अचार - ए - आडवानी के बहाने अचार बनाने का तरीका.....
हमें कुछ साथियों ने बताया कि देश का सबसे टिकाऊ, मजबूत और सक्षम माना जाने वाला अचार -अचार-ए-अडवाणी सड़ गया। बहुत दुख की बात है। सड़े हुये को अब काम लायक नहीं बनाया जा सकता लेकिन आपको मैं अचार बनाने का तरीका बता रही हूं जिससे कि अचार लम्बे समय तक खराब नहीं होगा।
तो साथियों अचार बनाने के कुछ ख़ास तरीके होते हैं , जिनका सही ढंग से पालन किया जाए तो अचार सौ साल तक भी खराब नहीं होता है . हमारे घर में एक नीबू का अचार है जो तकरीबन ४५ साल पुराना है , जिसका उपयोग अब हम औषधि के रूप में करते हैं .
सबसे पहले जिस मर्तबान में आचार डालते हैं उसे कई साल तक धूप में सुखाते हैं ताकि उसमे किसी किस्म की नरमी सॉरी नमी बाकी ना रहे , दूसरी बात अचार सदा ही कांच के पारदर्शी मर्तबान में ही डालना चाहिए , जिसके आर - पार देखने की सुविधा हो ,इससे एक फायदा यह भी है कि बाहर से देखने पर ही यह पता चल जाता है कि अचार कहीं खराब होना शुरू तो नहीं हो गया ,
ताकि समय रहते ही इसका उपचार किया जा सके .
हमें कुछ साथियों ने बताया कि देश का सबसे टिकाऊ, मजबूत और सक्षम माना जाने वाला अचार -अचार-ए-अडवाणी सड़ गया। बहुत दुख की बात है। सड़े हुये को अब काम लायक नहीं बनाया जा सकता लेकिन आपको मैं अचार बनाने का तरीका बता रही हूं जिससे कि अचार लम्बे समय तक खराब नहीं होगा।
तो साथियों अचार बनाने के कुछ ख़ास तरीके होते हैं , जिनका सही ढंग से पालन किया जाए तो अचार सौ साल तक भी खराब नहीं होता है . हमारे घर में एक नीबू का अचार है जो तकरीबन ४५ साल पुराना है , जिसका उपयोग अब हम औषधि के रूप में करते हैं .
सबसे पहले जिस मर्तबान में आचार डालते हैं उसे कई साल तक धूप में सुखाते हैं ताकि उसमे किसी किस्म की नरमी सॉरी नमी बाकी ना रहे , दूसरी बात अचार सदा ही कांच के पारदर्शी मर्तबान में ही डालना चाहिए , जिसके आर - पार देखने की सुविधा हो ,इससे एक फायदा यह भी है कि बाहर से देखने पर ही यह पता चल जाता है कि अचार कहीं खराब होना शुरू तो नहीं हो गया ,
ताकि समय रहते ही इसका उपचार किया जा सके .
सावधानी ....अचार को कभी भूले से भी पुराने लौह मर्तबान में नहीं डालना चाहिए .....
अचार बनाने में कभी भी विदेशी मसलों सॉरी मसालों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए ,हमेशा घरेलू ताजे पिसे हुए मसाले डालने चाहिए, हो सके तो खेतों से आए हुए खड़े मसालों को पीस कर डालना चाहिए , इनका रंग और गंध कभी खराब नहीं होती .
सावधानी ..... शहरों से आए हुए चमकीले रेपर में लिपटे सूट - बूट धारी , ब्रांडेड मसालों पर ज्यादा भरोसा ना करें .कांधार की हींग भूले से भी इसमें ना डालें .
अचार को संरक्षित के लिए कभी भी कृत्रिम संरक्षकों का सहारा नहीं लेना चाहिए , ये संरक्षक शुरू में तो लगता है कि काफ़ी साथ देंगे , लेकिन जब अचार का रंग फीका होने लगता है ,या तेल सूख जाता है ,और जब वह डाइनिंग टेबल से भी गायब हो जाता है तो ये उसका साथ छोड़ने में ज़रा भी देरी नहीं लगाते हैं .
सावधानी ...अन्य मर्तबानों से पाला बदल कर आए हुए अचार के टुकडों पर कतई भरोसा नहीं करना चाहिए .ना ही इन्हें ऊपर से रखना चाहिए .
