रविवार, 10 मार्च 2013
महिला दिवस बीत गया क्या ?
मेरी सभी बहिनों को इस पुनीत पावन पर्व की शुभकामनाएँ ....
भारत वर्ष की सभी सासों को .............
अपनी बहू का जीना हराम कर दें । घर पर रात - दिन चख - चख करके ज़हरीला वातावरण बनाए रखें । बहू की जासूसी करने में जेम्स बांड को भी मात देने की कोशिश करें । उसके पहिनने, ओढने, हंसने, बोलने पर टीका - टिप्पणी करने में कतई कंजूसी न करें । हर छोटी - बड़ी बात की तुलना अपने ज़माने से करना भूल कर भी न भूलें । उसकी अलमारी, बक्से को उसके पीठ पीछे टटोलने का क्रम जारी रखें । उसके बनाए हुए खाने में मीन - मेख अवश्य निकालें । अगर वह सादा खाना बनाए तो कहें कि ''मुझे बीमार समझ रखा है क्या'' ? और अगर वह मसालेदार खाना बनाए तो कहें कि ''मुझे बीमार करने का इरादा है क्या'' ? उसके हर मायके वाले पर निःस्वार्थ भाव से कमेन्ट ज़रूर दें । फलानी बहू के मायके से हर तीज - त्यौहार पर क्या - क्या आता है , पड़ोस वाली या दूर - पास के किसी भी रिश्तेदार की बहू के मायके से कितने साल तक हर छोट`- बड़े त्यौहार पर क्या - क्या आयटम कौन - कौन से जेवर आते हैं, इसकी लिस्ट का पारायण करती रहें । आपके होने की सार्थकता इसी में है कई बहू के मायके से कुत्ता भी आए तो खाली हाथ न आने पाए । बहू गर्भवती हो तो लिंग परीक्षण करवाने स्वयं लेकर जाएं । आखिर आपके वंश का सवाल जो हुआ । पुत्र को बीच - बीच में याद दिलाती रहें की उसे कितनी मुश्किलों से पाल - पोसकर बड़ा किया गया है । और आज वह जो कुछ भी कमा रहा है, सब आपकी बदौलत । उसकी शादी करने जाएं तो सौदा ठोक - बजाकर तय करें । नौ महीने पेट में रखने का पूरा किराया निर्ममता से वसूलें । बहू को यह बात यूँ ही हंसी मज़ाक में बताती रहें कि अमुक ने ज़रा सी बात पर बहू को जला कर मार डाला था, या अमुक ने उस बात पर अपनी बहू को घर से निकाल दिया था ।' उसे यह अवश्य बताएं की आप कितनी दयालु हैं वर्ना इस बात पर तो उन्होंने अपनी सास से कितनी ही बार मार खाई थी । ये आपकी बहू की खुशकिस्मती है क्योंकि अपनी सास के मुकाबले तो आप देवी हैं । बहू को खाली बैठें देखें तो तुरंत कामचोर, फूहड़ आलसी की संज्ञा दे डालें । ''तुम्हारी माँ ने तुम्हें कुछ नहीं सिखाया'' इस सनातन वाक्य को दोहराना अपना कर्तव्य समझें ।
पुत्र के घर आते ही रोनी सूरत बना लें। कराह की ध्वनि के साथ ही बात करें । आवाज़ में इतना दर्द भर लें बेटे का ह्रदय दर्द से भर जाए । उसके सामने बहू की मुक्त कंठ से प्रशंसा करने में संकोच न करें । वेदों के अनुसार बेटे को अपने पाले में करने का यह अचूक अस्त्र है । पोते - पोतियों को रोज़ चोकलेट, टॉफी, चिप्स आदि देकर अपने नियंत्रण में करना न भूलें । घर में ऐसे वातावरण का निर्माण करें, जिसमे बहू पढ़ाई के लिए या अन्य किसी भी गलती के लिए बच्चों को मारना तो दूर रहा , डांटने - फटकारने तक न पाए । बच्चों के सामने उनकी माँ की बेईज्ज़ती किया करें । कोशिश करें कि बच्चे दिन के चौबीस में से अठारह घंटे बस अपनी माँ से लड़ते - झगड़ते रहें । टेलीविज़न पर रात आठ से ग्यारह तक अपना कब्ज़ा बरकरार रखें । दिन में बारह बजे से शाम छह बजे तक रामलीला मैदान में आयोजित वर्ष पर्यन्त चलने वाले भांति - भांति के महाराजों के भांति - भांति के प्रवचन सुनने ज़रूर जाएँ ।याद रखें कि घर का काम करने की आपकी उम्र अब रही नहीं । घर में रहें भी तो ऐसे कि आँख भगवान् पर हो और कान से लेकर ध्यान तक सब बहू पर ।
बहुओं को ........
