पुराने पन्नों से ......मंगलवार, २४ मार्च २००९
अगले जन्म मोहे ब्लोगर का पति ना कीजो .........
मैं कपड़े धोता
छप छप छप
तुम की बोर्ड पे करती
खट खट खट
मैं अपनी किस्मत फोडूं
सूखी रोटी रोज़ तोडूं
तुम लो बातों के चटखारे
मैं देखूं दिन में तारे
दाल में मेरी नमक नहीं
चावल भी खाऊं मैं कच्चा
कपड़े बिखरे जहाँ तहाँ
बच्चे फिरते यहाँ वहाँ
सारी दुनिया झूठी प्रिये!
एक तेरा ब्लॉग है सच्चा
टिप्पणियाँ तुम देती हो दिन भर
मैं जो कर दूँ एक भी तुम पर
आँखों से बह जाए गंगा जमुना
उठ जाता है घर सिर पर
मेहमान भी जो घर पे आते
अपनी चाय आप बनाते
कहते हैं वो हंस हंस कर
भगवान् बचाए उसको
जिसकी बीबी हो ब्लोगर
याद है मुझको वह काला दिन
जब तुमको मैंने नेट सिखाया
पटके ज़मीन में बच्चे तुमने
गोदी में लैपटॉप बिठाया
फूल सूख गए गमलों में सारे
ताजा गुलाब तेरा चेहरा
पीले पड़ गए मैं और बच्चे
तेरे होंठों का रंग हुआ गहरा
दीवाली में छाया अँधेरा
होली में नहीं उड़ा गुलाल
त्यौहार सारे फीके हुए
तेरा ब्लॉग हुआ गुलज़ार
एक्सेप्ट और रिजेक्ट के
तेरे इस खेल में
मोडरेट हो गया मैं बेचारा
अपनी डाली आप ही काटी
कालिदास हूँ किस्मत का मारा
हे प्रभु! करुणानिधान
करना बस तुम इतना काम
अगला जन्म जब मुझको देना
ये दौलत भी लेना
ये शौहरत भी लेना
छीन लेना मुझसे मेरी जवानी
मगर मुझको लौटा देना
वो प्यारी सी पत्नी
वो मीठी कहानी
फूल सूख गए गमलों में सारे
जवाब देंहटाएंताजा गुलाब तेरा चेहरा
पीले पड़ गए मैं और बच्चे
तेरे होंठों का रंग हुआ गहरा
....बहुत सुन्दर, प्रसंशनीय !!!!
टिप्पणियाँ तुम देती हो दिन भर
जवाब देंहटाएंमैं जो कर दूँ एक भी तुम पर
आँखों से बह जाए गंगा जमुना
उठ जाता है घर सिर पर
अरे ये मेरे घर कि बातें तुम्हें कैसे पता चली ? हद्द है.....ही ही ही वैसे एक एक पंक्ति में दम है हा हा हहा
वाह शैफाली जी। आपने भाईसाहब की व्यथा बडे़ अच्छे से उकेरी है। बहुत सुन्दर। शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंप्रमोद ताम्बट
भोपाल
ha ha ha ha ha ha
जवाब देंहटाएंbahut hi badhiya.......
काश मेरा ऐसा सौभाग्य होता
जवाब देंहटाएंहमें तो पांडे जी से पूरी सहानुभुति है.
जवाब देंहटाएंरामराम.
kya kahen ab.....thoda samay unhe bhi dijiye....shikayat nahi rahegi.....badi pida mei honge....awaj uthani padegi apke khilaf......savdhan....
जवाब देंहटाएंअपनी डाली आप ही काटी
जवाब देंहटाएंकालिदास हूँ किस्मत का मारा
--अब पछतावे क्या होत है, जब चिड़िया चुग गई खेत!! :)
फिर भी पूरी १००% साहनुभूति पाण्डे जी साथ..और आपको शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंHamare ghar ki bhi yahi kahani hai
जवाब देंहटाएंINKE hothon par aah aakhon mein pani hai
aapne mere ghar ki bhi kahani bakhaani hai
bahut hi badhiyaa..
waaaaaaaaaah shefali ji....kitne gharo ki kahani likh di..bahut acchhi lagi aur has has k haal kya ho gaya bata nahi sakti.
जवाब देंहटाएं(aap mujhse faridabad me mili thi school me sahityashilpi k hindidiwas me shayed apko yaad ho)
Anamika7577.blogspot.com
Main to kahu agle janam mohe blogger pati banana!
जवाब देंहटाएंवाह्! क्या खूब लिखा है...पता नहीं कितनो की पीडा को उकेर डाला आपने :-)
जवाब देंहटाएंएकदम लाजवाब्!
'टिप्पणियाँ तुम देती हो दिन भर
जवाब देंहटाएंमैं जो कर दूँ एक भी तुम पर
आँखों से बह जाए गंगा जमुना
उठ जाता है घर सिर पर '
- बहुत खूब !
लाजवाब अभिव्यक्ति के साथ.... बहुत सुंदर रचना....
जवाब देंहटाएंलाजवाब अभिव्यक्ति..........
जवाब देंहटाएंमासूमियत के साथ .....मुझे भी हमदर्दी है.
टिप्पणियाँ तुम देती हो दिन भर
जवाब देंहटाएंमैं जो कर दूँ एक भी तुम पर
आँखों से बह जाए गंगा जमुना
उठ जाता है घर सिर पर
बहुत बढिया. पुराने पन्ने पढवाने के लिये शुक्रिया.
सच में ये तो बादू हमदर्दी सी होने लगी ब्लॉगर्स के परिवार वालों के उपर ..ऐसी भी ब्लॉगिंग ना की जाय...वैसे कविता अच्छी लगी....
