सोमवार, 2 मार्च 2009

"तुम सब फ़ेल हो जाओ".....मास्साब सोमनाथ चटर्जी

"तुम सब फ़ेल हो जाओ".....मास्साब सोमनाथ चटर्जी
कहाँ कहाँ की ठोकर खाई
कौन से द्वारे माथ न टेका
कितनी तगड़ी घूस खिलाई
छोड़ी हँसिया, चूमा हाथ
दस जनपथ की धूल
लगाई अपने माथ
तब कहीं जाकर के खुशियाँ छाईं
निगोड़ी कुर्सी हाथ में आई

छोटे-छोटे इन बच्चों ने
उधम खूब मचाया
घर बाहर के दंगों में
हुडदंग खूब मचाया
पहली बार स्कूल देखा
मास्टर जी को खूब रुलाया

क्लास में न कोई वर्क किया
खोली न घर में कभी किताब
अगले माह बोर्ड परीक्षा
कैसे होंगे बच्चे पास ?
सोच सोच कर यह सब
दुखी हुए सोमनाथ

इसीलिए जीभ से फिसल गया
खो दिया अपना आप
अनजाने में निकल गया
मुँह से ऐसा श्राप ............ शेफाली

13 टिप्‍पणियां:

  1. क्लास में न कोई वर्क किया
    खोली न घर में कभी किताब
    अगले माह बोर्ड परीक्षा
    कैसे होंगे बच्चे पास ?
    सोच सोच कर यह सब
    दुखी हुए सोमनाथ
    ...वाह-वाह शेफाली जी..बहुत सटीक, सामयिक, सहज और अत्यंत प्रशंसनीय. आपके रचनाकार को प्रणाम.

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  2. बहुत अच्छा. सरल शब्दों में और बिना आडम्बर के आपने पूरी बात कह दी है. बधाई.

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  3. कविता का पहला पैरा ईमानदार नहीं है। शेष कविता बहुत सुंदर है। सोमनाथ दा को स्पीकर बनाने का निर्णय खुद उन का नहीं अपितु उन की पार्टी का था। हाँ लेकिन एक बार संवैधानिक जिम्मेदारी मिलने के बाद दादा ने उसे बखूबी निभाया।

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  4. बहुत मस्त कविता है रोचकता के साथ साथ एक गंभीर बात भी , बधाई

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  5. हिंदी ब्लॉगजगत में आपका स्वागत है।

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  6. हिंदी ब्लॉग के लिए आपको शुभकामनाएं....
    बहुत बढ़िया और सामयिक कविता लिखी है.. आपने..

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  7. achchha yang hai, padhkar maja aaya.

    ------------------------------------"VISHAL"

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  8. ब्लाग संसार में आपका स्वागत है। लेखन में निरंतरता बनाये रखकर हिन्दी भाषा के विकास में अपना योगदान दें।
    रचनात्मक ब्लाग शब्दकार को रचना प्रेषित कर सहयोग करें।
    रायटोक्रेट कुमारेन्द्र

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  9. ब्लोगिंग जगत में आपका स्वागत है।
    सुंदर रचना के लिए शुभकामनाएं।
    भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
    लिखते रहि‌ए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
    कविता,गज़ल और शेर के लि‌ए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
    मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
    www.zindagilive08.blogspot.com
    आर्ट के लि‌ए देखें
    www.chitrasansar.blogspot.com

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  10. आज आपका ब्लॉग देखा.... बहुत अच्छा लगा. मेरी कामना है कि आपका ब्लॉग जन-सामान्य की भावनाओं और सरोकारों की अभिव्यक्ति हां सशक्त माध्यम बने और आपके शब्द निरंतर नई ऊर्जा, अर्थवत्ता और विस्तार पायें.
    कभी समय निकाल कर मेरे ब्लॉग पर पधारें-
    http://www.hindi-nikash.blogspot.com

    शुभकामनाओं के साथ-
    आनंदकृष्ण, जबलपुर
    मोबाइल : 09425800818

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  11. किशोर जी से सहमत.. रोचकता और गंभीरता बराबर पुट लिए हुए है

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