शुक्रवार, 9 जनवरी 2009

'राम' 'राज' में लूट मची है, लूट सके तो लूट .......

ऐसा कलयुग में ही  
सम्भव हुआ करता है   
नाम हो जिसका राम
वही  
राम नाम सत्य [म्]
किया करता है   
 
 
ऐसा गज़ब है ये भारत देश  
तब खुलती है इसकी आँख  
जब चिड़िया चुग जाती है  
अपना ही नहीं पड़ोस का भी खेत  
 
 
मेरे मुहल्ले का पंडित हैरान है  
पिछले दो दिन से बड़ा परेशान है
जब भी कोई नवप्रसूता आती है   
बच्चे का नाम कोई पड़ा हो   
लड़की हो या लड़का हो  
"राम" या "राजू" रखने पे अड़ जाती है  
आज पंडित की समझ में आया  
राम नाम की है ऐसी माया
एक 'राम' से खाके धोखा    
दूजे 'राम' को राज्य सौंपा   
महिमा राम के नाम की   
ऐसी अपरम्पार है  
राम के नाम पे टिका  
करोड़ों का व्यापार है

बुधवार, 7 जनवरी 2009

बाली 'उमर' को सलाम ..........

ये नियति है राजनीति की,
चाहें या न चाहें आप,
दिल्ली से लेकर कश्मीर तक,
चलेगा अब एक ही वाद,
जिसके आगे फुर्र मार्क्सवाद,
हवा हो गया समाजवाद,
जड़ है जिसकी सबसे गहरी,
नाम है जिसका वंशवाद,
ताजा उदाहरण?
देखा नहीं कल का प्रसारण,
फ़ख्र फारुख का,
बीते हुए कल को,
दोहरा गया आज,
बाली उमर, बेटे का सर,
और कश्मीर का ताज