गुरुवार, 18 अप्रैल 2013

नव संवत्सर का फल तो सुनते जाइये ..............


नव संवत्सर का फल तो सुनते जाइये ..............

कोई इसे पराभव कह रहा ही तो कोई प्रभाव । जो भी है इसका एक ही भाव है बह है चुनावी भाव ।
इस पर आने वाले चुनाव का प्रभाव रहेगा इसीलिये इसका भाव इस प्रकार रहेगा .......

सोए पड़े जिन्न जाग जाएंगे । बोतलों से बाहर निकाले जाएंगे । कभी डराएंगे, कभी रुलाएंगे । चौरासी में बंसी बजाने वाले अब चैन की नींद नहीं सो पाएंगे । टाइटलरों की हवा टाईट रहेगी । विकीलीक्स के खुलासों पर फाईट रहेगी ।

फूलों की बत्ती गुल रहेगी । शहद को चूस - चूस मधुमक्खी पावरफुल रहेगी । छत्तों में शहद बनेगा ज़रूर । लेकिन जुबां से नीम टपकेगा हुज़ूर ।

ज़मीन सूखी रहेगी । ज़ुबान  रूखी रहेगी । इससे बचने का उपाय सिर्फ अजीब पवार जानते हैं । खूब पानी पियें । पानी न मिले तो खून के, अपमान के घूँट पियें । वह भी ना मिले तो आंसू पियें । इनकी कमी कभी नहीं पड़ेगी, ऐसा विद्व जन मानते हैं । 

इससे यूरीन का इन्फेक्शन नहीं होता । सबसे बड़ी बात, दिल और ज़ुबान का आपस में कोई कनेक्शन नहीं होता ।

खेल के मैदान में बस आई. पी. एल. होगा । सुबह से शाम, शाम से सुबह बस किरकेट की बातें होंगी । खिलाड़ियों के बीच थप्पड़, घूंसे, गाली और लातें होंगी । रोज़ घरों में खिचखिच होगी । रिमोट के पीछे किचकिच होगी । अन्य खेलों की  किरकिरी होगी । बैट और बॉल की रिकॉर्ड तोड़ बिक्री होगी ।

राजनीति में धोबी पछाड़, उठापटक, दल - बदल तेज़ होते जाएंगे । रूठे हुओं को मनाने में हाईकमान के पसीने छूट जाएंगे ।

कमाल कमाल के कोम्बिनेशन मिलेंगे । कहीं रेडीमेड कहीं सेल्फ़्मेड कहीं मिल्कमेड मिलेंगे । वोटिंग रूम में वेट करते भी कुछ लोग मिलेंगे । ताश के बावन पत्तों में हर पत्ते का जी मचला करेगा । जिस पत्ते को खोलेंगे वही बादशाह वाला निकला करेगा  ।

बंगाल में काला जादू असर दिखाएगा । अच्छे भले को भी अस्पताल पहुंचाएगा । मेंढकी को ज़ुकाम होगा । शेरनी का जी हलकान होगा ।

सहारा बेसहारा होगा । बहाने - बहाने से अख़बार में छाए रहना ही एकमात्र चारा होगा ।

आम आदमी बिजली का बिल नहीं भर पाएगा । जिस कारण ख़ास लोगों का फ्यूज़ उड़ जाएगा ।

अशर्फियों की लूट होगी, कोयलों पर मुहर होगी ।  सोने को सिर से उतारा जाएगा । चांदी को जूता मारा जाएगा । 

फिल्म इंडस्ट्री का होगा अद्भुद नज़ारा । किरकिरी में बदल जाएगा आँख का तारा । नायक, खलनायक वाले कामों से बदनाम होगा । खलनायक की झोली में सबसे बड़ा ईनाम होगा । बिना डुप्लीकेट स्टंट का अंजाम भुगतना होगा । आँसुओं को बिना ग्लिसरीन के टपकना होगा । 















12 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत अच्छा लिखा है। खूब! बधाई हो।

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  2. नव संवत्सर का सुन्दर प्रभाव लिखा है बधाई स्वीकारें !!

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  3. नव संवत्सर का फल मजेदार है पर ऐसा लगा की अचानक ही ब्रेक लग गया है। लगता है की सभी राशियों के लिए पूरा नहीं पढ़ा गया है । क्या इसकी अगली क़िस्त भी आयेगी।

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  4. नववर्ष और नवरात्री की आपको बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनायें | आभार | अच्छी पोस्ट |

    अत्यंत सुन्दर और भावपूर रचना विकेश भाई | शुक्र है किसी ने तो सोचा ऐसों के बारे में | ईश्वर उन्हें शांति प्रदान करे | आभार

    कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
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  5. आप तो संवत्सर का फ़ल सुना रही हैं और मैं सोच रहा हूं यह महा संवत्सर का फ़ल है.

    रामराम.

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  6. बहुत सुंदर प्रस्तुती। मेरे ब्लॉग http://santam sukhaya.blogspot.com पर आपका स्वागत है. अपनी प्रतिक्रिया से अवगत कराये, धन्यवाद

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