रविवार, 18 जुलाई 2010

लाल, बॉल और पॉल .......

लाल, बॉल और पॉल .......

फ़ुटबाल के विश्वकप के दौरान तुम्हारी निरंतर सच होती भविष्य वाणियों  ने मुझे महंगाई को छोड़कर तुम्हारे विषय सोचने  पर मजबूर कर दिया है | आज से पहले मैं तुम्हें मात्र एक घिनौने से दिखने वाले सी फ़ूड के तौर पर देखती थी और आश्चर्य करती थी कि लोगों को तुम्हारे आठ पैरों को खाने में कितना परिश्रम करना पड़ता होगा |

 

उधर जर्मनी में तुम्हारे दुश्मन तुम्हें मारने की कोशिश में जुट गए हैं | तुम्हें यहाँ भारत आकर अपना धंधा ज़माने के विषय में सोचना चाहिए  | यहाँ तुम्हारा धंधा जम गया तो तुम्हारी सात पुश्तों को समुद्र में जाकर खाना जुटाने  की ज़रुरत नहीं रहेगी |

 

हे आठ पैरों वाले प्राणी ! यहाँ तुम्हारी भविष्यवाणी  कभी गलत साबित नहीं होंगी, अगर कभी गलत हुई भी तो तुम कह सकोगे कि तुम्हारी भविष्यवाणी तो सही थी पर जातक की कुण्डली ठीक नहीं बनी थी | पंडित ने जल्दबाजी करके कुण्डली बनाई है | सारा दोष उस पंडित पर मढ़ कर हम उसकी नई कुण्डली बनाएँगे, और उसके अलग से पैसे वसूलेंगे |
 

हमारे यहाँ यह ख़ास बात है कि एक डॉक्टर सदा दूसरे डॉक्टर के बनाए हुए पर्चे को, और एक ज्योतिषी दूसरे ज्योतिषी की बनाई  हुई कुण्डली को गलत ठहराता  हैं | हमारे पास बचने के और भी कई उपाय रहेंगे | हम उस समय की घड़ियों, डॉक्टरों या नर्सों पर  आसानी से  शक कर सकते हैं | घर पर हुए प्रसव   तो हमारे धंधे में सबसे अच्छे माने जाते हैं  क्यूंकि इसमें  समय के गलत नोट होने  की प्रबल संभावना होती है |

 

हम बिना किसी संकोच के  ग्राहक से कह सकेंगे कि आपने हमें गुमराह किया | हम सूर्य के हिसाब से गणना कर रहे थे और आप हमें चन्द्र कुण्डली दिखा रहे थे |

 

हम दोनों मिलकर कुछ  ऐसा करेंगे कि आने वाला कोई भो होराहू -केतु या शनि का दान किये बिना जाने ना  पाए दान लेने के लिए भी हमारे अपने एजेंट होंगे दान केवल उन्हीं को दिया जाएगा क्यूंकि  कुपात्र के हाथ में दान चले जाने से फल उलटा भी हो सकता है हम भी  डॉक्टर की तरह काम करेंगे जो  उसी पेथोलोजी की रिपोर्ट को सही मानते हैं  जहाँ से उनका  कमीशन बंधा होता है | हम नाना प्रकार की अफवाहें फैलाएंगे कि फलाने ने बाबाजी का कहा  नहीं माना  और हमारे बताए हुए इंसान को दान नहीं दिया तो तो आज वह अर्श से फर्श पर आ गया |

 

इन सब के अतिरिक्त हमारे पास काल सर्प, अकाल सर्प, साढ़े साती, राहू केतु की कुदृष्टि, अंतर पर प्रत्यंतर दशा, नक्षत्र , मूल और एक हज़ार नाना प्रकार की दशाओं पर दोषारोपण करने की सुविधा मौजूद रहेगी | नेताओं की तरह हमारे यहाँ बाबाओं के बचने के भी बहुत उपाय होते  हैं हमारा धंधा चलने से कोई नहीं रोक सकता | तुम्हारे आठों पैर घी में और सिर कढ़ाई में रहेगा |

 

 

सुनो हे अष्टपाद ! तुम भारत भूमि में बहुत सफल रहोगे, क्यूंकि तुम्हारे पास आठ हाथ हैं, जिन पर तुम नाना प्रकार के रत्न धारण कर सकते हो | हम इंसानों  की उँगलियों में दो या तीन से ज्यादा अंगूठियाँ पहिनने की ही गुंजाइश होती है, उन्हीं के बल पर हमारे बाबा लोगों का धंधा चल निकलता है | जितनी ज्यादा अंगूठियाँ, उतना ज्यादा ज्योतिष ज्ञान | लेकिन तुम्हारे हाथ कानून से भी लम्बे होने के कारण  तुम उनमे कई प्रकार के रत्न धारण कर सकते हो हमारी  पहली कोशिश यही होंगी कि आने वाला रत्नों की चकाचौंध  से   अँधा हो जाए | हम पहले जातक की कुण्डली बाचेंगे फिर रत्नों को पहिनने की अनिवार्यता के विषय में नाना प्रकार की  अफवाहें फैलाएंगे  | चमत्कार के विषय में अफवाह फैलाने वाले एजेंटों  को नियुक्त करेंगे | हमारी कोशिश यही रहेगी कि आने वाला आए तो खाली हाथ, लेकिन जाते समय उसकी हर अंगुली  विविध प्रकार की अंगूठियों से सुसज्जित  हो |

