मंगलवार, 9 मार्च 2010

बंद करो घर के अन्दर यह ...

साथियों, बहुत समय बाद क्षणिका का मौसम आया है ....

बंद करो .......

तोड़ फोड़
मार पीट 
गली - गलौज 
चीख पुकार 
बार बार ,
पत्नी को 
कहना ही  पड़ा 
आखिरकार 
कृपया,
घर में  प्रयोग 
मत कीजिये 
संसदीय भाषा, 
और संसदीय व्यवहार ...

18 टिप्‍पणियां:

  1. हम मेज थपथपाकर इस बात का स्वागत करते हैं

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  2. महिला आरक्षण विरोधी दलों के व्यवहार को बढ़िया श्रद्धांजलि

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  3. गजब की रचना है आपकी. बिल्कुल सहज और नवीन. सलाम है आपके लेखन को.

    रामराम.

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  4. वाह...बढ़िया व्यंग...सच आज संसद का यही हाल है..

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  5. बढियां कटाक्ष पर राजनीति में बेहयाई की कोई सीमा नहीं है

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  6. माफ़ी चाहूँगा, मैं आपके ब्लॉग पर बहुत बार विजिट करता हूँ और हर बार कमेन्ट भी करता हूँ. लेकिन, पता नहीं क्यों मेरी कमेन्ट पब्लिश नहीं हो पा रही???
    धन्यवाद.
    WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM

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