समस्त भारत वर्ष की बहुएँ सास के विरुद्ध पति के कान भरने का क्रम बदस्तूर जारी रखें । पति के ऑफिस जाने इंतज़ार करें और उसके जाते ही सिर और कमर पकड़कर अपने कमरे में बंद हो जाएं । ससुराल का कोई सगा संबंधी, रिश्तेदार आए या ननद महीनों तक अड्डा जमाने के विचार से अपने मायके आए तो कलह मचाने की प्राचीन काल की परम्परा का निर्वहन करें । उसे किसी भी हाल में दो दिन से ज्यादा न टिकने दें । घर में किसी से भी बात करें तो लगना चाहिए कि भयानक झगडा हो रहा है । दिन में पाँच बार पति की कम कमाई और घर के बेहिसाब खर्चों का रोना रोएँ । सास ज़रा सा भी ऊंचा बोले तो कोपभवन में जाने में तनिक भी देरी न करें, निकलने में भले ही चार - पांच दिन लग जाएं । मायके से माँ का फोन आए तो बात माँ से करें और अप्रत्यक्ष प्रहार सास पर । सास को इतना सुना दें कि उसका कलेजा कट के रह जाए । डरें नहीं, ऐसे नाज़ुक मसले पर भी वह आपसे कुछ कह नहीं पाएगी क्योंकि इससे उसके ऊपर जासूस का लेवल लग जाने का खतरा उत्पन्न हो सकता है । रात के समय पति के कान भरें । वेदों में यही समय कान भरने का उत्तम समय कहा गया है । उसके सामने एकदम गौ माता का रूप धर लें । आंसू लाने में तनिक भी डेरी न करें । तंग आकर पति एक न एक दिन अलग घर बसा ही लेगा । अगर नौकरी वाली हैं तो आपकी कमाई की धौंस एक अमोघ अस्त्र है । ध्यान रहे आपके पति के पास जो कार है उसकी क़िस्त आपकी ही तनखाह से कटती है । सास बूढ़ी हो गयी हो तो उससे जी भर के बदला लें । वेदों में यह भी कहा गया है कि सास से बदला लेने का यही समय सबसे उत्तम होता है । वह पानी मांगे तो अपना सीरियल पूरा देख कर ही उठें । उसके जुल्मो - सितम की याद और दवाइयों पर हर महीने होने वाला अंधाधुंध खर्च हर दवाई की घूँट के साथ उसे पिलाती रहें । जब वह तंग आकर दवाई खाना छोड़ देगी तब आप ये कहिये कि ''इन्हें तो अपनी कोई फ़िक्र ही नहीं है, हम सब इनके लिए इतना परेशान रहते हैं और ये हैं कि दवाई ही नहीं खा रही हैं ''। जब मिलने - जुलने वाले घर पर आएं, उनके सामने उसकी सेवा करने में ज़मीन - आसमान एक कर दें ।
सभी ननदों को ........
अपनी भाभी को अपना मानने के साथ - साथ उसकी हर वस्तु को भी अपना मान लें । उसकी महंगी - महंगी कॉस्मेटिक्स को पहले ही दिन से पानी की तरह बहाना शुरू कर दें । उसकी जो भी वस्तु पसंद आए मसलन कपडे, जूते - चप्पल से लेकर जेवर, मोबाइल तक कुछ भी बेधड़क होकर मांगने में संकोच न करें । भाभी के दहेज़ में से जो भी सामान आपके मन को भा जाए, उसकी पैकिंग बिना खुलवाए अपनी शादी के लिए रख लें । उसकी चुप्पी को उसकी हामी मानें । याद रखें आप पराया धन हैं, अपने भाई की इकलौती बहिन हैं और आपका भाई आपकी आँखों में आंसू नहीं देख सकता है । अगर शादीशुदा हैं तो याद रखें आपकी खुशियाँ आपके मायके के रास्ते से ही होकर आती हैं । बड़ी, पापड़, चिप्स, नाना प्रकार के अचार, चटनी, कचरियों का साल भर का कोटा सब आपके मायके से समय पर आ जाना चाहिए। आपके ससुराल वाले इसका बेसब्री से इंतज़ार जो करते हैं । हर बार जब आप जाएं पहले से मोटा लिफाफा लेकर जाएं ।
सभी देवरानियों और जेठानियों को .......
