tag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post6046270748070924301..comments2024-02-14T14:23:49.866+05:30Comments on कुमाउँनी चेली: इतनी असंवेदनशीलताशेफाली पाण्डेhttp://www.blogger.com/profile/14124428213096352833noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-63793635840158845532010-02-02T23:41:49.929+05:302010-02-02T23:41:49.929+05:30यह नज़ारा आम है ।यह नज़ारा आम है ।शरद कोकासhttp://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-59933078602201002162010-02-01T20:01:02.425+05:302010-02-01T20:01:02.425+05:30achchha chitran prastut kiya hai..amuman uttar bha...achchha chitran prastut kiya hai..amuman uttar bhaarat mein yahi sthiti hai...Pramod Kumar Kush 'tanha'http://www.blogger.com/profile/08981831872947912755noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-81850413735549767662010-01-31T22:11:25.493+05:302010-01-31T22:11:25.493+05:30डाक्टर साहब के विचारों से सहमत..!वैसे आपको उसी बस ...डाक्टर साहब के विचारों से सहमत..!वैसे आपको उसी बस में सब के सामने प्रतिरोध जारी रखना चाहिए,समर्थन अपनेआप जुटता जायेगा..RAJNISH PARIHARhttp://www.blogger.com/profile/07508458991873192568noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-87259357012123147512010-01-31T13:26:15.335+05:302010-01-31T13:26:15.335+05:30मुम्बई की लोकट ट्रेन का एक वाकया बताती हूँ, एक कण...मुम्बई की लोकट ट्रेन का एक वाकया बताती हूँ, एक कण्डक्टर ने एक महिला से डेली पास दिखाने को कहा। पास में शायद कोई त्रुटि थी। महिला ने उसे स्वीकार किया। इस पर कण्डक्टर ने फाइन देने को कहा। महिला ने दिया लेकिन साथ ही उससे भी उसकी ड्यूटी पास मांगा। अब कण्डक्टर घबरा गया क्योंकि उस समय उसकी ड्र्यूटी नहीं थी वह पैसे उगाहने निकला था। महिला ने उसके एक झापट रसीद किया और उसके विरोध में सारी महिलाएं एकत्र हुई और फिर वह कण्डक्टर निलम्बित हुआ। जब तक हम संगठित नहीं होंगे ऐसे कोई भी कदम उठाए नहीं जा सकते। जब आप रोज ही यात्रा करते हैं तब अपना समूह भी बनाए और यदि आप जैसे पढ़े-लिखे लोग ही सहन करेंगे तब तो गरीब जनता तो शिकार ही बनेगी।Dr. Smt. ajit guptahttp://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-90883451743433543922010-01-31T09:06:50.207+05:302010-01-31T09:06:50.207+05:30एकाध शिकायती मेल तो लिखा ही जा सकता है। इससे मन क...एकाध शिकायती मेल तो लिखा ही जा सकता है। <br><br> इससे मन की भडास निकलने का एक अहसास तो हो ही सकता है और दूसरे क्या पता कुछ चेतावनी वगैरह देकर छोड देने वाला हल्का फुल्का ऐक्शन हो ही जाय। इसका एक उदाहरण मुंबई की बेस्ट बस में एक शख्स के साथ देख चुका हूं जब कंडक्टर के बक्कल नंबर के साथ शिकायत करने पर उसे उसके वरिष्ठों के ऑफिस में बुलवाया गया था और चेतावनी दे कर छोड दिया गया था। <br> <br> इससे उस कंडक्टर को थोडा बहुत कुनमुनवाया, भुनभुनवाया जा सकता है :)<br><br> बाकी तो वह करेंगे अपने मन की ही। फितरत बदलने में समय लगेगा।सतीश पंचमhttp://www.blogger.com/profile/03801837503329198421noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-36979934933766829232010-01-30T20:43:54.654+05:302010-01-30T20:43:54.654+05:30केवल उतरांचल ही नहीं...कमोबेश समूचे भारत में यही स...केवल उतरांचल ही नहीं...कमोबेश समूचे भारत में यही स्थिति है...किसी ना किसी को तो इस सब के ख़िलाफ़ आवाज़ उठानी ही होगी...लेकिन सब यही सोचते हैं कि मैं ही पहल क्यों करूँ? ...राजीव तनेजाhttp://www.blogger.com/profile/00683488495609747573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-47497209601423067942010-01-30T20:32:05.785+05:302010-01-30T20:32:05.785+05:30यह उत्तरांचल ही नही भारत के और भी कई प्रदेशों का ह...यह उत्तरांचल ही नही भारत के और भी कई प्रदेशों का हाल है बस ड्राइवर और कंडक्टर एक तो जनता को तंग कर रहे है उपर से पैसे भी बिना मतलब के वसूल करते है..यह तो दिल्ली में भी देखा गया है....सरकार को इस बारे में भी सोचना चाहिए ऐसे व्यवहार बर्दास्त योग्य नही है..विनोद कुमार पांडेयhttp://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-2785778800065165192010-01-30T18:17:37.478+05:302010-01-30T18:17:37.478+05:30काजल जी सही कह रहे हैं। केन्द्र सरकार और प्राइवेट ...