रेप से परे कितना कुछ घट रहा है इस दुनिया में। हम हैं कि सिर्फ रेप की ख़बरों पर नज़र जमाए रहते हैं। सही कहना है मंत्री महोदय का, '' रेप के अलावा और कोई खबर नहीं है क्या''। चलिए देखते हैं कुछ और ख़बर, डालते हैं सुर्ख़ियों पर एक नज़र।
खबर, सब की सब बेहतरीन हैं । एकदम ताज़ा तरीन है।
आज ही बिलकुल आज ही--------
बस स्टेशन से एक किशोरी बरामद हुई। एंटी ह्यूमन ट्रेफिकिंग सेल के खाते में एक और सफलता दर्ज़ हुई। इस राज्य से उस राज्य तक फल - फूल रही है मानव तस्करी। बीस, तीस से लेकर चालीस हज़ार तक में सौदा कर रहे हैं माँ - बाप। अब सबकी गरीबी दूर हो जाएगी। लडकियां तो और पैदा जाएँगी। अधेड़ और विधुर बेकरार हैं दूल्हे बनने के लिए। तुल रहीं हैं चुपचाप लडकियां, जैसे तुलती हैं मुर्गियां कटने से पहले। बिक रहीें हैं चुपचाप लड़कियां, जैसे कटने के लिए बिकती है गाय। गिद्ध की नज़र लिए, बाज़ सी झपट लिए शहर, गाँव, देहात सक्रिय हैं बिचौलियों के गिरोह के गिरोह।
पिछले छह महीनों के दौरान तकरीबन रोज़ ही बरामद हो रही है एक लड़की।
आज ही बिलकुल आज ही -------
शहर के बिल्कुल बीचों - बीच, पॉश इलाके में कुछ समय से चल रहे हाई प्रोफाइल सैक्स रैकेट का भंडाफोड़। लडकियां बरामद हुई पाँच। पाँचों की उम्र कम है चौदह से सोलह साल के बीच। गिरोह में शामिल हुईं थीं चार लडकियां गरीबी की मार से, और एक अपनी लाइफ - स्टाइल मेंटेन करने की चाह से। पकड़ी गयी लड़कियों ने शर्म से, चेहरे ढक रखे हैं अपने - अपने दुपट्टों से। संचालिका के पास से मिले कई सफेदपोशों के फोन न. और पते। इन पतों को हमेशा की तरह गोपनीय रखा जाएगा और बरामद लड़कियों को सदा की तरह हवालात में रखा जाएगा।
पिछले छह महीनों के दौरान पकड़ा जाने वाला यह आठवाँ रैकेट है।
आज ही बिलकुल आज ही ----------
एक पंद्रह वर्षीया लड़की ने दुष्कर्म का आरोप लगाया, अपने ही सगे फूफा पर। उम्र में फूफा, बाप से भी बड़ा था। 'सबको दिखा दूंगा क्लिपिंग' कहकर धमकाता था। बेधड़क होकर घर में आता - जाता था। चुप थी वह पिछले दो साल से बदनामी के डर से। बात खुल गयी, जब वह गर्भवती हो गयी। आखिरकार फूफा को हथकड़ी लग गयी। फूफा का आरोपों से पूर्णतः इंकार। आपसी सहमति को बताया संबंधों का आधार। जनता का यह मानना है कि मामला काफ़ी संदिग्ध है। इतने साल चुप रही है लड़की। इसके पीछे ज़रूर कोई न कोई रहस्य है।
पिछले छह महीनों के दौरान घरेलू रिश्तेदारों द्वारा दुष्कर्म की शिकायत दर्ज होने वाला यह पच्चीसवां मामला है।
आज ही बिल्कुल आज ही ------------
एक नवजात कन्या का शव कूड़े के ढेर से बरामद हुआ। मंडरा रहे थे लाश पर कव्वे। खींचकर ले जा रहे थे कुत्ते। सुगबुगाहट है जनता के मध्य। यह किसी कुंवारी कन्या की अवैध संतान है या पुत्र पाने की लालसा का परिणाम है। मार कर फेंक दिया होगा या फेंक दिया होगा तब मर गयी। अलग - अलग लग रहे हैं कयास।बहरहाल इसे फेंकने वाले की जारी है तलाश।
पिछले छह महीनों के दौरान का जानवरों द्वारा खींचा जाने वाला नवजात कन्या का यह नवां शव है।
आज ही बिल्कुल आज ही ------------
