tag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post8029824311153971789..comments2024-02-14T14:23:49.866+05:30Comments on कुमाउँनी चेली: भए प्रकट कृपालु ......शेफाली पाण्डेhttp://www.blogger.com/profile/14124428213096352833noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-6752939760132873902010-03-11T23:07:53.836+05:302010-03-11T23:07:53.836+05:30जय हो!जय हो!Himanshu Mohanhttps://www.blogger.com/profile/16662169298950506955noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-50528904252787933972010-03-08T23:23:49.752+05:302010-03-08T23:23:49.752+05:30aapke blog ki yeh post agar kripaalu ji padh lenge...aapke blog ki yeh post agar kripaalu ji padh lenge to shaayad yaa to way hameshaa ke liye himaalay ki gufaao main chale jaayenge yaa fir sanyaasi jeevan chhod denge.<br /><br />bahut badhiyaa likhaa, excellent.<br /><br />WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COMचन्द्र कुमार सोनीhttps://www.blogger.com/profile/13890668378567100301noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-41594632535446260372010-03-08T20:27:11.637+05:302010-03-08T20:27:11.637+05:30बढ़िया लगी यह भी.बढ़िया लगी यह भी.डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-61316819339689462152010-03-08T14:43:55.270+05:302010-03-08T14:43:55.270+05:30अच्छे लिखने वाले को लोग कैसे खोज कर, निकाल कर पढ़त...अच्छे लिखने वाले को लोग कैसे खोज कर, निकाल कर पढ़ते हैं. इसका एक सबूत दे रहा हूँ ...<br /><br />व्यंग की प्रासंगिकता उसके सम-सामयिक घटना से ज्यादा जुडी होती है... आपने बड़े मौके पर इतना अच्छा व्यंग लिखा है.. एकदम सधा हुआ.. मैं आपके लिखने की शैली बहुत प्रभावित हो रहा हूँ .सागरhttps://www.blogger.com/profile/13742050198890044426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-6284651741347283472010-03-08T09:16:47.309+05:302010-03-08T09:16:47.309+05:30ये भगदड़ नहीं ....प्रभु के पास जल्दी पहुँचने की होड...ये भगदड़ नहीं ....प्रभु के पास जल्दी पहुँचने की होड़ थी ....<br />ये बेचारे नास्तिक क्या जाने .....:):)<br /><br />बहुत खूबसूरत (हा हा ) व्यंग्य .....!!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-87398541163823793222010-03-08T01:52:17.301+05:302010-03-08T01:52:17.301+05:30बहुत बढ़िया व्यंग्य है ।बहुत बढ़िया व्यंग्य है ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-60756614549394197412010-03-08T00:04:06.284+05:302010-03-08T00:04:06.284+05:30गज़ब का सटीक कटाक्ष..गज़ब का सटीक कटाक्ष..डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-241390404906273742010-03-07T23:43:23.094+05:302010-03-07T23:43:23.094+05:30धारदार, शानदार, जानदार
बड़ा तेज़ चैनल है यह तो ?
जाँ...<i><br />धारदार, शानदार, जानदार<br />बड़ा तेज़ चैनल है यह तो ?<br />जाँचसमिति ने आशँका व्यक्त की है कि,किसी महिला को इस घटना की पूर्व जानकारी थी, कहीं.... :)<br /></i>डा० अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/09556018337158653778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-30933307800059613802010-03-07T23:31:38.552+05:302010-03-07T23:31:38.552+05:30.
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अच्छा सच बताईये कि क्या इसे आप ही लिखी हैं ?....<br />.<br />.<br />अच्छा सच बताईये कि क्या इसे आप ही लिखी हैं ?<br />हम तो सोचे कि यह आश्रम की ओर से छपा परचा है!प्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-65121599368757161332010-03-07T18:33:32.115+05:302010-03-07T18:33:32.115+05:30इसे कहते हैं त्वरित लेखन. क्या तीखी चिकोटी ली है म...इसे कहते हैं त्वरित लेखन. क्या तीखी चिकोटी ली है महाराज की!! मज़ा आ गया.कुछ जगहों पर तो इतना कमाल का व्यंग्य और शब्द विन्यास है, कि चकित करता है-<br />आपके परिजन, जिन्हें मीडिया वाले बार बार 'मारे गए' कह कर प्रचारित कर रहे हैं, वास्तव में वे मोक्ष को प्राप्त हुए हैं<br /><br />अखबार वालों की भीड़ इक्कट्ठा किया करते वे प्रचार के भूखे और ढोंगी होते हैं, और आम आदमी की मौत मारे जाते हैं.