चुनाव परिणाम आने के पश्चात् कुछ घिसे पिटे बयान.......
हमने अपनी हार स्वीकार कर ली है ....
इसके अलावा आपके पास
बाकी कोई चारा नहीं था
क्यूंकि
आपके सिर पे करारी हार
उनके गले फूलों का
हार सजा था ..........
हम हार के कारणों का मंथन करेंगे .....
हम
हार के कारणों का
मंथन कर रहे हैं
विष ही विष निकल रहा है
चारों ओर से
पी जाए जो फिर
आँख मूँद कर,
उस
शिव शंकर को
ढूंढ रहे हैं .........
हम विपक्ष में बैठेंगे
ऐसा कहना बहुत ज़रूरी है
ये आपकी मजबूरी है
क्यूंकि
जब हार जाते हैं तो बस
विपक्ष में ही बैठ पाते हैं
हम जनता की सेवा करेंगे
सच है यह सोलह आने
क्यूंकि
जब बैठे हों गद्दी में तो
सेवा करने के क्या माने?
हम जनादेश का सम्मान करेंगे
जनादेश का हम बहुत सम्मान करेंगे
पूरे पांच साल तक कैसे
भला इंतज़ार करेंगे ?
भिडाएंगे ऐसी जुगत,करेंगे कुछ ऐसा,
अगले ही साल चुनाव के हालात करेंगे.