रविवार, 8 मार्च 2015

मज़े का अर्थशास्त्र

मित्रों,


जैसा कि मैं आपको हाल में सूचित कर चुकी हूँ, 'मज़े का अर्थशास्त्र' नामक मेरे व्यंग्य-लेखों का पहला संग्रह, जिसकी पृष्ठ-संख्या 200 है, हाल ही में प्रकाशित हुआ है। हार्ड-बाउंड (पुस्तकालय संस्करण) का मूल्य Rs. 250/- एवं पेपरबैक संस्करण का मूल्य Rs. 150/- (डाक-खर्च सहित) है। आप में से जो लोग इसे प्राप्त करना चाहते हैं, कृपया निम्न तरीके से निर्धारित राशि प्रेषित करें।


[I] हल्द्वानी से बाहर के पाठकों हेतु:

1) NEFT (नेटबैंकिंग अथवा आपकी बैंक-शाखा के माध्यम से):

भारतीय स्टेट बैंक की 'कुसुमखेड़ा, हल्द्वानी' शाखा (IFSC: SBIN0005100) में Nihar Ranjan Pande के बचत-बैंक खाता संख्या 32549779039 में निर्धारित राशि प्रेषित कर मुझे फेसबुक अथवा ईमेल (pande.shefali@gmail.com) द्वारा सूचित करें। अपनी सूचना में, जिस खाते से आपने धन प्रेषित किया है उसके खाताधारक का नाम अवश्य लिखें।

2) भारतीय स्टेट बैंक की किसी भी शाखा के माध्यम से नक़द भुगतान:

[इस माध्यम का प्रयोग करने पर बैंक शुल्क के मद में Rs. 50/- की अतिरिक्त राशि  प्रेषित करें ]

भारतीय स्टेट बैंक की 'कुसुमखेड़ा, हल्द्वानी' शाखा (IFSC: SBIN0005100) में Nihar Ranjan Pande के बचत-बैंक खाता संख्या 32549779039 में निर्धारित राशि प्रेषित कर मुझे फेसबुक अथवा ईमेल (pande.shefali@gmail.com) द्वारा सूचित करें।

3) चेक अथवा बैंक-ड्राफ्ट के माध्यम से):

निर्धारित राशि का चेक/बैंक-ड्राफ्ट निम्नलिखित पते पर भेजें:

शेफाली पाण्डे

'दीपालय', पुराने सिंथिया स्कूल के सामने

छोटी मुखानी, हल्द्वानी - 263139

ज़िला नैनीताल

उत्तराखंड


[II] हल्द्वानी के पाठकों हेतु:

किताब निम्न दो दुकानों पर उपलब्ध है, जहां से आप उसे प्राप्त कर सकते हैं:

1. Today's Book House: बरेली रोड, मंगलपड़ाव, हल्द्वानी

दूरभाष (05946)253454, 9927700934, 9927700933

2. Thoughts बुक स्टोर: तल्ली बमौरी, मुखानी चौराहे से ऊपर की ओर, हल्द्वानी

दूरभाष 9634108449


शुभम्


शेफाली पाण्डे

बुधवार, 4 मार्च 2015

स्मार्ट होली



ट्विटर पर खेली 
जी भर के होली 
मला फेसबुक पर 
अबीर गुलाल 
चिप्स और गुजिया 
वट्सअप पर खाई 
लाइक,कमेंट, स्माइली 
दे दी सबको बधाई 
रंग - बिरंगी सेल्फियां 
प्रोफ़ाइल पर चिपकाई 
मिलावट का रोना नहीं 
ना कमरतोड़ महंगाई 
दुनिया आभासी 
खुशियां आभासी 
आभासी हैं रंग 
संगी नहीं, साथी नहीं 
होली खेल रहे नर - नारी 
अब स्मार्ट फोन के संग ।