<br /> <br />और- <br />भक्तजनों, महाराज अभी मौन हैं| जब भी इस प्रकार की कोई महत्वपूर्ण घटना होती है, वे अक्सर मौन व्रत ले लेते हैं| इस अवधि में वे किसी भी शंका का समाधान नहीं करते| वे सिर्फ़ और सिर्फ़ ईश्वर से संवाद करते हैं|<br />और-<br /><br /><br /><br /><br />"भक्तजनों, महाराज चाहते थे कि आप सब लोगों को एक साथ मोक्ष की प्राप्ति हो, लेकिन ऐन वक़्त पर स्वर्ग में हाउस फुल का बोर्ड लग गया| बचे-खुचे लोगों को निराश होने की ज़रुरत नहीं है| अगले महीने फिर त्योहारी सीज़न आने वाला है और कुम्भ में अभी भी प्रबल संभावनाएं है, इसलिए शान्ति और भीड़ दोनों बनाए रखें|"<br /> बहुत-बहुत बधाई.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-2665120595481242442010-03-07T18:12:44.165+05:302010-03-07T18:12:44.165+05:30अच्छा व्यंग्य।
प्रमोद ताम्बट
भोपाल
www.vyangya.bl...अच्छा व्यंग्य।<br /><br />प्रमोद ताम्बट<br />भोपाल<br />www.vyangya.blog.co.in<br />www.vyangyalok.blogspot.comप्रमोद ताम्बटhttps://www.blogger.com/profile/03951685009971991305noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-61214892753071003182010-03-07T17:59:21.492+05:302010-03-07T17:59:21.492+05:30गज़ब का सटीक कटाक्ष..जितनी स्पीड से महाराज ने स्वर...गज़ब का सटीक कटाक्ष..जितनी स्पीड से महाराज ने स्वर्ग पहुँचाया, उससे भी तेज स्पीड में आपने समीक्षात्मक रिपोर्टिंग कर दी..आप मीडिया में हाथ क्यूँ नहीं आजमाती. :)<br /><br />बहुत शानदार व्यंग्य!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-47288068475492148032010-03-07T17:11:41.899+05:302010-03-07T17:11:41.899+05:30सीखने के लिए इतना कुछ
कौन कहता है बाबा गए हैं छुप
...सीखने के लिए इतना कुछ<br />कौन कहता है बाबा गए हैं छुप<br />वे तो छिपन छिपाई खेल रहे हैं<br />आपको मन ही मन तोल रहे हैं<br />जब सबको तोल लेते हैं<br />तभी वे खोलते हैं<br />आंखें<br />गेट<br />रेट<br />तब तक करें आप भी <br />वेट<br />भेड़ न रहें<br />भीड़ बनें।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-55175038659131300472010-03-07T16:31:28.609+05:302010-03-07T16:31:28.609+05:30समसामयिक घटना पर इतना चुटीला व्यंग्य लेख आपका कमाल...समसामयिक घटना पर इतना चुटीला व्यंग्य लेख आपका कमाल है।कुछ तो वाक्य इत्ते चुटीले हैं कि क्या कहनें!<br /> <b>१.इसे तोड़ने में जो कुछ भी हुआ, उसे मीडिया वाले भगदड़ कहते है लेकिन हमारे महाराज इसे प्रभु चरणों में जल्द से जल्द पहुँचने की बेकरारी कहते हैं| <br />२. मासूम और पवित्र लोगों की हर जगह ज़रुरत होती है| आप लोग अभी गरीब है इसीलिये पवित्र भी हैं|<br />३.महाराज की दी हुई दक्षिणा को स्वर्ग में परमिट प्राप्त है| <br />४. कुम्भ में अभी भी प्रबल संभावनाएं है, इसलिए शान्ति और भीड़ दोनों बनाए रखें| </b><br />शानदार लेख। बधाई!हम शान्ति बनाये हैं। भीड़ आने वाली है इसे पढ़ने!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-38010629459079609252010-03-07T16:26:35.537+05:302010-03-07T16:26:35.537+05:30गोल-गोल...बाप रे इतना गोल-गोल !
ये तो कृपालु महारा...गोल-गोल...बाप रे इतना गोल-गोल !<br />ये तो कृपालु महाराज के प्रवचन से भी ज़्यादा हो गया.<br />काश अंतर्ध्यान बाबा यह लौकिक पोस्ट पढ़ पाते :)Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-22155234279813351492010-03-07T16:23:51.248+05:302010-03-07T16:23:51.248+05:30सामुहिक मोक्ष के लिये लोगों को महा्राज श्री का आभा...सामुहिक मोक्ष के लिये लोगों को महा्राज श्री का आभार व्यक्त करना चाहिये था. उसकी जगह उल्टे महाराज पर उंगली ऊठाई जारही है. कितने नाशुक्रे लोग हैं? इतनी आसानी से मोक्ष और कौन सा महाराज दिलवा सकता था?<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-29600567920579410852010-03-07T16:23:03.543+05:302010-03-07T16:23:03.543+05:30एक माइक्रोपोस्ट यहां भी है
कृपालु ये क्या कह दियाएक माइक्रोपोस्ट यहां भी है<br /><a href="http://ramlalkablog.blogspot.com/2010/03/blog-post_7981.html" rel="nofollow">कृपालु ये क्या कह दिया</a>राम लालhttps://www.blogger.com/profile/05691862091817877550noreply@blogger.com