साथियों ....चुनावी मौसम में ....चुनावी क्षणिकाएं .......
जगदीश टर्रटर्र
वो
जब अदालत में आते हैं
धुँआधार आंसू
बहाते हैं
उनका रोना देख
मुकदमा करने वाले
खुद को
अपराधी पाते हैं
जन सेवा
उन्होंने
जन सेवा का
व्रत लिया है
आज तक
मंत्री से कम
कोई पद
नहीं लिया है
उन्होंने
जवाब देंहटाएंजन सेवा का
व्रत लिया है
आज तक
मंत्री से कम
कोई पद
नहीं लिया है
अद्भूत !!
उनका रोना देख
जवाब देंहटाएंमुकदमा करने वाले
खुद को
अपराधी पाते हैं
क्या ये मगरमच्छ के आँसू हैं?
सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंजन सेवा का व्रत लिया सेवा करेगा कौन।
निज सेवा करके सदा सेवक होते मौन।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
ऐसी जनसेवा करने का मौका ईश्वर सबको दे!!
जवाब देंहटाएंप्रिय मित्र,
जवाब देंहटाएंअच्छी पठनीय रचनाओं के लिए आभार।
अखिलेश शुक्ल
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सुन्दर प्रस्तुति.......
जवाब देंहटाएंनेता और अपराधियों की खोल दी है पोल
जवाब देंहटाएंखोली नहीं सिर्फ पोल बल्कि पीटा है ढोल
सामयिक और पोल खोलने वाली सटीक क्षणिकाएं।
जवाब देंहटाएंchha gaye aap to ...jabrdast
जवाब देंहटाएंbahut sahii hai ...
जवाब देंहटाएंlajawab hai ji
जवाब देंहटाएंबहुत खूब..बढि़या।
जवाब देंहटाएंशेफाली जी सामयिक हैं .
जवाब देंहटाएंसत्य कहा आपने .
- विजय
बहुत खूब................!!
जवाब देंहटाएंbahut sahii
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