यह समय ऐसा है बंधुवर कि विद्वजन जिसके बारे में कह गए हैं कि करो सब लेकिन इस तरह से कि जिस तरह से दानी लोग दान दिया करते हैं जिसमें दाएं हाथ को पता न चले कि बाएं हाथ ने क्या दिया है।
घूस लो पर स्टिंग में मत फंसो, नक़ल करो पर नज़र में मत आओ, चोरी करो पर सी.सी.टी.वी.से बच जाओ। सिगरेट और शराब पियो पर ऐसे कि बदबू न आए। पोर्न देखो पर पकड़े मत जाओ।
घूस लो पर स्टिंग में मत फंसो, नक़ल करो पर नज़र में मत आओ, चोरी करो पर सी.सी.टी.वी.से बच जाओ। सिगरेट और शराब पियो पर ऐसे कि बदबू न आए। पोर्न देखो पर पकड़े मत जाओ।
बीते कुछ दिनों बड़ी रोचक घटनाएं हुईं। अमेरिका में ट्रम्प को पोर्न मामले में जेल हुई। अपने देश में त्रिपुरा के एक मंत्री महोदय पोर्न देखते हुए पकडे गए। यूँ पहली बार ऐसा नहीं हुआ है, पूर्व में भी कई नेता संसद अथवा विधान सभा में पोर्न देखते हुए पकडे गए हैं। इस मामले में नार्थ -ईस्ट से लेकर साउथ - वेस्ट सभी दिशाएं एक समान हैं।
आंकड़े बताते हैं कि देश में धर्म और पोर्न दो सबसे ज़्यादा देखे जाने वाली साइट्स हैं। सामाजिक व्यवस्था ही ऐसी है कि धार्मिक साइट्स कहीं भी और कभी भी देखी जा सकती हैं जबकि पोर्न बेचारी को अपना मुंह छुपाना पड़ता है।
कुछ सावधानियाँ बरती जाएं तो पोर्न देखना इतना भी मुश्किल नहीं है।
पोर्न देखने के लिए सही समय का चुनाव अत्यंत आवश्यक है। जब संसद में या विधान सभा में हंगामा हो रहा हो, गर्मागर्म बहस हो रही हो, माइक से लेकर के कुर्सी ,जूते ,गमले फेंकें जा रहे हों ,विधेयक फाड़े जा रहे हों ,लात -घूसों का हसीं मंज़र चल रहा हो, वह समय सर्वथा उपयुक्त रहता है। इस समय सारे कैमरों का रुख दूसरी तरफ होता है ऐसे में आप एक कोने में चुपचाप पोर्न देख सकते हैं।
संसद में पोर्न देखना हो तो भाव - भंगिमा का ध्यान रखना सर्वाधिक आवश्यक है। बैठे -बैठे ऊँघने का अभिनय उपयुक्त रहेगा। आँखें बंद करके सिर को मेज से टिका देना चाहिए। देखने वाले को ऐसा लगना चाहिए कि आपका ह्रदय अत्यंत द्रवित है और दुनिया भर की हालत ,गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी पर आपके आंसू टपकने ही वाले हैं।
अगला ध्यान मुद्रा से सम्बंधित है। अर्थशास्त्र वाली नही। पोर्न देखते समय पीठ को यथासंभव झुका कर रखें। ऐसा लगना चाहिए कि महंगाई का सारा बोझ आपके ऊपर ही आ गया है। गर्दन इतनी झुकी हो कि देखने वाले को लगे कि आप आने वाले चुनावों के लिए अभी से वोट मांगने का अभ्यास कर रहे हैं।
पोर्न देखने के लिए आपको अपने कपड़ों की डिजाइन पर ध्यान देने की गहन आवश्यकता है। टाइट फिटिंग के कपड़ों को तिलांजलि दे दें। कुर्ते की बाहों को यथासंभव चौड़ा बनवाएं। उसके अंदर छुपी हुई जेब बनी हो, मौका पड़ने पर जिसमें मोबाइल खिसकाया जा सके। याद रहे जेबें सिर्फ पैसा भरने के ही काम नहीं आतीं है।
स्कूली बच्चों को बुला कर उनसे नक़ल करने के तरीके जान कर उनका उपयोग चुपचाप पोर्न देखने के लिए किया जा सकता है। परीक्षा के दौरान बच्चे किस सफाई से नक़ल कर ले जाते हैं, एक से बढ़कर एक दिग्गज निरीक्षक तक भांप नहीं पाता। सामने बैठा टीचर, जो बच्चों को हिलने भी नहीं देता या उड़नदस्ते के घाघ सदस्य जो नक़ल रखने के चप्पे - चप्पे से परिचित होते हैं, सब मिलकर भी दुर्दांत नकलचियों को पकड़ नहीं पाते हैं। इन बच्चों से माननीय लोग व्यक्तिगत ट्यूशन क्लासेस भी ले सकते हैं।
पोर्न देखना हो तो कैमरों से बचना आना परम आवश्यक है।अच्छा होगा कि जो भी आप देखने जा रहे हों उसे मीडिया को पहले दिखा दें, फिर वो चुप रहेंगे। स्कूली बच्चे ऐसे ही पकडे जाते हैं ,जिन बच्चों को नक़ल करने को नहीं मिलती वे ही सबसे पहले शिकायत करते हैं, उन्हें एक - आध पुर्ची मिल जाए तो वे शांत रहते हैं।
अगला ध्यान बैठक व्यवस्था का रखना होगा । आपको सबसे आगे की सीट पर बैठना होगा । स्कूल - कॉलेज में भी सबसे आगे बैठने वाले बच्चे होशियार माने जाते हैं ,न कोई उनकी कॉपी चेक करता है न सवाल पूछता है। आगे बैठने वाले बोलते रहते हैं पीछे बैठने डांट खाते हैं। अंतिम सीट पर बैठे बच्चों को बिना किसी प्रमाण के जन्मजात बेवकूफ ,शरारती ,काम न करने वाला उद्दंड मान लिया जाता है।
माननीय अपने सामने फाइलों का एक बड़ा सा ढेर रख लें। थोड़ी -थोड़ी देर में फ़ाइल में से एक - आध पन्ने को पलटते रहें ताकि देखने वालों को ज़रा भी शक न हो।
कुछ कदम सरकार को भी इस दिशा में उठाने होंगे। शून्य काल की तर्ज पर पोर्न काल की शुरुआत करनी चाहिए। पोर्न नहीं देखने वालों को विशेष भत्ता दिया जाना चाहिए। नई शिक्षा नीति के तहत 'पोर्न कैसे देखें ' टॉपिक पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए। इसके लिए देशवासियों से राय ली जा सकती है।