tag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post7254904141932208177..comments2024-02-14T14:23:49.866+05:30Comments on कुमाउँनी चेली: क्यूँ ???????????शेफाली पाण्डेhttp://www.blogger.com/profile/14124428213096352833noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-20413528555547149922013-04-27T15:26:13.927+05:302013-04-27T15:26:13.927+05:30सच लिखा है.
जब तक कड़ी सज़ा का डर न हो तब तक हैवान...सच लिखा है.<br />जब तक कड़ी सज़ा का डर न हो तब तक हैवानियत का खेल जारी रखेंगे ये दरिंदे. .Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-33106004089843171122013-04-25T16:59:11.172+05:302013-04-25T16:59:11.172+05:30हे भगवान इत्ते सवाल ?हे भगवान इत्ते सवाल ?Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-62662317020449904322013-04-24T19:38:50.244+05:302013-04-24T19:38:50.244+05:30हम्मम। सारा खेल सोच और संवेदना का ही तो है। आपकी प...हम्मम। सारा खेल सोच और संवेदना का ही तो है। आपकी पोस्ट अच्छी लगी। लिखते रहिए। Manohar Chamolihttps://www.blogger.com/profile/15748761967322471897noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-2451609798238625702013-04-24T17:32:31.868+05:302013-04-24T17:32:31.868+05:30ठोस निर्णय, ठोस संकेत।ठोस निर्णय, ठोस संकेत।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-25264319028572926362013-04-24T17:01:26.225+05:302013-04-24T17:01:26.225+05:30"दिल में जब खौफ भरेगा, तभी सच्चा इन्साफ मिलेग... "दिल में जब खौफ भरेगा, तभी सच्चा इन्साफ मिलेगा" यह नितांत आवश्यक है.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-86905930733266763742013-04-24T17:01:03.658+05:302013-04-24T17:01:03.658+05:30आपकी बात से अक्षरश: सहमत, ऐसा ही होना चाहिये.
राम...आपकी बात से अक्षरश: सहमत, ऐसा ही होना चाहिये.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-79893151068152152492013-04-24T14:48:36.782+05:302013-04-24T14:48:36.782+05:30truetrueरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-14431321530716326382013-04-24T14:25:21.394+05:302013-04-24T14:25:21.394+05:30तुम्हारे सवालों के जबाब किसी के पास नहीं शैफाली. ज...तुम्हारे सवालों के जबाब किसी के पास नहीं शैफाली. जिस दिन होंगे इस समाज की शक्ल ही अलग होगी.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4617131179721652615.post-81460786062394743342013-04-24T12:30:13.682+05:302013-04-24T12:30:13.682+05:30लिया जाता है. देखा जाए तो बलात्कारी भी भावनओं के आ...लिया जाता है. देखा जाए तो बलात्कारी भी भावनओं के आवेश में आ कर ऐसा निंदनीय कृत्य करता होगा . अब अगर सभी लोग आवेश में आ जाएं तो सैधांतिक रूप से हमारी सोच को भी अहिंसक नहीं कहा जा सकता .<br />न्याय प्रक्रिया में मुस्तेदी की जरूर आवश्यकता है. इस तरह के सीधे सीधे केसों पर जल्दी, मगर विवेकपूर्ण निर्णय दिए जाए तो बेहतर होगा . बाकी अपराध और आपराधिक प्रवति को हम परवरिश में प्रेम का अभाव मानते है. इसलिए हमारी द्रष्टि में इसका समाधान भी प्रेम ही हो सकता है. <br />लिखते रहिये ...Majaalhttps://www.blogger.com/profile/08748183678189221145noreply@blogger.com