साथियों ....अभी चुनाव ख़त्म हुए हैं लेकिन घिसे पिटे बयानों का दौर बंद नहीं हुआ है .....कुछ और घिसे पिटे बयान लेकर मैं फिर हाज़िर हूँ
हम हार के कारणों का मंथन करेंगे .....
हम
हार के कारणों का
मंथन कर रहे हैं
विष ही विष निकल रहा है
चरों ओर से
पी जाए जो फिर
आँख मूँद के
उस
शिव शंकर को
ढूंढ रहे हैं .........
दिल्ली में तो पप्पू भी प्रधानमंत्री बन जाते हैं ........मायावती [चुनाव से पहले]
चुनाव के बाद .....
बन गए पी .एम् .
फिर से
मेरे प्यारे पप्पू भैय्या
दौड़ी दौड़ी मैं भी आई
पत्र समर्थन का लाई
मारे खुशी के
नाचूं अब तो
ता ता थैय्या .......
मुझे राम ने जिताया .....वरुण
राम ही जाने
राम की माया
जिसने साठ साल
राम नाम को गाया
खाया और भुनाया
उस पर कतई
तरस न खाया
जिसने
बस पांच साल
रोम रोम को गया
उसको
फिर गद्दी पर बैठाया ....
इस मंथन से क्या निकलेगा?
जवाब देंहटाएंManthan karna har vyakti ka maulik adhikaar hai.
जवाब देंहटाएं-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
hahahahahahahahahahahahaahahahaa
जवाब देंहटाएंaur zor se
HAHAHAHAHAHAHAHAHAHAHAHAHAHAHAHAHAHAHA
thak gaya yaar
saans phool gayi
वाह!
जवाब देंहटाएंबुरी तरह से हार है, मंथन का क्या अर्थ?
जवाब देंहटाएंपाँच साल के बाद ही, होगी कुछ सामर्थ।।
सुन्दर मंथन!
जवाब देंहटाएंमंथन पे आपके मंथन ने रंग जमा दिया...
जवाब देंहटाएंभारत में इन 3 कारणों का पता चल जाता तो क्या बात थी,
जवाब देंहटाएंफिल्म फ्लॉप होने का
क्रिकेट मैच हरने का
और,
चुनावों में लीद करने का...
बहुत बढ़िया मंथन रहा जी॒
जवाब देंहटाएंमन के इन थनों से
जवाब देंहटाएंनिकलते हैं विचार
वही तो करते हैं
नेताओं का बेड़ा गर्क
वहीं हराते हैं और
पहुंचाते हैं
करवाते हैं रिजर्व नर्क।
KOI SHAK NAHI AAP KI BAATE EKDAM SATIK HOTI HAI....PADH KAR BAHUT ACCHA LAGA
जवाब देंहटाएंbahut sahi .. bahut badhaiya .. in fact raajneta aajkal yahi manthan kar rahe hai ..
जवाब देंहटाएंitni acche lekh ke liye badhai ..
meri nayi kavita padhiyenga , aapke comments se mujhe khushi hongi ..
www.poemsofvijay.blogspot.com