जवाब देंहटाएंek shabd me....waah!!
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंअजय जी ...धन्यवाद टिप्पणी करने के लिए ...
जवाब देंहटाएंहा.....हा....हा....बहुत ही मजेदार...हर ब्लोगर के घर की कहानी बयाँ कर दी आपने...
जवाब देंहटाएंइधर मैं सोच रहा हूँ कि बीवी को नैट करना क्यों सिखाया?...उधर वो सोच रही है कि रात-रात भर जाग-जाग के इसे टिपियाने की छूट दी ही क्यों? ...
टिप्पणियाँ तुम देती हो दिन भर
जवाब देंहटाएंमैं जो कर दूँ एक भी तुम पर
आँखों से बह जाए गंगा जमुना
उठ जाता है घर सिर पर
ये तो घर घर कि कहानी हो रही है.....हा हा हा ...बहुत बढ़िया हास्य
मर्दो के मनोविज्ञान पर लिखना ही है तो खुलकर स्त्री मन को लिखिए शेफाली जी...आपकी जिंदगी में कुछ चीजे ऐसी हो जाती हैं कि लाख चाहने के बावजूद उसे खुरच कर निकाला नहीं जा सकता...आप अपने खिलाफ एक टिप्पड़ी भी सहन नहीं कर सकती...यह आपके लिए ही ठीक नहीं है...मेरा मकसद आपको दुखी करना नहीं था...औऱ न ही कुछ नकारात्मक लिखना था...मुझे वाहवाही का कोई कारण नहीं समझ आया, सो लिख दिया...माफी...
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंहाहाहा..ब्लॉगर की पत्नी के लिये भी ऐसा ही कुछ हो जाये ।
जवाब देंहटाएंha ha ha Shefaliji, aapne to har blogar wife ke ghar ka bhed khol kar rakh diya :D
जवाब देंहटाएंbhadiya mazrdaar post...Dhanywaad!
bahut badiya.
जवाब देंहटाएंVIKAS PANDEY
http://vicharokadarpan.blogspot.com/
:D :D
जवाब देंहटाएंब्लॉगर का पति कहता है,
जवाब देंहटाएंजब ब्लॉग पे तुम्हारे
टिप्पणियां देने से सब अचकचाने लगें,
वरीयता का ग्राफ
नीचे दर नीचे जाने लगे,
तब तुम मेरे पास आना प्रिय,
मेरा सोटा कपड़ों पर
चलता रहा है,
चलता ही रहेगा तुम्हारे लिए...
जय हिंद...
बेचारे ब्लॉगर पति और उनको झेलती हुई पत्नियाँ :(
जवाब देंहटाएं"याद है मुझको वह काला दिन
जवाब देंहटाएंजब तुमको मैंने नेट सिखाया
पटके ज़मीन में बच्चे तुमने
गोदी में लैपटॉप बिठाया"
अब अपने किये गये पाप को तो भुगतना ही पड़ता है!
शेफाली ...पहले तो ये बताएं कितने पतियों ने रिश्वत दी है आपको यह सब लिखने के लिए ...कही हमारे श्रीमानजी से मिली तो नहीं ...बड़ी जोर जोर से गर्दन हिला रहे हैं ...:):)
जवाब देंहटाएंऔर खुद को कोस रहे हैं कम्प्यूटर ट्रेनिंग देने के लिए ....
बहुत अच्छी रचना ....
हा हा हा हा हा।शानदार हमेशा की तरह।पुराने पन्नों मे भी ताज़गी है।
जवाब देंहटाएंटिप्पणियाँ तुम देती हो दिन भर
जवाब देंहटाएंमैं जो कर दूँ एक भी तुम पर
आँखों से बह जाए गंगा जमुना
उठ जाता है घर सिर पर
....हा हा हा हा हा
ha ha ha ha....
जवाब देंहटाएं:) :)
Superb !
khoob staya pti nam ka parni bechara
जवाब देंहटाएंnari mukti rng lai hai
bhart me bhi khoob
unnti ki bhar aai hai
chlo achchha hai
pti ke adhikaro me lg rha
tgda jhtka hai
aap ko meri bhut 2 bdhai hain
aap ne bechare ki khoob rel bnai hai
dr.ved vyathit
k
बहुत बढिया लिखा है मुझे अच्छा लगा । लोक में यह देखा गया है कि एक घर में प्राय: एक ही ब्लॉगर होता है । लगता है कि एक परिवार एक से ज्यादा ब्लॉगर बर्दाश्त नहीं कर पायेगा । :)
जवाब देंहटाएंहमने भी इस विषय पर कुछ लिखा था न शायद आपने न पढा हो
ब्लॉगिंग माहात्म्य - कुंडलियां , भाग- 1
haha hahaha haha.
जवाब देंहटाएंaaj to aapne pati par likhaa hain. kal aap patni par mat likh denaa.
hungaamaa mach jaayegaa.
bahut badhiyaa.
thanks.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM
bas muskura raha hoon ispe... shukriya.
जवाब देंहटाएंलाजवाब अभिव्यक्ति.........
जवाब देंहटाएंशेफ़ाली जी, चलो कमसेकम आपने तो ब्लोगर पतियो की बेचारगी को समझा. अजय यादव क्यू भन्नाये समझ नही आया.
जवाब देंहटाएं॒ राजीव तनेजा, तुम क्यू परेशान हो रहे हो ? तुम्हारे मामले मे तो २ घर बिगद्ते सो १ ही बिगडा है. पति पत्नि दोनो ब्लोगर - बचे हुए परिवार के साथ बहुत नाइन्साफ़ी है. हा हा हा