शुक्रवार, 31 दिसंबर 2010

छलकाएं जाम .... आइये घोटालों के नाम .... इन बबालों के नाम |

 
साल  दो हज़ार दस  .....
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साल दो हज़ार दस | विकास जस का तस | फला - फूला   भ्रष्टाचार बस |
कोहरे का कोहराम | छलकाएं जाम | आइये घोटालों  के नाम | इन बबालों के नाम |
 
टू  जी स्पेक्ट्रम ...........
 
 नए नए  स्पेक्ट्रम | अपना - अपना दम - ख़म | अतीत का हर घोटाला, वर्तमान से निकले कम |
आगे आगे देखिये होता है क्या | दोषी होगा राजा | प्रजा को मिलेगी सजा |
 
ए. राजा .............
 
अंधेर नगरी चौपट राजा | करोड़ों की भाजी, अरबों का खाजा |
संचार क्रान्ति का तकाज़ा | बिन बारात  बज गया बजा |
 
जे. पी. सी..........................
 
कारों से सड़क, नारों से संसद जाम | मनमोहन की फंस गई जान |
ट्रेफिक पुलिस हैरान, परेशान | कोई घूस ना आई काम |
 
सी. बी. आई............
 
आई रे आई | लानत पड़ी तो होश में आई | 
छापों की कार्यवाही | खुशियाँ भ्रष्टन  के घर छाई |
चिड़िया ने चुग लिया खेत | माल सारा निकल गया |
हाथ में आई रेत ही रेत |
 
विकीलीक्स ........
 
नए - नए खुलासे | अमेरिकी चाल | शातिर इरादे |
बगल में छुपा के खंजर | हाथ दोस्ती का सबसे आगे |  
 
महिला सशक्तीकरण ........
 
राठोड़ों  को मुस्कान | रुचिकाओं को शमशान |
खुलेआम बलात्कार | इज्ज़त तार - तार |
बैखौफ अपराधी | कैसे जिए आधी आबादी ?
 
ओबामा - सरकोजी भ्रमण  ..................
 
कार्ला की खुशी | मिशेल का नाच | सबने मिलकर देखा ताज |
मेहमानों की आवभगत | पूरा देश हुआ  नतमस्तक |
कृपादृष्टि पाने की जुगत | फिर झुनझुनों से निकला राग |
सावधान ! अब भारत गया है जाग |
 
लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ ..........................
 
पत्रकारिता शर्मसार | कलम की बिक गई धार |
 जुड़े कहाँ - कहाँ थे तार | एक फोन से  बंटाधार  |
थे कल तक जो  कलम के सिपाही |
पल में हो गए धराशाही |
 
लॉबी और कोर्पोरेट .........................
 
साथ हुआ चोली दामन | चुग्गे फेंको अति मनभावन |
कहता  रुपया | मत करो वेट | धंधा हो एट एनी रेट |
 
 
कांग्रेस  और भाजपा  ..........................
 
शब्द युद्ध घमासान | वोट का जब देखें नुकसान | पलटें तुरत बयान |
बीते दिनों की इतनी कमाई | हर मुद्दे पर टांग खिंचाई | 
 
महंगाई .................
 
मर गई दादी कहते - कहते | लहसुन - प्याज को करो नमस्ते |
कहती थी नानी | एक समय खाना | दूसरे समय  पानी |
मत करो जीभ की कभी गुलामी |
जब आसमान पर पहुंचे दाम | तब निकला आख़िरी सलाम |  
 
बिहार ....................
 
समोसे से निकला आलू | रहस्यमयी ताकत से हारे लालू |
रोड शो भी हुआ फ्लाप | विकास के सिर, फिर सज गया ताज |
 
नौटंकी और नाटक .........................
 
राजनीति की यह विसात | जिसने दी शह, मिली उसे ही मात | 
कुर्सी बचाने का एकमात्र अस्त्र | फ़ौरन  पद से  त्यागपत्र |
 
कॉमनवेल्थ ..................
 