 

  इन सब के अलावा हम वास्तु शास्त्र या फेंगशुई पर भी थोडा -बहुत दोष डाल सकते हैं | हम कहेंगे कि आपका भाग्य तो बहुत प्रबल था पर घर में वास्तु दोष होने के कारण आपका पतन हो गया | वास्तु दोष दूर करने  के लिए हम उनके घरों को फिर से तोड़ - फोड़ करवाएंगे  | जितना मकान बनवाने में उसका खर्चा नहीं हुआ होगा उससे ज्यादा  उसकी तोड़ - फोड़ में करवा देंगे | ज़ाहिर सी बात है कि इस काम के लिए भी हमारे अपने ठेकेदार होंगे | हम तब तक उसे विभिन्न दशाओं में उलझाए रहेंगे जब तक हमारी  दशा ना सुधर जाए |
 
हमारे  भारत  में  आसामी की जेब जितनी मोटी दिखती  है गृह चाल उतनी ही तीव्र हो जाती है नाना प्रकार के  दोष और उतने ही  निवारण के उपाय निकल जाते हैं |

 

 हे पॉल ! तुम्हारी भविष्यवाणियों से खार खाए हुए ज़र्मनी  वासी तुम्हारी जान के पीछे हाथ धोकर पड़ गए हैं | यहाँ भारत आने पर तुम्हें हमारी सरकार जेड प्लस की सुरक्षा प्रदान करेगी | हमारे यहाँ बाबाओं का आदिकाल से ही बहुत सम्मान होता है | इधर - उधर से भागे हुए चोर, बदमाश, कातिल , डाकू, लुटेरेबाबाओं का वेश धारण करके पहाड़ों की गोद में बसे  किसी भी गाँव में जाकर अपनी धूनी रमा लेते हैं | जनता उनके चरणों में शीश नवाती है | भूख से आम आदमी  भले ही मर जाए लेकिन बाबाओं को कभी भूखा नहीं सोना पड़ता | उन्हें भगवान् का दर्जा दिया जाता है | दुनिया की कोई भी पुलिस उसको नहीं ढूंढ सकती है | भला भगवान् पर कोई इंसान  कैसे हाथ डाल सकता है | फिर कभी ऐसा भी होता है कि पुलिस पक्के सुबूत लेकर आती है और तब गाँव वाले बाबाजी को पुलिस के सामने आम आदमी की तरह गिड़गिड़ाते   हुए देखते हैं | 

 

तुम्हारे लम्बे - लम्बे आठ पैर होने के एक सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि मुफ्त में जन्मपत्री दिखाने वाले फोकटियों, जो पुरानी पहचान का वास्ता देते हुए बिना जेब ढीली किये हुए ही - ही करके कुण्डली दिखाने चले आते हैंउनकी जेब से तुम आराम से पैसा निकाल सकते हो | चूँकि तुम्हारे हाथ कानून से भी ज्यादा लम्बे होते हैं इसीलिये उनका सदुपयोग भी कानून की तरह ही होना चाहिए |

 

हे ऑक्टोपस ! तुम समुद्री जीव  हो, अतः समुद्र के अन्य जीवों  के प्रति भी तुम्हारा कुछ दायित्व  होना चाहिए | सदियों से हमारे यहाँ के पंडित  मछलियों को गृह शान्ति के नाम पर चारा डलवाते रहे | मछलियों को चारा डलवाने में उन्हें यह सुविधा होती थी कि शाम को उसकी स्वादिष्ट पकौड़ियाँ मिल जाया करती  थीं  | अब समय आ गया है कि चारे से मछलियों का एकाधिकार समाप्त किया जाए और अन्य समुद्री जीवों यथा - केकड़े, साँप, झींगा आदि को भी चारे की परिधि के अन्दर लाया जाए | हम इसकी एवज़ में उनसे हफ्ता वसूलेंगे हफ्ते में एक दिन जब तुम समुद्र के अन्दर वसूली के लिए जाओगे, उस दौरान हम यह प्रचारित करेंगे कि बाबा ध्यान करने और अपनी समुद्री शक्तियों को रीचार्ज करने गए हैं |

 

 

तुम्हें जर्मनी वासियों से भयभीत होने की कोई ज़रुरत नहीं है | वैसे भी वहाँ तुम्हारी असीमित प्रतिभा को सिर्फ़ फुटबाल तक सीमित करने की साज़िश रची जा रही हैसदियों से भारत को बाबाओं का और साधु - संतों का देश कहा जाता है, इसीलिये तुम पर पहला अधिकार हमारा बनता है |  इसीलिये हे पॉल ! तुम बिलकुल  चिंता  मत  करो  क्यूंकि हम तुम्हें यहाँ लाने के हर संभव उपाय करेंगे |