साथियों ...जब से मैंने ये सुना है कि रांची में राजनीति की पाठशाला है ...तब से दिमाग में खलबली मची थी ....कि वहां कौन कौन पढ़ाता होगा ...आप भी जानिए ...
लालू वहां के प्रोफेसर, पढ़ाएं मैनेजमेंट
बिहार से उखड़ा तम्बू तो,
दिल्ली में लगा लो टेंट
ऐ से ऐ राबड़ी, बी से भेंसुआ
सी से चारा
आओ बच्चों सीखें, कैसे करें घोटाला
करो घोटाला, जाओ जेल
भैंस ना मिले तो दुह लो रेल
प्रोफेसर इन वेटिंग हैं आडवाणी
सुर बदलती इनकी वाणी
जाएं पाकिस्तान बोलें,
जय हो जिन्ना भाईजान की
हिन्दुस्तान में बोलें
जय सियावर राम की
लेक्चरार हैं वहां अम्बुमणि
पटाखों की लम्बी लड़ी
हर बात पे फटने को तैयार
हर फटे में घुसने को बेकरार
अर्जुन सिंह वहां के डीन
सुनते बस मंडल की बीन
काबू से बहार इनके बच्चे
इनके संस्मरण इनसे अच्छे
मनमोहन वहां के एच. ओ. डी.
सुनते सबकी करते मैम के मन की
अनुशासन का ऐसा उदाहरण
पपेट शो का लाइव प्रसारण
लाइब्रेरियन है प्रियंका गाँधी
बस गीता पढ़नी जिसको आती
रोड पे चलता मेरा भैय्या
वरुण चले तो ता ता थैय्या
बहुत कठिन है एडमिशन
स्विस बैंक देता परमिशन
जिसके ज्यादा हों जितने खाते
उसके ही बच्चे प्रवेश पाते
एक मंजिल में पाठशाला
है दूजी में पागलखाना
है गेट दोनों का एक
युनिफोर्म एक सिलेबस एक
यह रांची की पुण्यभूमि
राजनीति की कर्मभूमि
दर्शन करने ज़रूर आना ....शेफाली
करो घोटाला, जाओ जेल
जवाब देंहटाएंभैंस ना मिले तो दुह लो रेल .....
मज़ा आ गया .
भूखी रह गयी भैंस, समूचा चारा चट कर डाला।
जवाब देंहटाएंलालू-रबड़ी दोनों ने, अब दिल्ली में डेरा डाला।।
wah wah....kya baat hai
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