अचार को समय - समय पर मर्तबान खोलकर देखते रहना चाहिए कि कहीं फफूंद इत्यादि लगना शुरू तो नहीं हो गया है , यह धीरे - धीरे सारा अचार चुटकियों में खराब कर देती है ,
सावधानी....फफूंद वाले हिस्से को जितना जल्दी हो सके निकाल कर फेंक देना चाहिए , इसके साथ ज़रा सी भी नरमी बरतने का मतलब होता है ,स्वयं की मौत को दावत देना .
समय - समय पर अचार को उल्टा - पुल्टा कर देखते रहना चाहिए , कभी बड़े -बड़े शक्तिशाली टुकडों को सबसे नीचे डाल देना चाहिए ,और सबसे छोटे टुकडों को ऊपर कर देना चाहिए , इससे छोटे टुकडों को भी ऊपर आने का मौका मिलता है .छोटे टुकड़े देखने में भी सुन्दर लगते हैं और लम्बे समय तक मर्तबान में बने रहते हैं .
सावधानी .... अन्य मर्तबानों से छोटे टुकडों के आने पर उनका विशेष स्वागत - सत्कार करना चाहिए ,
जिन बाहुबली टुकडों को तेल - मसालों में लिपटे रहने की आदत हो गयी है , जो किसी भी प्रकार से बाहर नहीं आना चाहते, उन्हें तत्काल प्रभाव से तेलविहीन कर देना चाहिए .ऐसे टुकड़े किसी को पनपने नहीं देते हैं . जब बाहर से देखने वाला इन टुकडों को दादागिरी करते देखता है तो उसका मन बिन अचार चखे ही खट्टा हो जाता है .
जो टुकड़े अचार का रंग खराब हो जाने का कारण पाकिस्तानी हल्दी को शामिल ना किया जाना मानते हों , और अचार खराब होने के १०१ कारणों पर किताब भी लिख मारते हों , उनको कई दिनों तक लाल मिर्च में डुबो देना चाहिए .इससे उनकी अक्ल ठिकाने आ जाती है .इसके बाद उन टुकडों को पाकिस्तान एक्सपोर्ट कर दिया जाए .वहां इसे पसंद करने वाले बहुत होते हैं .
सावधानी .. अचार हमेशा मुफ्त दें. नोट के बदले अचार कभी भी किसी को ना दें , इससे अचार से प्राप्त होने वाले गुणों में कमी आ जाती है .बदहजमी होने की संभावना प्रबल हो जाती है .
अचार को सदा घर की महिलाओं के संरक्षण में ही डालना चाहिए , उन्हें हर किस्म के मसालों का सही - सही अनुपात पता रहता है ,जो पुरुष अचार डालने के मसले पर महिलाओं की राय नहीं लेते , उनके हाथ से डाला गया अचार सबसे जल्दी खराब होता है .
सावधानी ...हो सके तो विदेशी मूल की महिला के हाथों से ही अचार डलवाएं , क्यूंकि वे जानती हैं कि हलके मसालों के साथ स्वादिष्ट अचार कैसे बनाया जाता है , लोगों का भरोसा भी उन पर बना रहता है और वे लगातार दस साल तक उस हलके - फुल्के अचार को खा सकते हैं.
सावधानी....फफूंद वाले हिस्से को जितना जल्दी हो सके निकाल कर फेंक देना चाहिए , इसके साथ ज़रा सी भी नरमी बरतने का मतलब होता है ,स्वयं की मौत को दावत देना .
समय - समय पर अचार को उल्टा - पुल्टा कर देखते रहना चाहिए , कभी बड़े -बड़े शक्तिशाली टुकडों को सबसे नीचे डाल देना चाहिए ,और सबसे छोटे टुकडों को ऊपर कर देना चाहिए , इससे छोटे टुकडों को भी ऊपर आने का मौका मिलता है .छोटे टुकड़े देखने में भी सुन्दर लगते हैं और लम्बे समय तक मर्तबान में बने रहते हैं .
