कुछ ख़बरों का पोस्टमार्टम ...
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चाँद पर पानी ....................
आदमी की आँखों से जब मर जाएगा
अभी तो मिला है चाँद पर ,
कल सूरज पर भी नज़र आएगा ....
शाइनी को स्लीप डिस्क का अटेक
डॉक्टरों का चेहरा
पड़ गया सर्द
जिसके पास रीढ़
की हड्डी ही नहीं
उसको भी हुआ
रीढ़ में दर्द ....
:-)
जवाब देंहटाएंबहुत सन्न्नाट कटाक्ष....
जवाब देंहटाएंये तो वैसे ही सतसैया के दोहे हो गए:
देखन में छोटे लगे, घाव करे गंभीर!!
gagar mein saagar.
जवाब देंहटाएंक्या बात है!! बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंरीढ की हड्डी --
दर्द का क्या पता उस अंग मे ही हो जाये जो अंग हमारे पास है ही नही.
क्या बात है,सटीक्।
जवाब देंहटाएंलघुता में प्रभुता मिले
जवाब देंहटाएंयहां पर तो प्रभु मिल गए
अब काहे की दूरी
:))
जवाब देंहटाएंलाजवाब्!!
बहुत खूब...दशहरा की हार्दिक शुभकामना शेफाली जी...
जवाब देंहटाएंमैं तो शैफाली पाण्डेय के खून में व्यंग्य परिक्षण करा रहा था पर ये तो स्वयं डाक्टर निकली। वाह, क्या पोस्टमार्टम किया है। वाह वाह वाह.... लेकिन मात्र दो.... मेरी अभिलाषा है कि आप इन्हें पूरा करो सौ...।
जवाब देंहटाएंअच्छा मा साब...छुट्टी में ये सब चल रहा है..ठीक है ...मजेदार लगे रहिये....
जवाब देंहटाएंक्या शेफाली?....आप भी कमाल करती हैँ....सिर्फ दो बाज़ुओं की चीराफाड़ी करी और कहती हैँ कि हो गया पोस्टमार्टम...
जवाब देंहटाएंसटीक.............
जवाब देंहटाएंshukria,
जवाब देंहटाएंDILCHASP!
चलिए, यह भी खूब रही.
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई.
जवाब देंहटाएंढेर सारी शुभकामनायें.
SANJAY KUMAR
HARYANA
http://sanjaybhaskar.blogspot.com