खेल रंग की जंग
मत देख लंका, मत देख इटली
मत देख दंगा, मत ले पंगा
मत देख भूख, मत देख रसूख
मत देख गरीबी, मत देख फरेबी ।
मत सुन कराह, मत सुन आह
मत सुन धमकी, मत सुन भभकी
मत सुन महंगाई, मत सुन काली कमाई
मत सुन भ्रष्टाचार, मत सुन व्यभिचार ।
मत कह मेरी मर्जी, मत कह एलर्जी
मत कह शुगर, मत कह ब्लडप्रेशर
मत कह केमिकल, मत कह हर्बल
मत कह बुखार, मत कह अगली बार ।
आज बस झूम झूम कर गाले होली
आज बस झूम झूम कर सुन ले होली
आज बस झूम झूम कर देख ले होली
सखी- सहेली, पास- पड़ोसी या प्रियतम के संग
खेल रंग की जंग, बस तू खेल रंग की जंग ।
कुल मिला कर सारे दर्द और गम भूल कर होली मना लो।
जवाब देंहटाएंसब यही कर रहे हैं। होली की शुभकामनाएं एवं बधाई।
तब क्या :) खेल ली होली?? सब भुला-भुलू के?? :)
जवाब देंहटाएंबहुत खूब..
जवाब देंहटाएंhttp://theintellectualomnivore.wordpress.com/
जवाब देंहटाएंसराहनीय, हिन्दुस्तान से बाहर तो बस त्योहारो की यादें ही रह गए हें| पोस्ट पढ़के अच्छा लगा|
जवाब देंहटाएंbahut khub..
जवाब देंहटाएंbura na mano holi hai......
सुंदर
जवाब देंहटाएंबस रंगी होली, और कुछ किया तो बेरंगी हो ली।
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