सावधानी .... अन्य मर्तबानों से छोटे टुकडों के आने पर उनका विशेष स्वागत - सत्कार करना चाहिए ,
जिन बाहुबली टुकडों को तेल - मसालों में लिपटे रहने की आदत हो गयी है , जो किसी भी प्रकार से बाहर नहीं आना चाहते, उन्हें तत्काल प्रभाव से तेलविहीन कर देना चाहिए .ऐसे टुकड़े किसी को पनपने नहीं देते हैं . जब बाहर से देखने वाला इन टुकडों को दादागिरी करते देखता है तो उसका मन बिन अचार चखे ही खट्टा हो जाता है .
जो टुकड़े अचार का रंग खराब हो जाने का कारण पाकिस्तानी हल्दी को शामिल ना किया जाना मानते हों , और अचार खराब होने के १०१ कारणों पर किताब भी लिख मारते हों , उनको कई दिनों तक लाल मिर्च में डुबो देना चाहिए .इससे उनकी अक्ल ठिकाने आ जाती है .इसके बाद उन टुकडों को पाकिस्तान एक्सपोर्ट कर दिया जाए .वहां इसे पसंद करने वाले बहुत होते हैं .
सावधानी .. अचार हमेशा मुफ्त दें. नोट के बदले अचार कभी भी किसी को ना दें , इससे अचार से प्राप्त होने वाले गुणों में कमी आ जाती है .बदहजमी होने की संभावना प्रबल हो जाती है .
अचार को सदा घर की महिलाओं के संरक्षण में ही डालना चाहिए , उन्हें हर किस्म के मसालों का सही - सही अनुपात पता रहता है ,जो पुरुष अचार डालने के मसले पर महिलाओं की राय नहीं लेते , उनके हाथ से डाला गया अचार सबसे जल्दी खराब होता है .
सावधानी ...हो सके तो विदेशी मूल की महिला के हाथों से ही अचार डलवाएं , क्यूंकि वे जानती हैं कि हलके मसालों के साथ स्वादिष्ट अचार कैसे बनाया जाता है , लोगों का भरोसा भी उन पर बना रहता है और वे लगातार दस साल तक उस हलके - फुल्के अचार को खा सकते हैं.
कुछ और सावधानियां .....
अचार लम्बे समय तक खराब ना हो इसके लिए उसे गंदे हाथों से बचाना चाहिए , समय - समय पर धूप दिखानी चाहिए , अचार के संघ पर ज्यादा निर्भर नहीं रहना चाहिए .अचार सुखाने के मामले में कुछ गिनी चुनी छतों का ही प्रयोग ना करके अन्य छतों को भी मौका दिया जाना चाहिए,. इससे अचार की देखभाल भली प्रकार से हो सकती है ,देखने में आया है कि कई बार जिन छतों पर ज्यादा भरोसा किया जाता है, वे ही चुपके चुपके उसका बेडा गर्क कर डालती हैं .
अगली बार जब भी अचार डालें तो इन सावधानियों को मद्देनज़र रखें , अचार कभी खराब नहीं होगा .
सम-सामयिक विषयों पर हास्य-व्य़ंग्य लिखने में आपको महारत सी हासिल है जी। इसको पढ़कर तो शायद अडवाणी जी भी मुस्करा उठें। सुन्दर! शानदार। झकास च बिन्दास!
जवाब देंहटाएंहम तो दिन भर मुस्कुराएंगे ही ...
हटाएंसुन्दर अचार बना है.
जवाब देंहटाएंअचार बनाने के नुक्से तो बहुत ही रोचक रहा..बढ़िया व्यंग से भरा सुंदर प्रसंग....बधाई.
जवाब देंहटाएंअचार है कि मुरब्बा
जवाब देंहटाएंमैं तो समझ ही नहीं पा रहा हूं
इसका अर्थ तो ये हुआ शेफाली जी
जवाब देंहटाएंकि अचार को अचार बना रहने के लिए
स्वयं के आचार में परिवर्तन आवश्यक है
वरना अच्छे आचार के अभाव में
अचार बेचारा हो जाता है
जबकि सत्य है ये कि
अचार बनाने में कोई चारा
नहीं डाला जाता है
चारे संबंध होता यदि अचार से
तो आडवाणी तक नहीं आता
यह मामला तो लालू चारा घोटाले
में ही निबट जाता।
fantastic achar mera matlab satire.
जवाब देंहटाएंsubah subah anand aa gaya .
मा साब फ़ुर्सत में ...नवरात्रि के अवकाश में..चोखा अचार बनाया और कैसे बनायें ये भी सिखाया जा रहा है...बढिया है...लगे हाथ मोदी चटनी और राजनाथ..भर्ता कैसे बनाया जाता है..इसकी भी रेसिपी मिल जाये तो क्या कहने..दावत गज़ब बन पडेगी...