काजल जी सही कह रहे हैं। केन्द्र सरकार और प्राइवेट कॉर्पोरेशनों के चेयरमैनों को मेल लिखना ही तूफान ला देता है। मैंने स्वयं दो बार ऐसा कर के समस्या से निजात पाई है लेकिन राज्य सरकार के प्रतिष्ठान किसी और तरीके से बनते हैं, नहीं सुनते। फिर भी एक बार आजमाने में हर्ज क्या है ?गिरिजेश रावhttp://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-89461613609890284802010-01-30T16:19:59.929+05:302010-01-30T16:19:59.929+05:30यह केवल उत्तराखंड की त्रासदी नहीं है और न कंडक्टरो...यह केवल उत्तराखंड की त्रासदी नहीं है और न कंडक्टरों तक ही सीमित है. वास्तव में यह एक मानसिकता है और कमोबेश भारत के हर राज्य की त्रासदी है.M VERMAhttp://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-80057860916958734912010-01-30T15:49:33.119+05:302010-01-30T15:49:33.119+05:30बहुत ही खेदजनक है यह तो....ऐसा मैंने भी देखा है.....बहुत ही खेदजनक है यह तो....ऐसा मैंने भी देखा है....महिलाओं को परेशान करके पता नहीं कैसी आत्मसंतुष्टि मिलती है,इन्हें.....आपको इनकी शिकायत करूर करनी चाहिए...rashmi ravijahttp://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-2992478100232414592010-01-30T15:49:13.151+05:302010-01-30T15:49:13.151+05:30महिलाओं और अन्य यात्रियों के साथ परिवहन निगम के कर...महिलाओं और अन्य यात्रियों के साथ परिवहन निगम के कर्मचारियों द्वारा की जा रही बदसलूकी के प्रति जन चेतना जगाता आपका आलेख बहुत अच्छा लगा. उम्मीद है परिवहन निगम के कुछ अधिकारी और कर्मचारी इसे अवश्य पढेंगे और अपने आचरण में सुधार लायेंगे और शायद सरकार तक भी आपकी आवाज पहुंचे.ह्रदय पुष्पhttp://www.blogger.com/profile/01112995466253583704noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-11034480165290457852010-01-30T15:27:36.072+05:302010-01-30T15:27:36.072+05:30.... यह निश्चिततौर पर अशोभनीय क्रत्य है... दंडनीय ....... यह निश्चिततौर पर अशोभनीय क्रत्य है... दंडनीय है !!!!श्याम कोरी 'उदय'http://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-77720938261661997062010-01-30T14:45:21.987+05:302010-01-30T14:45:21.987+05:30शेफाली बहना,यही तो इस देश की त्रासदी है, जो सरकारी...शेफाली बहना,<br>यही तो इस देश की त्रासदी है, जो सरकारी नौकरी पा जाता है वो खुद को सरकारी दामाद ही समझने लगता है...इस तरह का बर्ताव वो लोग ज़्यादा करते जो योग्यता के बल पर नहीं भ्रष्टाचार या भाई भतीजावाद के चलतेसरकारी नौकरियां पा जाते हैं...ऊपर आका बैठे होने की वजह से इतने निरकुंश हो जाते हैं..कोई सख्त अफ़सर नकेल कसने की कोशिश करता है तो ये सब मधुमक्खी के छत्ते की तरह मिलकर उस पर पिल पड़ते हैं...और आपके मुख्यमंत्री जी को सिल्क के कपड़े पहनकर पूरे पेज के एड में अपना गुणगान करने से ही फुर्सत नहीं मिलती,वो आम आदमी की परेशानियों को कैसे समझेंगे...<br> <br>मैं आपको सैल्यूट करता हूं कि आप एक कर्मयोगी की तरह इतनी सब दुश्वारियों के बावजूद रोजाना अग्निपथ पर चलती हैं और काम से घर वापस आकर गृहणी की ज़िम्मेदारियों को भी पूरा करती हैं...ये पद्मश्री बांटने वालों को दिखाओ कि एक आम आदमी का जीवन जीना कितना मुश्किल होता है और वो भी चेहरे पर मुस्कान लिए हुए...<br><br>जय हिंद...खुशदीप सहगलhttp://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-56378703266142390602010-01-30T14:29:27.858+05:302010-01-30T14:29:27.858+05:30आपको राज्य परिवहन निगम के CMD को लिखित शिकायत करनी...आपको राज्य परिवहन निगम के CMD को लिखित शिकायत करनी ही चाहिये. समय,रूट,बस का नंबर,टिकट नंबर ज़रूर दें ताकि समुचित कार्यवाही की जा सके. ऐसी धौंस सहनी नहीं चाहिये. देर ज़रूर हो सकती है पर कार्यवाही ज़रूर होगी. इस बीच, RTI के अंतर्गत जानकारी भी मांगें कि फलां शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई.Kajal Kumarhttp://www.blogger.com/profile/00998541605207954925noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-63916693027888625432010-01-30T13:58:26.455+05:302010-01-30T13:58:26.455+05:30wastaw men jo huaa aur jo ho rahaa hai woh sharmna...wastaw men jo huaa aur jo ho rahaa hai woh sharmnaak hai, eeshwar aise badtameezon ko sadbudhhi nahee to sabak hee de de.main... ratnakarhttp://www.blogger.com/profile/06401132634460924460noreply@blogger.com