शुक्रवार, 9 मार्च 2012

नाम एक है लेकिन फर्क देखिये ......

नाम एक है लेकिन फर्क देखिये 
किसका बेडा पार हुआ ,
किसका हुआ है गर्क देखिये  .......

पहले के लिए .............

टीम की करारी हार 
शर्मनाक पराजय 
ख़राब प्रदर्शन 
के कारण 
संन्यास की घड़ी है |

दूसरे के लिए ...........
करारी हार 
शर्मनाक पराजय 
ख़राब प्रदर्शन 
के कारण 
पूरी टीम 
संन्यास लेने 
को खड़ी है |



गुरुवार, 8 मार्च 2012

क्यूँ हार गए खंडूरी जी ......एक विश्लेषण

ना होते अगर ज़रूरी 
श्रीमान खंडूरी 
तो जीत गए होते |
नाकाम होते षड्यंत्र, और  
विश्वासघाती, भितरघाती  
उनके पैरों तले बिछ गए होते | 

चलिए, उनके हारने की 
तह तक जाते हैं 
और हार के कारणों का 
पता लगाते हैं | 

वोटरों ने बताया कि 
ज़रूरी चीज़ों से वे 
बहुत ज्यादा घबराते हैं 
उनके सिर्फ़ ख्याल ही 
दिन रात रुला जाते हैं |

राशन, पानी, बिजली 
गैस की लम्बी कतार 
महंगाई की मार  
सोते - जागते सताते हैं |

इसीलिये अब 
गैर ज़रूरी चीज़ें 
हमें भाने लगी हैं 
मॉल, मोबाइल,  
बर्गर पीज़ा की दुनिया 
रास आने लगी हैं |

हाईकमान 
के गलत निकले अनुमान 
चीज़ ज़रूरी हो तो 
मन को अच्छी नहीं लगती हैं |
और बैठक कोई भी हो, 
सजावटी, नकली और बेकार 
की वस्तुओं से ही सजती है | 





 

बुधवार, 7 मार्च 2012

चुनाव परिणाम आने के पश्चात् कुछ घिसे पिटे बयान.......

चुनाव परिणाम आने के पश्चात् कुछ घिसे पिटे बयान.......

हमने अपनी हार स्वीकार कर ली है ....

इसके अलावा आपके पास 
बाकी कोई चारा नहीं था 
क्यूंकि 
आपके सिर पे करारी हार 
उनके गले फूलों का 
हार सजा था ..........
 

 हम हार के कारणों का मंथन करेंगे .....
 
हम
हार के कारणों का
मंथन कर रहे हैं
विष ही विष निकल रहा है
चारों ओर से
पी जाए जो फिर
आँख मूँद कर, 
उस
शिव शंकर को
ढूंढ रहे हैं .........

 
हम विपक्ष में बैठेंगे 
 
ऐसा कहना बहुत ज़रूरी है 
ये आपकी मजबूरी है 
क्यूंकि 
जब हार जाते हैं तो बस 
विपक्ष में ही बैठ पाते हैं 
 
 
हम जनता की सेवा करेंगे 
 
सच है यह सोलह आने 
क्यूंकि 
जब बैठे हों गद्दी में तो 
सेवा करने के क्या माने?
 
हम जनादेश का सम्मान करेंगे 
 
जनादेश का हम बहुत सम्मान करेंगे 
पूरे पांच साल तक कैसे 
भला इंतज़ार करेंगे ?
 भिडाएंगे ऐसी जुगत,करेंगे कुछ ऐसा, 
अगले ही साल चुनाव के हालात करेंगे.