रविवार, 10 अक्तूबर 2010

साठ की उम्र में माँ बनना और सास - बहू संवाद......

साठ की उम्र में माँ बनना  और सास - बहू संवाद......
 
किया है  तूने मुझे ज़िंदगी भर तंग
जी भर के अब बदले चुकाउंगी | 
दादी और नानी तो मैं पहले  ही से थी
माँ बन के तुझको फिर से दिखाउंगी |
डाल के तेरी गोद में ननद और देवर
क्लब और पार्टियों में मौज उड़ाउंगी |
 
कहा था मैंने एक दिन जब बहू !
हो गया है मुझको तो गठिया
तूने कहा था पागल तो पहले ही से थी
अब गई हो पूरी की पूरी  सठिया
 देख लेना जी भर के अब
 शुगर और बी. पी. तेरा. कैसे मैं बढ़ाउंगी |
 
सोचा था तूने इकलौती हूँ बहू
जायदाद का मज़ा अकेले ही उड़ाउंगी |
अभी तो हूँ बहूरानी! साठ ही की 
सत्तर पे आउंगी तो लाइन लगाउंगी |  
 
रात भर करती हो चेटिंग
दिन भर भेजो तुम स्क्रेप |
तेरी उन सेटिंगों में
सेंध अब लगाउंगी |
तेरे बॉय फ्रेंडों को पटाकर 
हालत पे तेरी एक ब्लॉग मैं बनाउंगी |