किसकी थी  वेल्थ, किसकी बनी हेल्थ |
सबसे ज्यादा कीर्तिमान | कॉमनवेल्थ कंपनी  के नाम |
बिना पदक रहे असली खिलाड़ी |
छिप गए तिनके | रह गई दाड़ी | 
एक सुर से बोलो सब, जय हो श्री कलमाड़ी |  
 
आदर्श सोसाइटी ................
 
शहीदों की चिताओं पर  मेले हर बरस लगेंगे |
संभल कर  चलना  शहीदों की बेवाओं
कफ़न बेचने वाले,
यहाँ  भी टैक्स  वसूल लेंगे | 
 
कुल मिलाकर साल रहा ..........................
 
दबंगों का, लफंगों का, छलियों का, बाहुबलियों का, काले धंधों, उजले वस्त्रों, गंदी चालों, नित नए घपलों का, घोटालों का, धर्म के मतवालों का, सफेदपोशों का, नकाबपोशों का, भ्रष्टों का घ्रिष्टों का, धृतराष्ट्रों  का, नाम बड़े, दर्शन छोटे, बेपेंदी के लोटे, भड़काऊ बयानों, फूहड़ नाच, बेसुरे गानों, शर्मनाक कारनामों, बेशर्म मुस्कानों का, ज़हरीली ज़ुबानों का, अफज़ल गुरुओं, कसाबों का , झूठे - सच्चे वादों का, खौफनाक इरादों का, वंशवाद का, आतंकवाद का, नए नए भंडाफोड़ों का, नई नई तोड़ों का, बदमाशों का, पर्दाफाशों का, लीपापोती,  पलटबयानी का,   झूठी शानों, मिथ्या अभिमानों  , सस्ती जानों का,  बड़े - बड़े भाषण, महंगे राशन का, भितरघात, आस्तीन के साँपों का, संतों के पापों का, फोन के टेपों, दिग्गजों की झेंपों का, रिएलिटी शो, मनोरंजन गया खो,  कुर्सियों  की जंग, गिरगिटों  के रंग, चोरी पे सीनाजोरी का , किसानों की अर्थी, रोती  धरती  का, बड़ी मछलियाँ, छोटे जाल, बहा आँसू मगरमच्छ हुए मालामाल |
अजब देश के गजब हैं हाल | 
 
 
    
   
    

40 टिप्‍पणियां:

  1. बिल्कुल सही कह रही हो। फिर भी दुआ करते हैं।
    नव वर्ष मंगलमय हो।

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  2. सचमुच हमारे अज़ब देश के गज़ब हाल ...
    जे पी से , कॉमनवेल्थ गेम , स्पेक्ट्रम घोटाला , बिहार का रहस्मय चुनाव , महंगाई ...कुछ भी नहीं छोड़ा ...
    आपकी हर प्रविष्टि संग्रहणीय होती है..वही शेफाली ब्रांड वाली ...
    चलता रहेगा यह सब अपनी जगह ...
    हम तो चिकने घड़े बन कर नव वर्ष मनाये ...
    नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें ....

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  3. साल का बढ़िया लेखा जोखा... नव वर्ष की हार्दिक शुभकामना !

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  4. uff!! shandaar vyangya.........:)
    ek dum vartman ko udhel diya aapne
    nav varsh ki shubhkamnayen..........

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  5. शानदार...
    आने वाला साल आपके लिए नयी खुशियाँ और नयी उमंग लाये बस यही कामना करता हूँ...

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  6. पूरे साल का लेखा जोखा दे डाला वो भी जबर्दस्त्त अंदाज में
    हैप्पी वाला न्यू ईअर है जी अब तो.

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  7. सुन्दर प्रस्तुति .. ... नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें ...

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  8. साल का बढ़िया संग्रहणीय लेखा जोखा...
    नव वर्ष की हार्दिक शुभकामना !

