लगा दो बैन फ़ौरन
स्लमडॉग मिलेनिअर पर
सोने की चिडिया के
क़तर गया सारे पर
अदना सा एक फौरेनर
इसको न लिहाज न कोई शर्म है
ऑस्कर पाना पहला और आखिरी धर्म है
इस गोरे ने देखो
कैसा झूठा दृश्य दिखाया
कमरे में कोई आज तक
बंद न हमको कर पाया
रेल की पटरी के नीचे
या बड़ी-बड़ी झाड़ी के पीछे
मिलते हैं हम सुबह सवेरे
अपनी -अपनी आँखों को मीचे
हमने कब सिर्फ आँख निकाली
फ्री में तोड़े हाथ-पैर भी
किडनी निकाल कर बेच डाली
लतिका के जवान होने का
मूरख करते हैं इंतज़ार
हम बचपन में ही कर देते हैं
कई बार उसका बलात्कार
यह फिल्म झूठ का पुलिंदा है
इस पर दर्शक शर्मिंदा है
यह सेट भी झूठे, पात्र भी झूठे
झूठी सारी कहानी है
ऐसी झूठी फिल्म बनाना
हमारा घोर अपमान है
लडकियां हमारी देवियाँ
हर बालक में राम है
हम बसते हैं यशराज के
चमकीले बैनर में
सजते हैं करन के
भड़कीले जौहर में
भाइयों, बहनों हो न हो
इसमें विदेशी हाथ है
शामिल इसमें हिजबुल
या हरकत-उल
और पाक भी
उसके साथ है…………. शेफाली
फिल्म मैंने नहीं देखी है
जवाब देंहटाएंपर आपने ऐसा वर्णन किया है
कि सारे झूठ को पर पर किया है
एक एक पर झूठ कह रहा है
फिल्म से पानी की तरह झूठ बह रहा है
बहना यह थमना होगा
सबको इस झूठ के विरोध में डटना होगा।
बड़ा ही तीखा और धारदार व्यंग्य किया है आपने.
जवाब देंहटाएंbahut sateek vyang hai.
जवाब देंहटाएंbadhai
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जवाब देंहटाएंवाह, कमाल की धार है आपके व्यंग्य की।
जवाब देंहटाएंघुघूती बासूती
येल्लो ई सब भी हो चुका है इहां पर!
जवाब देंहटाएंबिना वजह हल्ला मचाने वालो के मुंह पर तमाचा है..
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