शुक्रवार, 29 मई 2009

ये क्या हो गया है इन लड़कियों को ??

प्रसन्न हो गए हम अति
आज के अखबार को देखकर
तीनों ही लडकियां थीं
पहुँची थी जो टॉप पर
 
और टीचर हैं हम सरकारी
तनखा उड़ाते हैं हराम की
आज का लेक्चर इसी पर दूंगी
ऐसी तेसी लेसन के प्लान की 
 
कक्षा में दिखाई हमने
फ्रंट पेपर की कटिंग
देखो तुम लड़कियों
बहिनें तुम्हारी
किधर जा रहीं हैं
कोई उड़ती आकाश में
कोई देश को चलाती
और कोई टॉप पर टॉप
किये जा रही है
 
बोली लडकियां एक सुर से
रहने दो, बात हो गयी यह
बहुत ही पुरानी
दूर दूर रहते हैं हम
फ्रंट पेज से
पेज थ्री पर अटकती है
जान ये हमारी
 
टॉपलेस का ज़माना
अब आ गया है
टोपर की तो देखिये
शकल है कितनी बेचारी
 
दिन रात डूब कर किताबों में
आँखें देखो कैसी सूज गईं
दो तो हैं शादीशुदा इनमे  से
पतियों की तो किस्मत  ही फूट गयी
और टॉप कर के
भला क्या ये कर लेंगी
डी.एम्. बन जाएंगी कहीं दूर और
जिस कागज़ पर कहेगा मंत्री
 चुपचाप  साइन  कर देंगीं  
करने में साइन  गर
करेंगी ज़रा भी आनाकानी  
साल में चौबीस होंगे तबादले   
याद आ जाएगी बैठे - बैठे
प्यारी सी वो नानी  
 
कमाएंगी  जितना  ये टोपर महीने में
एड़ियों को अपनी घिस- घिस कर
एक ही शो  में बटोर लेंगी हम
टॉप को अपने धरा पर गिरा कर
 
पहुँच गया गुस्सा हमारा
सातवें  आसमान पर
मत करो तुम बराबरी लड़कियों
 उनको मिलता धन, यश और सम्मान है
उनके जैसी करी होती मेहनत तुमने तो
आज ना चलाती होतीं ऐसी तुम जुबां ये 
 
तुनक  कर बोली एक चंडी , दुर्गा, महाकाली
आपका तो भेजा हो गया एकदम ही खाली
और समझती हो तुम क्या मैडम अपने आप को
टॉपलेस होने में कितनी है मेहनत
जूस में ही जिंदा रखना पड़ता है अपने आप को  
 
और यश की तो बात तुम
मत करो ज़रा सी भी
यश चोपड़ा खुद पिक्चरों के
ऑफ़र ले आते हैं
 
बिग बॉस, रियलिटी शो की
शान हमसे होती है
बिना कोई खर्चा किए
हम सेलिब्रिटी बन जाते हैं
 
समझ गए हम अब तक 
इनको समझाना  तो बिलकुल ही
टेढ़ी खीर है
टॉपलेस होने की होड़ 
मची हुई  है चारों ओर
नए ज़माने की यह कैसी  तस्वीर है?  
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

24 टिप्‍पणियां:

  1. पर सोनिया जी इसकी अपवाद हैं
    छात्राओं को कहें कि उनसे प्रेरणा लें
    और सरदारों पर भी अपना असर
    कैसे कायम किया जाता है
    इस गुर को भी सीखें

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  2. वो दिन दूर नहीं जिस दिन बेटे से ज्यादा माता-पिता बेटी की कामना करेंगे.........
    हर क्षेत्र मैं सक्षम........
    अच्छा कहा है....


    अक्षय-मन

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  3. कुछ और शब्द भी सुझाईये। कब तक लिखना पड़ेगा।

    बढ़िया, बेहतरीन

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  4. very nice comic poem..
    आप भी क्या सिखाने चली थी,
    नयी युवा पीढ़ी को,
    जिसेआधुनिकता की बीमारी है,
    और जो फैशन की मारी है.

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  5. बहूत अच्छा लिखा है...........आज के समयानुसार कहा है

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  6. शैफाली जी,

    टॉप पर है टॉपलैस
    या टॉप है पर लैस
    पेज वन किसी की चाहत नही
    पेज थ्री पर ही मिलता है कैश

    सादर,

    मुकेश कुमार तिवारी

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  7. टॉप और टॉपलेस दोनो होने में बड़ी मेहनत लगती है. आगे पसन्द अपनी अपनी...किसे क्या चाहिए.

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  8. waah,bahut jaandaar !
    kya pratham rashmi ka aana rangini kavita bhej sakti hain?

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  9. अतिउत्तम व्यंग रचना. सरकारी टीचर से लेकर वर्तमान सोच तक सब पर तीक्ष्ण प्रहार :)

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  10. आज कल के मोडर्न बच्चों को कभी नसिहत न दें।

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  11. वाह वाह जी क्या कमाल है आपकी कविता
    सटीक अभिव्यक्ति है

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  12. aanand aa gaya

    kavita talkh haqiqat ko bikher rahi hai aapki

    khoob kataksh kiya hai

    bandhaii ho

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  13. Shaifali ji ! aaz bahut sari rachnayen padi aapki....sab ek se badkar ek hain..or ye to bas lajabab..bahut sateek vyang.

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