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  9. आस्तीन के साँपों का, संतों के पापों का, फोन के टेपों, दिग्गजों की झेंपों का, रिएलिटी शो, मनोरंजन गया खो, कुर्सियों की जंग, गिरगिटों के रंग, चोरी पे सीनाजोरी का , किसानों की अर्थी, रोती धरती का, बड़ी मछलियाँ, छोटे जाल, बहा आँसू मगरमच्छ हुए मालामाल |
    अजब देश के गजब हैं हाल |


    देश के पूरे साल का लेखा जोखा ....नए साल में और इजाफा होगा कीर्तिमानों में ...जनता खून के आंसू बहाएगी , हो कोई भी सरकार मुस्कुराएगी ..


    नव वर्ष की शुभकामनायें ....इन सबसे निपटने के लिए शुभकामनायें होना ज़रूरी है

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  10. घोटाले ही घोटाले. राष्ट्रीय स्तर क्या प्रांतीय बल्कि जिला या विभागीय स्तर पर क्या कम घोटाले हैं ? कहाँ कहाँ सिर खफाए शेफाली जी,......... नया साल आपको मुबारक हो ..... नया वर्ष आपके जीवन में सुख समृद्धि ले कर आये ....इन्ही शुभकामनाओं के साथ.

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  11. बढिया है जी .
    आपको नववर्ष की हार्दिक शुभकामानाये

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  12. गजब का निरूपण .
    आपको और पूरे परिवार को नव वर्ष की मंगलमय शुभकामनायें.

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  13. सुदूर खूबसूरत लालिमा ने आकाशगंगा को ढक लिया है,
    यह हमारी आकाशगंगा है,
    सारे सितारे हैरत से पूछ रहे हैं,
    कहां से आ रही है आखिर यह खूबसूरत रोशनी,
    आकाशगंगा में हर कोई पूछ रहा है,
    किसने बिखरी ये रोशनी, कौन है वह,
    मेरे मित्रो, मैं जानता हूं उसे,
    आकाशगंगा के मेरे मित्रो, मैं सूर्य हूं,
    मेरी परिधि में आठ ग्रह लगा रहे हैं चक्कर,
    उनमें से एक है पृथ्वी,
    जिसमें रहते हैं छह अरब मनुष्य सैकड़ों देशों में,
    इन्हीं में एक है महान सभ्यता,
    भारत 2020 की ओर बढ़ते हुए,
    मना रहा है एक महान राष्ट्र के उदय का उत्सव,
    भारत से आकाशगंगा तक पहुंच रहा है रोशनी का उत्सव,
    एक ऐसा राष्ट्र, जिसमें नहीं होगा प्रदूषण,
    नहीं होगी गरीबी, होगा समृद्धि का विस्तार,
    शांति होगी, नहीं होगा युद्ध का कोई भय,
    यही वह जगह है, जहां बरसेंगी खुशियां...
    -डॉ एपीजे अब्दुल कलाम

    नववर्ष आपको बहुत बहुत शुभ हो...

    जय हिंद...

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  14. क्‍या पोल पट्टी है

    नये वर्ष में इंटरनेट से इंट्रेस्टिंग प्रवेश
    पेट्रोल पानी मिट्टी का तेल बचायेगा
    जो आयेगा ग्‍यारह में आशीष भरपूर पायेगा
    यह इंटरनेट है प्‍यारे
    सदा ही यूं गुदगुदायेगा
    10 का 11
    11 का 111

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  15. नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें!

    पल पल करके दिन बीता दिन दिन करके साल।
    नया साल लाए खुशी सबको करे निहाल॥

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  16. क्या खूब जाम छलकाये हैं। बधाई हो!

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  17. अनूप जी, ये बात ठीक नहीं है. कल हम यही कमेंट शेफ़ाली जी को सबसे पहले दे चुके हैं, मौखिक. आपने कैसे पता लगाया? अब कुछ भी हो, कमेंट तो यही रहेगा हमारा भी.
    नये वर्ष की असीम-अनन्त शुभकामनाएं.

