बुकर पुरकार का ऐसा अनुवाद शायद ही कोई अनुवादक कर पाए ....हुआ यह कि कल हमारे क्षेत्र में बी .एड यानी की भावी अध्यापकों के लिए प्रवेश परीक्षा थी ...प्रश्नपत्र में यूँ तो अनेक गलतियां थी ...लेकिन सबसे बड़ी गलती जिस पर आप ही बताइए पेपर सेट करने वाले को क्या कहा जाए .....
पेपर में लिखा था 'पुस्तक यानि [बुकर] पुरस्कार किस क्षेत्र में दिया जाता है '
जब तक प्रवेशार्थी अध्यापक बनेगा तब तक संशोधन करवा लिया जायेगा चिंता छोड़ दें ।
जवाब देंहटाएंलगता है अनुवादक साहब अपने विषय क्षेत्र के अलावा ज्ञान की बाकी सभी विधाओं में शून्य हैं और इसी लिए शब्दशः अनुवाद की जिद पर अड़ गए. क्या कहा जाये?
जवाब देंहटाएंपुरस्कार किसी क्षेत्र की हो मिलने वाली हो तो बताऊँ. वैसे प्रश्न गंभीर है.
जवाब देंहटाएंगम्भीर प्रश्न ................और क्या कहा जाय..........
जवाब देंहटाएंगलती बेचारे पेपर सैटर की भी नहीं है उसने
जवाब देंहटाएंBook Booker Bookest के हिसाब से सोचा होगा.
High Higher Highest
जवाब देंहटाएं:-)
दिल गार्डन-गार्डन हो गया :-)
जवाब देंहटाएंअल्लाह मालिक है !!
जवाब देंहटाएंयह सब सिफारशों के कारण होता है.पेपर सेटर ,प्रिंटर ,अधिकारी सब की मिली भगत है
जवाब देंहटाएंका मा साब बस एक र ही छूट गया था...तो इससे कौन सा र से रेल छूट गयी..उन्होंने सोचा होगा जिसे बूकर पता होगा उसे पुस्तकर भी पता होगा ही..बेचारे बूकर वाले..पता चला तो डूब जायेंगे..शायद अगली बार का पुरस्कार भी एक्स्टैंड ..माने स्थगित कर दें जी...
जवाब देंहटाएंबड़ी बड़ी परीक्षाओं में छोटी छोटी गलतियां होती रहती है। क्रिएटिविटी कहां नहीं होती। पेपर बनाने वालों ने भी क्रिएटीविटी करनी चाही होगी। आपकी पारखी नजर ने उसको पकड़ लिया।
जवाब देंहटाएंअनुवाद के स्तर पर ऐसी हास्यास्पद गलतियां कई जगह देखने को मिल जाती है. मुझे याद है एक अखबार में इंडियन ओरिजिन के राष्ट्रपति को भारतीय बताया गया था जबकि उस जगह इंडियन से तात्पर्य लातीनी अमेरिकी देशों में रहने वाले मूल लोगों से था जिन्हें इंडियन कहा जाता है.
जवाब देंहटाएंक्षेत्र मेरे विचार से
जवाब देंहटाएंअमेरिका ही होगा
या होगा कोई
विलायती क्षेत्र।
हमें खुद नहीं पता :)
जवाब देंहटाएंमैं एक सरकारी विभाग में अनुवादक हूँ और इसमें सुधार कर देता हूँ.
जवाब देंहटाएं'बुकर प्राइज़' का सही अनुवाद होना चाहिए 'पुस्तकवाले का पुरस्कार'.
:)
अनाड़ी का खेलना..खेल का सत्यानाश...या फिर सवा सत्यानाश?...
जवाब देंहटाएंआपके हिसाब से क्या सही रहेगा?...
ई सब कमाल अनुवाद में होते रहता है...अनुवादक ने समझाने की पूरी कोशिश की है...और सबसे बड़ी बात है कि परीक्षा देने वाले लोग इस बात को समझ गये हैं कि क्या पूछा जा रहा है..एक बार इंटर में सभी छात्रों को क्लास में अनुवाद करने को कहा गया था...चैप्टर था गांधी जी इन लंडन....एक लड़के ने इसका अनुवाद किया था गांधी जी में लंदन....
जवाब देंहटाएंउलझन है यह ।
जवाब देंहटाएंप्रभु की दया है कि बुकर को सिर्फ पुस्तक लिखा. कई तो उसे "पुस्तककार" लिख देते!!
जवाब देंहटाएंहिन्दी को ऐसे सेवकों से बचाना पडेगा!!
सस्नेह -- शास्त्री
हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है
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