गुरुवार, 16 अप्रैल 2009

चोट्टी के नेता

सुषमा बनी पूतना
कांग्रेस हुई बुढ़िया
लालू जी जल्लाद
वरुण बाबा काटे हाथ
आडवानी  गुलाम
मनमोहन पहलवान 
 
नेता हैं ये चोट्टी के 
इनके शब्द हैं  जलते हुए अंगारे 
जनता के लिए आचार संहिता 
इनकी जीभ में  भरे ज़हर के प्याले  
क्यों नहीं लगते इनके मुँह में
मोटे अलीगढ़ के ताले ??? 

7 टिप्‍पणियां:

  1. इन नेताओ के पास
    सभी तालों का है तोड़।
    आप मजा लिजिए ,
    देखिए गधों की दोड़।;)

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  2. सही कह रहे हैं बाली जी
    बावले गधों में लगी हुई है होड़
    गाली देने में इनका नहीं है जोड़।

    क्‍या नहीं हो सकता
    इन नेताओं को कोढ़
    बने हुए हैं ये ही सब
    भारत के बदबूधारी कोण।

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  3. वो तालो बन्यो ही नहीं जो नेता मुंह फिट होय,
    पर जूते कई कंपनीन के , गर विन्पै फेंकनो होय .

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  4. इनके मुंह ताले से नही जूते से ही बंद होंगे।सटीक और सामयिक लिखा आपने।

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  5. शेफाली जी!
    बिल्कुल सही चित्रण किया है।
    ताले हाथरस के हों या अलीगढ़ के ,
    परन्तु ये ताले चोरों के लिए नही बने हैं।
    इनकी तो जबान काट देना ही एक मात्र इलाज है।
    सुन्दर व सटीक लिखा है।
    बधाई।

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  6. भाषा तब अंगार है जब हो निकट चुनाव।
    वाकयुद्ध के बाद में दोस्ती का प्रस्ताव।।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
    कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
    www.manoramsuman.blogspot.com
    shyamalsuman@gmail.com

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  7. आपकी व्यंग्यात्मक रचनाओं का जवाब नहीं,
    बहुत रोचक.....

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