
''क्या मतलब'' ?
''कुछ नहीं | अच्छा यह बताइये कि आपके अंदर वीरता की भावना इतनी कूट - कूट कर भरी है | मुझे लगता है कि आपके घर में ज़रूर कोई फ़ौज में होगा'' |
''नहीं जी | मेरे दादाजी बहुत बड़े ज़मींदार थे | पिताजी बैंक में थे | एक भाई एल.आई.सी.में है और दूसरा सरकारी विभाग में क्लर्क है''|
''तब तो ज़रूर आपके बच्चे फ़ौज में जाना चाहते होंगे'' |
''कैसी बात कर रही हैं आप? मेरा एक ही बेटा है | वह भला क्यों जाएगा फ़ौज में ? हाँ कभी - कभी कहता है लेकिन हम नहीं चाहते कि वह फ़ौज में जाए | एक बार उसने चुपके - चुपके फॉर्म भरा भी था लेकिन हमने उसका कॉल लेटर छुपा दिया था | उसे आज तक यह पता नहीं है कि कॉल लेटर क्यों नहीं आया | क्या कमी है उसके लिए ? उसे तो मैं इंजीनियर बनाऊंगा | मैंने उसके लिए बहुत सारा पैसा जमा कर रखा है | डोनेशन भी दे दूंगा'' |
''आप अपने बेटे का कॉल लेटर छुपा सकते हैं और चाहते हैं कि किसी और के बेटे युद्ध करें और मारे जाएं ? फौजियों के परिवार नहीं होते क्या'' ?
''अजी उनका काम है देश की सेवा करना | जैसे हम देश के अंदर सेवाएं देते हैं, वैसे ही वे देश की सीमा पर अपनी सेवाएं देते हैं ''|
''लेकिन आपके काम में जान का खतरा नहीं है'''|
''अजी यह क्या बात हुई ? उनको उनकी जान का मोटा पैसा मिलता है | अभी हमारे ऑफिस में काम करने वाले चपरासी का बेटा शहीद हुआ है | मालूम है कितना पैसा मिला उनको''?
''कितना''?
''पूरे पचास लाख | साथ में पैट्रोल पम्प | बच्चे को सरकारी नौकरी | पढ़ाई मुफ्त | फ़ौज की नौकरी तो बहुत ही मज़े की है | ज़िंदगी भर कैंटीन की सुविधा | इलाज फ्री | वैसे वे करते भी क्या हैं ? साल भर तो मक्खी मारते हैं | फ्री की दारु उड़ाते हैं | मुर्गा खाते हैं | कभी - कभी ही तनाव के दिन होते हैं इनके | इनके तो मरने में भी लॉटरी लग जाती है''|
''आप नहीं चाहते कि आपकी भी लॉटरी खुले ?आपके बेटे को भी इतना सब मिल जाता | आपने उसका कॉल लैटर छुपा कर ठीक नहीं किया | भेजना चाहिए था उसे फ़ौज में'' |
''आपको इतनी तकलीफ क्यों हो रही है ? आपके घर में भी तो कोई नहीं है फ़ौज में''|
''आप संजय को नहीं जानते होंगे''|
''नहीं''|
''आप प्रमोद को भी नहीं जानते होंगे''|
''नहीं''|
''ये हमारे स्कूल के बच्चे थे | इंटर पास करते ही फ़ौज में भर्ती हो गए थे | दोनों बहुत होशियार थे | प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण | घर से बेहद गरीब थे | सुबह - सुबह दस किलोमीटर की दौड़ लगाते थे | इंजीनियर बन सकते थे लेकिन घर में खाने के लिए बहुत मुश्किल से हो पाता था | एक दिन भर्ती में गए और चुन लिए गए | घर में खुशी की लहर | भरपेट खाने के लिए अन्न आने लगा | देखा - देखी गाँव के और लड़के भी तैयारी करने लगे | संजय पिछले साल शहीद हो गया | शादी हुए तीन ही महीने हुए थे उसके | गर्भवती थी उसकी पत्नी | आपके शब्दों में उसकी लॉटरी लग गयी थी | अब सारी ज़िन्दगी उसे एक विधवा के रूप में अपने बच्चे के साथ अकेले गुज़ारनी है | आपको पता नहीं होगा कि गाँव देहात में ऐसी ज़िंदगी गुज़ारना कितना मुश्किल होता है | दूसरा लड़का प्रमोद है | दुनिया भर की मनौतियों के बाद पैदा हुआ | छह बहिनों का इकलौता भाई | उसके पिता बहुत पहले ही शराब पी कर ख़त्म हो गए थे | आजकल उसके घर वालों की भी ऐसे ही बम्पर लॉटरी लगी है | उसकी माँ ने इस लॉटरी निकलने की खुशी में खाना - पीना छोड़ कर प्राण त्याग दिए | लोग लॉटरी निकलने पर तरह - तरह से मज़े उड़ाते हैं, और बताइये उन्होंने अपनी जान ही दे दी''|
''आप तो देशद्रोहियों के जैसी बातें कर रही हैं | आपको शर्म आनी चाहिए | आपके जैसे लोगों को हिंदुस्तान में रहने का कोई हक नहीं है | मैं आपके`इस रवैये की कड़ी निंदा करता हूँ ''|
''मैं आपके इस देशप्रेम की निंदा करती हूँ | और आपके इस युद्ध करने के शौक की कड़ी निंदा करती हूँ''|