कुमाउँनी चेली
मंगलवार, 1 सितंबर 2009
वो पल
कुछ पल के लिए चमका था
मेरी आँखों में जुगनू बनकर
उजाले से उसके आज तक
रोशन है पैरहन मेरा ........
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