शिवरात्री की बहुत बहुत शुभकामनाएँ .....व्रत रखने वाले सभी साथियों को सादर समर्पित ...
सुनतो हो जी ...आज मैं कुछ नहीं खाऊँगी ।
सुबह - सवेरे कुट्टू के चीले
एक गिलास दूध साथ में
फुल प्लेट आलू के गुटके
मुट्ठी भर काजू चबा जाउंगी ।
सुनतो हो जी ...आज मैं कुछ नहीं खाऊँगी ।
दिन में मिक्स फ्रूट,
सिंघाड़े का हलवा
एक कटोरी दही के साथ
एप्पल का जूस पी जाउंगी ।
सुनतो हो जी ...आज मैं कुछ नहीं खाऊँगी ।
कमजोरी के चलते शाम को
बादाम, किशमिश, मखाने
छुआरे, अखरोट, रामदाने
पाव भर रबड़ी ही बस खा पाउंगी ।
सुनतो हो जी ...आज मैं कुछ नहीं खाऊँगी ।
बहुत हो रही है कमजोरी
काम न कुछ कर पाउंगी
चूल्हा - चौका, झाड़ू, कर देना
बच्चों को भी देख लेना, साजन मोरे
आज के दिन मैं व्रत ही बस कर पाउंगी ।
सुनतो हो जी ...आज मैं कुछ नहीं खाऊँगी ।
बहुत सार्थक प्रस्तुति आपकी अगली पोस्ट का भी हमें इंतजार रहेगा महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाये
जवाब देंहटाएंआज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
अर्ज सुनिये
कृपया आप मेरे ब्लाग कभी अनुसरण करे
हे भगवान, अब खाने को क्या बच गया? चूल्हा, चौका झाडू..बच्चे भी अब उनके ही मत्थे, घोर सतयुग आगया.:)
जवाब देंहटाएंशिवरात्री के अलावा शायद महिला दिवस का भी अभी तक असर है.
बहुत शानदार व धारदार व्यंग.
रामराम.
हा हा हा हा...बहुत अच्छा..
जवाब देंहटाएंमोहल्ले के बच्चों की दूसरी मांआें को चाहिए कि अपने-अपने बच्चे संभाल के रखें ... ये भक्तिन व्रत के चलते एकदम भूखी होंगी.
जवाब देंहटाएंबहुत सही :) सभी व्रतियों की यही कथा है :) बेचारियां कहां कुछ खाती हैं :(
जवाब देंहटाएंश्री ग़ाफ़िल जी आज शिव आराधना में लीन है। इसलिए आज मेरी पसंद के लिंकों में आपका लिंक भी सम्मिलित किया जा रहा है।
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (11-03-2013) के हे शिव ! जागो !! (चर्चा मंच-1180) पर भी होगी!
सूचनार्थ!
एकदम सही तरीका है व्रत रखने का :).
जवाब देंहटाएंइसे कहते हैं असली व्रत | अगर उपवास कर भूखो की मरना है और मन मारकर रहना है तो व्रत का क्या लाभ | असली व्रत वही है जिसमें पेट भर नहीं जी भर खाया जाये |
जवाब देंहटाएंकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
:-)
जवाब देंहटाएंसुनते हो आज मैं कुछ नहीं खाऊंगी. ज्यादा खाना सर्वथा अनुचित और फिर ये कोई खाना तो है नहीं.
जवाब देंहटाएंसुंदर व्यंग रचना शेफाली जी.
अच्छा तो आज व्रत है
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