मान जाओ मानसून ....
मान जाओ
सुन लो
मानसून
अब आ भी जाओ ।
मत
तरसाओ
जल्दी से आओ
सब तर कर जाओ ।
बरस
बाद आए हो
पाहुन
बिन बरसे मत जाओ ।
यूँ ही
मत गुजरो
तुम
ज़ोर - ज़ोर से गरजो ।
मत लो
हमसे बदला
प्यारे - प्यारे
तुम हो बदरा ।
सूख गई
सारी धरती
इस धरती को
अब सुख सारे दे जाओ ।
प्यासी
अँखियों को
और न भटकाओ
भर दो गागर
भर दो सागर
नदियों का
सीना भर जाओ ।
सुनो ! मान जाओ
मानसून
अब आ भी जाओ । [मास्टरनी ]
मान जायेगा
जवाब देंहटाएंइतनी अच्छी
तरह अगर
कोई बुलायेगा ।
मान न कर सुन जल्दी से आजा मानसून,
जवाब देंहटाएंमान जा न soon ओ मानसून
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन अच्छी खबरें आती है...तभी अच्छे दिन आते है - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंमानसून में आदमियत आ गयी है, तभी तो इतनी पुकार और मनुहार का भी कोई असर नहीं पड़ रहा :)
जवाब देंहटाएंwah bahut sundar manuhar
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जवाब देंहटाएंकल 04/जुलाई /2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
धन्यवाद !
अब तक अवश्य आ गया होगा ...
जवाब देंहटाएंआप इतने प्यार से बुला रही हैं अब तो आ ही जाएगा मानसून
जवाब देंहटाएंबहुत खूब शैफाली जी
http://kaynatanusha.blogspot.in/2014/07/blog-post.html
बढ़िया रचना व लेखन , शेफाली जी धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंInformation and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
आ भी जा रे मान सून। .
जवाब देंहटाएंसुन ले पुकार
बढ़िया आवाहन
सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंमानसून को मनाने का सुन्दर तरीका
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया
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