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  18. अच्‍छा जाम छलकाया है। फिर भी याद आपका गद्य लेखन ही आता है।

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  19. नववर्ष की शुभकामनायें
    ====================
    सपने जो अधूरे रहे,
    पूरे हों वो नववर्ष में.
    सुख, समृद्धि, सफलता मिले,
    जीवन गुजरे उमंग, हर्ष में.

    --------------------------------------
    जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड

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  20. .
    .
    .
    वाह वाह,
    बहुत पसंद आया... यह अंदाज भी...

    चीयर्स !


    ...

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  21. पाररखी नजर और … सुपर । अच्छी पोस्ट , नववर्ष की शुभकामनाएं । "खबरों की दुनियाँ"

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  22. Bahit khoob,bade sahaj roop se saare dhakosalon aur ghotalon ka satik varnan kiya hai.Sadhuwad aur Nav-Varsha ki hardik Shubhkamnayen...........

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  23. वर्ष के लगभग हर पहलू को रेखानकित कर उसका मुल्यांकन करने का एक सफल प्रयास इस ब्लॉग मे देखने को मिला है.........

    जवाब देंहटाएं
  24. वर्ष के लगभग हर पहलू को रेखानकित कर उसका मुल्यांकन करने का एक सफल प्रयास इस ब्लॉग मे देखने को मिला है....

    जवाब देंहटाएं
  25. देश के पूरे साल का लेखा जोखा| अच्छी पोस्ट , नववर्ष की शुभकामनाएं ।

    जवाब देंहटाएं
  26. कम शब्द...गहरा असर..तीखे बाण..छा गई चेहरे पे मुस्कान..
    आपकी लेखनी का ये रूप देख चमत्कृत हूँ..विस्मित हूँ..और कुछ-कुछ आश्चर्यचकित भी हूँ
    तारीफ़ के लिए शब्द नहीं मिल रहे..फिर भी बस...इतना कहे देता हूँ...
    अति सुन्दर...बहुत बढ़िया...
    बस...ऐसे ही अपने पैने...तीखे एवं तेज-करारे नश्तरों से व्यंग्यबाण चला अलख जागते रहिये..

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  27. मान गए आपकी लेखनी को...एक एक काण्ड पर गहराई से चोट की है...वाह...वा...आने में देरी हो गयी लेकिन यहाँ आ कर आनंद आ गया...आपके लेखन की जितनी प्रशंशा की जाए कम है...लिखती रहें...

    नीरज

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  28. देर से आई और पढ़कर मन खुश हो गया. किसी को नहीं छोड़ा सबको लपेट लिया. गजब लिखा है. बधाई.
    पुराने पड़ते नववर्ष की शुभकामनाएँ .
    घुघूती बासूती

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  29. बहुत ही तल्ख़ लिखा है इस बार तो .
    मन खुश हो गया

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  30. बहुत अच्छा अति सुन्दर बस इसी तरह लगे रहिये
    http://vangaydinesh.blogspot.com/

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  31. शैफाली जी होली के पावन अवसर पर आपको और आपके परिवार को बहुत बहुत बधाई और शुभ कामनाएं

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  32. महोदया, आपके लिखे हुए सभी घोटाले मैंने पढ़े,सभी पंक्तियाँ अपने आप में सारगर्भित लगीं,"वाणी गीत"जी की बात से मै सहमत हूँ कि हम सभी चिकने घड़े है,घोटालों की चर्चा, फिर हमारा खामोश बैठ जाना ये साबित करता है कि हम सब चिकने घड़े है...........

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  33. आदरणीया,आपकी लेखन क्षमता से मै काफी प्रभावित हूँ,इतना ही कहूँगा कि अति सुन्दर व प्रभावशाली ............

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  34. क्या खूब लिखा है साल का पूरा ब्यौरा अपने ही अंदाज में रख दिया है

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