साथियों , आज की इस पोस्ट का शीर्षक कुछ अटपटा सा है ...लेकिन यह शीर्षक हमें अपनी एक मित्र के द्वारा सुझाया गया ...वैसे हम अपनी एकमात्र कन्या रत्न से ही प्रसन्न हैं ...लेकिन कभी -कभी हमारी कोई सहेली जब अपने पुत्र रत्न को लेकर हमसे भेंट करने आती है ....और हमारे ऊपर तरस खाने वाली नज़रें डालती है ..तब हमें अच्छा नहीं लगता है ...कभी कभी कोई कह ही डालती है ..."कोई बात नहीं ....दूसरा लड़का हो जाएगा "....हमारे लाख समझाने पर भी कि हमें लड़के की कोई ज़रुरत महसूस नहीं होती ....उन्हें विश्वास ही नहीं होता है ..
.कभी कोई ऐसा भी फरमाती है "हाय !क्या करुँ? मुझे तो लड़कियों का बहुत ही शौक है लेकिन देखो मेरा दुर्भाग्य ....दोनों लड़के हो गए "
हाय ये मजबूरी ....और जब कोई यह कहती है ...
"लड़कियों के कित्ते प्यारे प्यारे कपडे मिलते हैं ...काश ! मेरी भी एक लडकी होती तो मैं सारे मॉलों को खाली कर डालती ...पर हाय !ये मुई किस्मत ...लड़का हो गया ..और लड़कों के तो ढंग के कपडे ही नहीं मिलते "
हम मन ही मन शुक्र मनाते हैं कि चलो इन फैशन डिसाइनरों की बदौलत ही सही ...दिलों में अभी लडकी की इच्छा बाकी तो है ..