tag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post6558079032928209134..comments2024-02-14T14:23:49.866+05:30Comments on कुमाउँनी चेली: क्या जायज़ है क्या नाजायज़ ? हमको कुच्छ नहीं पता ।शेफाली पाण्डेhttp://www.blogger.com/profile/14124428213096352833noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-27450829223775758502015-09-01T21:18:44.302+05:302015-09-01T21:18:44.302+05:30घटना शर्मनाक है लेकिन यह सच है कि भारतीय समाज में ...घटना शर्मनाक है लेकिन यह सच है कि भारतीय समाज में बच्चे बचपन से हिंसा की स्वीकृति देखते हुए ही बड़े होते हैं। कसाई की दुकानों से लेकर सड़क पर पड़े दुर्घटनाग्रस्त व्यक्तियों के अलावा हिंसक शिक्षकों और पुलिसकर्मियों से तो हर मोड पर मुलाक़ात होती है। Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-80040934703704470892015-08-31T19:33:06.898+05:302015-08-31T19:33:06.898+05:30हां उमेश के पास भी वो वीडियो आया व्हाट्स एप पर. उन...हां उमेश के पास भी वो वीडियो आया व्हाट्स एप पर. उन्होंने दिखाया लेकिन मैं पूरा देख नहीं पाई. ऐसे वीडियो मेरा दिल दहलाते हैं. पिटाई, पिटाई है वो चाहे किसी की भी हो. मुझे तो लगता है कि निर्बल की पिटाई होनी ही नहीं चाहिये. वो चाहे बच्चा हो या बूढा. बच्चा और बूढा वो भी बीमार दोनों ही असहाय होते हैं. सिर पर पल्लू डाले बहू जिस तरह सास को पीट रही थी, उसे सही तो कहा ही नहीं जा सकता. भले ही सास ने अपने दिनों में बहू को पीटा हो. यदि बहू जवान होने के बाद भी पिटती रही, तो ये उसकी गलती है. उसने हाथ क्यों नहीं पकड़ा? अब बीमार को इस पीट कर अपना बल दिखाना गलत है.वंदना अवस्थी दुबेhttp://wwwvandanablog.blogspot.innoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-89232218090813209172015-08-31T19:32:11.814+05:302015-08-31T19:32:11.814+05:30हां उमेश के पास भी वो वीडियो आया व्हाट्स एप पर. उन...हां उमेश के पास भी वो वीडियो आया व्हाट्स एप पर. उन्होंने दिखाया लेकिन मैं पूरा देख नहीं पाई. ऐसे वीडियो मेरा दिल दहलाते हैं. पिटाई, पिटाई है वो चाहे किसी की भी हो. मुझे तो लगता है कि निर्बल की पिटाई होनी ही नहीं चाहिये. वो चाहे बच्चा हो या बूढा. बच्चा और बूढा वो भी बीमार दोनों ही असहाय होते हैं. सिर पर पल्लू डाले बहू जिस तरह सास को पीट रही थी, उसे सही तो कहा ही नहीं जा सकता. भले ही सास ने अपने दिनों में बहू को पीटा हो. यदि बहू जवान होने के बाद भी पिटती रही, तो ये उसकी गलती है. उसने हाथ क्यों नहीं पकड़ा? अब बीमार को इस पीट कर अपना बल दिखाना गलत है.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-35829828690483539702015-08-30T18:11:03.727+05:302015-08-30T18:11:03.727+05:30ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, सरकार भरोसे नौजवा...ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, <a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2015/08/blog-post_30.html" rel="nofollow"> सरकार भरोसे नौजवान - ब्लॉग बुलेटिन </a> , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !ब्लॉग बुलेटिनhttps://www.blogger.com/profile/03051559793800406796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-85868671992314299422015-08-30T16:59:56.164+05:302015-08-30T16:59:56.164+05:30वैसे मानसिक पिटाई कर मारने से अच्छा इस तरह मारना ठ...वैसे मानसिक पिटाई कर मारने से अच्छा इस तरह मारना ठीक नहीं है क्या ? बहुत जगह बहुत तरीके से पिटाई होरही है अब सब जगह कैमरे कौन लगा कर आये ? और माना लगा भी दिये गये तो इतने लोगों की पिटाई के सीन कैसे देखे जायेंगे । टेंशन मत करिये गुस्सा निकाल तो दिया अब खुश रहिये । ज्यादा ही मन करे तो किसी को घर में पीट सकती हैं :)सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.com