एक विवाहिता का शव पंखे से लटका मिला। दो मासूम बच्चों को बिलखता छोड़ गयी। मरने से पहले एक चिट्ठी लिख गयी 'मेरी मौत का किसी को ज़िम्मेदार न ठहराया जाए, किसी को परेशान बिला वजह न किया जाए। रिश्तेदारों ने बताया लव मैरिज हुई थी। साथ जीने और साथ मरने की कसमें हुईं थीं। दो ही साल में क्या हुआ दोनों के बीच, कोई नहीं जानता। 'क्या वजह रही होगी मरने की ? मासूम बच्चों को अकेला छोड़ने की? लव मेरिज का अंजाम आखिर में यही होता है'। फंदे पर झूलती औरत को देख आँखें बंद कर रहे हैं। सब आपस में बातें कर रहे हैं। 'आजकल औरतों को मरने की बीमारी है'। इस पूरे मामले की भी तफ्तीश जारी है।
पिछले छह महीनों के दौरान विवाहिताओं के द्वारा स्वेच्छा से की जाने वाली आत्महत्या की यह पंद्रहवीं घटना है।
आज ही बिल्कुल आज ही ------------
एक मनचला रोज़ पीछा करता था उसका। तरह - तरह से परेशान करता था। रास्ते से चलना हराम कर देता था। परेशान होकर लड़की ने आखिर दे दिया जवाब, 'मेरा पीछा करना बेकार है, मुझे किसी और से प्यार है'। आशिक झल्ला गया । एकदम से पगला गया। गुस्से का पारावार नहीं रहा। लाया तेज़ाब खरीद कर। पूरी की पूरी बोतल उलट दी, सरे - राह चेहरे पर। बोला, 'ले ! अब बैठी रह जला और गला हुआ चेहरा लेकर। मुझको 'ना' बोलने वाली, अब भुगत उमर भर'।
पिछले छह महीनों के दौरान तेजाबी हमलों से चेहरा, जिस्म और आत्मा के झुलसने का यह ग्यारहवां मामला है।
आज ही बिलकुल आज ही ------------
एक लड़की ने प्यार करने की बड़ी भारी कीमत चुकाई। खाप - पंचायत ने सजा सुनाई। मार कर फांसी पर लटका दिया। मामले को आत्महत्या ठहरा दिया। पंचायतें आने वाली पीढ़ी को प्यार करने से बचाएंगी। इनके कंधे पर बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी है। दोस्ती, प्रेम और प्यार से निपटने की इनकी पूरी तैयारी है। हर प्यार करने वाले को ऐसे ही सबक सिखाएंगी। प्यार करने से पहले लड़के - लडकियां फांसी पर झूलते हुए शव को याद करेंगे। ये पंच, ये परमेश्वर, प्यार को एक दिन दुनिया से खत्म कर देंगे।
पिछले छह महीनों के दौरान प्यार करने की कीमत जान देकर चुकाने वाली यह सातवीं लड़की है।
आज ही बिल्कुल आज ही ---------------
तीन औरतों को सज़ा दी गयी। बच्चों की हो रही मौतों का ज़िम्मेदार ठहराया गया। उन पर शक था कि वे टोना - टोटका करती हैं, मासूम बच्चों की जान लेती हैं। पहले उन्हें खंभे से बांधा गया। मारा गया। पीटा गया। काट दिए उनके बाल। बुरा कर दिया हाल। फिर भी भर नहीं सका मन। तब क्या किया जाए? कैसे सज़ा पूरी की जाए? प्रश्न यह सबके आगे खड़ा था। मिलजुल कर किया विमर्श। सलाह, मशविरा और परामर्श। एक उपाय सबके मन को भा गया। तीनों को निर्वस्त्र किया गया। सबने देखा तमाशा। बच्चे - बूढ़े, जवान। ताली बजा रहे थे हुक्मरान। वे चीखती रहीं, रोती रहीं। सबके पाँव पड़ती रहीं। गाँव - गाँव इन्हें घुमाया गया। सबको इन जादूगरनियों का अंजाम दिखाया गया।
पिछले छह महीने में औरतों को निर्वस्त्र करके घुमाए जाने की यह बारहवीं घटना है।
होती हैं साहब बिल्कुल होती हैं। देश में रेप से परे भी कई घटनाएं होतीं हैं।
लोगो की मानसिकता बदलनी होगी..यही उपाय है काफी लम्बा समय जरुर लगेगा..शुरुवात पालक अपने बच्चो से शुरुवात कर सकते हैं..
जवाब देंहटाएंउफ़ ..दर्दनाक...शर्मनाक...
जवाब देंहटाएंउफ़ ....
जवाब देंहटाएं:( :( :(
जवाब देंहटाएंWow, this paragraph is good, my sister is analyzing such things, thus I
जवाब देंहटाएंam going to tell her.
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