बुधवार, 25 मार्च 2009

ई लड़खड़िया हमका दई दे ........

 

 

आडवानी की वाणी पर मन की मोहिनी  ...

 

यह लड़खड़िया सर [कार]

निकली बिलकुल ही बेकार  

स्टेअरिंग इसकी बे [मन] के पास  

सड़क बताए मैडम का हाथ

 

बार बार पंकचर हो जाती

बीच सड़क पर रुक रुक जाती

टंकी में पेट्रोल ख़तम

जगह भी इसमें इतनी कम

एक मैडम, दो बच्चों में

तोड़ देती है अपना दम

 

हो जाओ सब मिलकर एक

कर दो इसको मटियामेट

अगले महीने होगी परलय

'टाटा' करोगे कब्ब?

 

मोहिनी ......

 

तुम एल.के. इन वेटिंग

लाइन में पीछे लगे रहो

मूंछो पर ताव दिए रहो

राम नाम को भजे रहो

 

लाख बुरी हो यह कार

मत टपकाओ अपनी लार

देंगे धक्का, लेंगे कर्जा

ड्राइव मिले तो कैसा हर्जा

चाभी तुमको नहीं मिलेगी

कार हमारी फिर चलेगी

 

कर लो चाहे लाख जतन

ये है मेरी अनमोल 'रतन'

तुम्हारे पास बस राम की धुन

मेरे पास दस [जनपथ] का दम