आपस में छतीस का आंकड़ा बरकरार रखें । एक दूसरे को बार - बार याद दिलाती रहें, कि आपको जायदाद के बंटवारे में सबसे कम मिला । खुला पक्षपात हुआ है । जेवर, मकान, ज़मीन, सब के बंटवारे में हिस्सा मारा गया । इस अन्याय का दुखड़ा रोने के समय रिश्तेदार सामने हो तो सोने पे सुहागा । एक दूसरे के प्रति प्रतियोगिता की विशुद्ध भावना को बरकरार रखें । एक ने जैसी साड़ी और जेवर पहिने हैं, हूबहू वैसे ही आपके पास भी होने चाहिए। भाई को भाई का दुश्मन बना दें । इतना ज़हर उगलें कि वे एक दूसरे का चेहरा तक देखना गवारा न करें और खून के प्यासे हो जाएँ । सास - ससुर हैं तो उनको एक दूसरे की ओर फ़ुटबाल की तरह उछालती रहें । एक - दूसरे के रिश्तेदारों पर टीका - टिप्पणी करने का कोई मौका जाने न दें । अगर आप जेठानी हैं तो कहें कि ''बड़ों को तो हर जगह त्याग करना पड़ता है'' अगर देवरानी हैं तो कहें कि ''छोटों को तो हमेशा दब कर रहना पड़ता है '' । अपनी खरीदी हुई हर वस्तु को मायके से आया हुआ बताने में गुरेज़ न करें । इससे एक तो सबके सामने आपके मायके की नाक ऊंची होती है और दूसरे आपकी तनखाह पर किसी की नज़र भी नहीं लगती । मायके वालो को नज़र लगे तो लगे, इससे आपको क्या ? आखिर अब आपकी शादी हो चुकी है ।
पड़ोसिनों को .............
जीना दूभर करने का कार्यक्रम निर्विरोध चलाती रहें । जिस जवान लडकी का ब्याह तय नहीं हो पा रहा हो, शादीशुदा का बच्चा नहीं हो रहा हो, शादीशुदा होते हुए भी जो सोलह श्रृंगार नहीं करती वरन कुंवारी लड़कियों की तरह रहती हो, पड़ोस की लडकी घंटों तक किससे बातें करती है ? , किस - किसने अपने मन से शादी कर ली इत्यादि - इत्यादि । एक दूसरे की कामवालियों को भड़काती रहें । झाड़ू,पोछा, बर्तन के साथ - साथ उनसे जासूसी करवाने का काम भी लेती रहें ।
अन्य सभी महिलाओं को .......
आपकी किट्टी पार्टियों में दिन - दूनी, रात - चौगुनी बढ़ोत्तरी होती रहे । बातों बातों में एक दूसरे को नीचा दिखाने की कला खूब फूले - फले । मुँह सामने एक दूसरे के कपड़ों या स्टाइल की भूरि - भूरि प्रशंसा करें और पीठ पीछे काली - काली तस्वीर बनाएं । गला चाहे कट जाए, सोने की चेन पहिनने का मोह न छोड़ें । घरेलू औरतें, कामकाजी महिलाओं के चरित्र को संदिग्ध दृष्टि से देखें और कामकाजी, घरेलू महिलाओं के प्रति विद्वेष रखें ।
लड़कियों से ........
एक दूसरे का बॉयफ्रेंड हड़प लें । चार - चार लड़कों से एक साथ चैटिंग करें । हर बॉयफ्रेंड को प्रेम - प्यार वाला एस. एम्. एस. भेजें । हर हफ्ते महंगे - महंगे रेस्टोरेंट में खाना खिलाने की फरमाइश करें । .सबकी बाइक में बारी - बारी से घूमें - फिरें । हर किसी को गलतफहमी में रखें । छोटे - छोटे कपडे पहिनना बदस्तूर जारी रखें ।
सुन्दर और शानदार लेख है।
जवाब देंहटाएंअपने समाज पर सटीक व्यंग्य।
लड़कियां शायद फ़ौरन सलाह पर अमल शुरु करें। :)
आप ने तो डरा दिया....
जवाब देंहटाएं"गर्ल फ्रैंड" नाम से तो पहले से ही खोफ खाता हूँ...
पर अब बाकि सब का डर और बढ़ने की संभावना प्रतीत हो रही है.........
हां मेरे ख्याल से कोई प्रजाति नहीं बची, बस टी0वी0 वाली एकता कपूर ने ये रचना पढ़ ली तो उसके पौवारा हुए ही जानो... आने वाले कई साल इसी से सीरियल दर सीरियल बना मारेगी
जवाब देंहटाएंआपने साबित कर दिया है कि महिला ही महिला का खूब ख्याल रख सकती है। महिला दिवस पर प्रशंसनीय प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपने साबित कर दिया है कि महिला ही महिला का खूब ख्याल रख सकती है। महिला दिवस पर प्रशंसनीय प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंइतना सारा ज्ञान बाँट दिया है, कहीं अगले महिला दिवस के पहले क्रान्ति न हो जाये..
जवाब देंहटाएंऊपर जिस सत्य का निर्वचन किया गया है उसे गोस्वामी तुलसीदासजी ने इस एक पंक्ति में समेट दिया है-नारि ना सोहै नारि के रूपा.सुंदर प्रस्तुति के लिए बधाई.
जवाब देंहटाएंAcha vyang hai..mahila divas ki apko badhai.
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