जवाब देंहटाएंइसे कहते हैं मौका देखकर चौका लगाना।
जवाब देंहटाएं-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
bबहुत अच्छी जानकारी है धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबहुत शानदार रेसिपी, अगली रेसीपी का ईंतजार है.लगता है कोई बडी तगडी डिश की ही आयेगी?:)
जवाब देंहटाएंरामराम.
अचारी व्यंग्य या व्यंग्यीय अचार?...क्या नाम दें इसे?...
जवाब देंहटाएंखैर जो भी हो...बना लाजवाब है..
Shaifali ! aap bhi na kisi ko nahi chodtin.hee hee.navratron main aachar bhi bana dala...good.bahut achche.
जवाब देंहटाएंक्या यमि अचार बन कर निकलेगा..वाह!! आजकल अच्छा खाये बहुत दिन हो गये, अब खाकर देखेंगे.
जवाब देंहटाएंअचार को कब उठाकर घूरे पर डाल आना चाहिए यह आपने नहीं बताया। कल्पनाशीलता से परिपूर्ण अच्छी व्यंग्य रचना।
जवाब देंहटाएंप्रमोद ताम्बट
भोपाल
www.vyangya.blog.co.in
बाकी जो है सो है
जवाब देंहटाएंअब भाजपा से तो टिकट मिलने से रहा आपको ताउम्र
जवाब देंहटाएंअचार-ए-अडवानी, वह भी पारदर्शी मर्तबान में ?
लाहौल बिला कूव्वत बिसमिल्लाह ही गलत हो गया,
यह अचार तेल में नहीं, बल्कि सरयू के पानी में अपने को गलाने का प्रयास करता है ।
अयइयो, एक गडबड और जे.. इन अचार को सच्चाई के दूप से बचानॉ जे ,
इसमे पराजै चाप सौंप कब्बी से बी नेईं डालने का, सेफाले जे !
टिप्पणी कवच : मेरा उद्देश्य आपकी मज़ाक उड़ा नहीं, बल्कि इस मौज़ में छौंक लगाने का था !
यदि माडरेशन प्रभावी हो तो टिप्पणी डिलीट कर दें, कोई वाँदा नहीं, अपुन ने मौज़ तो ले ही ली !
जवाब देंहटाएंआईला, नो माडरेशन ?
अभी तक ईगो नहीं पनपा ?
थोड़ा फ़ोकस वोकस भी नहीं चाहिये ?
माने निडर ब्लागर और अभिव्यक्ति की स्वतँत्रता ?
मुझे चिन्ता है कि,फिर तो आप बड़का ब्लागर बन चुकीं ?
क्या आपको स्पैम और बेनामियों तक का ख़ौफ़ नहीं सताता ?
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबहुत ही चटाखेदार अचार, चखते ही (मुस्कुराहटों के) अनार फूट पड़े.
जवाब देंहटाएंइष्ट मित्रों एवम कुटुंब जनों सहित आपको दशहरे की घणी रामराम.
जवाब देंहटाएंBahut hi tasty achaar bana hai.......... yum yum yum yum......... maza aa gaya ........
जवाब देंहटाएंbina svkchh vichar ke koi bhi ACHAR tikau nahi rah sakta.
जवाब देंहटाएंबेहद स्वादिष्ट और तीखा अचार है शेफाली जी |
जवाब देंहटाएंकिन शब्दों में इस अचार की तारीफ करूँ |
ऐसे ही अचार मुरब्बे बनाती रहियेगा ....:)
शुभकामनाएं !!!
कुछ और किस्म के आचार बनाने के नुस्खे हो तो जरुर बताईयेगा, इस अचार का स्वाद मैंने सेम्पल के रूप में कुछ मित्रों को भेजा था उन्हें बहुत ही पसन्द आया है, उनके ऑर्डर आ गए है आपका अचार कल अपनी दूकान पर बिक्री को सजेगा..ऑर्डर लिस्ट शीघ्र प्रेषित की जायेगी....
जवाब देंहटाएंदेर आयद दुरस्त आयद...मैंने आपकी साईट खोजी और मुरीद हो गया
जवाब देंहटाएं