साथियों , कैसा लगेगा आपको जब घर में दो - दो आयोजन हों और पता चले कि आपकी गैस चोरी हो गयी हो..कल जब इस नाचीज़ ने चिट्ठा - चर्चा पर नज़र डाली तो पाया कि किन्हीं आकांक्षा की कृपादृष्टि मेरे ब्लॉग पर पड़ चुकी है , और उन्होंने बिना मुझसे पूछे मेरी रसोई से गैस निकली और अपनी रसोई में फिट कर ली , मैंने कई दिनों तक धूप में ,लम्बी लाइन में खड़ी होकर दो भाइयों के झगड़े के बावजूद गैस भरवाई , ताकि मेरे ब्लॉग का चूल्हा जलता रहे ,और महोदया उसे एक झटके में खोल कर ले गयी , आपके पास रोटी पकाने के लिए गैस नहीं थी तो मुझसे मांग लेतीं , मुझे भी सुकून होता कि मेरे ब्लॉग की रोटी से कोई और भी अपना पेट भर रहा है ,आपने तो चार - पांच रोटी रूपी टिप्पणी तक सेंक ली ,कोई और बहिन होती तो आपसे अवश्य ही पचास रूपये झटक लेती ..लिंक
मैं हिन्दुस्तानी स्त्री हूँ उससे भी बढकर एक ब्लोगर हूँ ,, मेरी किसी पडोसन को या सहेली को मेरी कोई साड़ी या जेवर पसंद आ जाती है तो मैं उसे उदारता पूर्वक पहिनने के लिए दे दिया करती हूँ , हांलाकि बिना टयूशन वाली मास्टरनी के पास ऐसी कोई साड़ी या जेवर नहीं है यह तो मैं अपने को खुश रखने के लिए कह रही हूँ , जब बात गैस की हो जाती है, वह भी बिना पूछे लगी गई, तो गुस्सा आना स्वाभाविक है .http://shefalipande.blogspot.com/2009/08/blog-post.html
, स्टोव में तेल नहीं है क्यूंकि इस साल स्कूल में पढाना पड़ गया सो मैं बी . पी . एल .कार्ड नहीं बनवा पाई , और मिट्टी का तेल लेने की योजना मिट्टी में मिल गई ., वैसे अगर स्टोव पर खाना बनाना पड़ता तो गुस्से में पम्प जोर से मारती और ऐसे में स्टोव के फटने का भी खतरा था, पांडे जी को खामखाह ही जेल हो जाती , हांलांकि इससे उनके बार बार यह कहने की परीक्षा हो जाती कि मेरे हाथ का खाना खाने से जेल का खाना ज्यादा अच्छा होता होगा.
थक हार के चूल्हा सुलगाना पड़ता ,इस प्रक्रिया में , मैं ही ज्यादा सुलगती और कुछ शोले पांडे जी पर भी ज़रूर गिरते.
.तो बात थी दो - दो आयोजनों की .....एक तो पाबला जी बता ही चुके हैं ....आज से आठ साल हमारा निहार रंजन पांडे जी के साथ गठबंधन हुआ था ,आठ साल कहने से ही ''आठ - आठ आँसू'' 'जाने क्यूँ याद आ जा रहे हैं , ये वही साल २००१ था ,जब विवाह से ठीक एक माह पूर्व न्यूयार्क का ट्विन टावर जीरो ग्राउंड में बदल गया था, ,सेंसेक्स पांच हज़ार की उच्चतम सीमा को लाँघ गया था ,जो कि मंदी के आने का पूर्वाभास था ,भाजपा के बंगारू लक्ष्मण को घूस के आरोप में बिना राम के वनवास मिल चुका था ,,उसी साल हमारा आज ही के दिन पाणिग्रहण हुआ था ,बीस - पच्चीस बाराती, बिना बैंड - बाजे के गोधूली के समय {चक्का जाम के कारण बारात सुबह पांच बजे की जगह शाम पांच बजे पहुँच पाई , हर कोई अपने - अपने स्तर से पांडे जी को बचाने के प्रयास में जुटा हुआ था } हमारे द्वारे पहुंचे , फटाफट ट्वेंटी - ट्वेंटी की तर्ज़ पर विवाह संपन्न हुआ, एक कपडों की अटैची और एक किताबों से भरा हुआ संदूक { पांडे जी की इच्छानुसार }लेकर हम खाली हाथ बारातियों के टीका पानी न मिलने के कारण मुरझाए हुए चेहरों के साथ कानपुर आ गए .
दूसरे, कल यानी सत्ताईस अक्टूबर के दिन हमारा इस धरा पर पदार्पण हुआ था. इसीलिए ये दो हमारे लिए दिन बहुत ही ख़ास हैं , और हमारी गैस चोरी हो गई , बनाएं तो क्या बनाएं ?
अभी - अभी जाकर उनके ब्लॉग में देखा तो पता चला कि वहां हमारी गैस नहीं है , और ना गैस को चुरा कर लगाने का कोई निशान ....काश कि हम भी टेक्नोलोजी के मास्टर होते तो उसी समय कौपी करके या स्नेप लेके अभी मय सबूत के पेश कर रहे होते ....
स्लोग ओवर खुशदीप भाई से उधार लेकर.....
विदाई के
समय माँ अपनी बेटी को रोता देखकर ....
''चुप हो जा बेटी , भगवान् ने चाहा तो तुझे ले जाने वाला खुद रोएगा ''..
दावत के लिए हमने मेहनत ब्लोगर साथियों के लिए मीट का इंतजाम किया है , हम घनघोर शाकाहारी हैं .मीटिंग में अलाहाबाद तो ना जा सके लेकिन तथापि आज मीट अवश्य पकाएंगे ...क्यूंकि गैस वापिस आ गई है
चाय कम , खर्चे ज्यादा
बहस कम , चर्चे ज्यादा
प्रश्न कम , पर्चे ज्यादा
सोए कम, रोए ज्यादा
पाए कम , खोए ज्यादा
पोस्ट कम मार्टम ज्यादा
दुःख कम, मातम ज्यादा
औरत कम , मर्द ज्यादा
मलहम कम, दर्द ज्यादा
मक्खी कम , मच्छर ज्यादा
शगुन कम फ़च्चड़ ज्यादा
विचार कम आचार ज्यादा
सम्मलेन कम प्रचार ज्यादा
पटाखा कम धमाका ज्यादा
संगम कम मंथन ज्यादा
बेनामी कम सूनामी ज्यादा
परेशानी कम हैरानी ज्यादा
श्रोता कम कुर्सी ज्यादा
पानी कम बिसलेरी ज्यादा
दुल्हन कम स्वयंवर ज्यादा
ब्लोगर कम नामवर ज्यादा
माइक कम फाइट ज्यादा
अतिथी कम संचालक ज्यादा
समीक्षक कम आलोचक ज्यादा
स्माइल कम , मोबाइल ज्यादा
टांग कम खिंचाई ज्यादा
लगाई कम बुझाई ज्यादा
हाँ हाँ कम, हाहाकार ज्यादा
कार कम ,पत्रकार ज्यादा
चाट कम ठेला ज्यादा
मेल कम, मेला ज्यादा
समय कम, भड़ास ज्यादा
लिखा कम छपास ज्यादा
इस पोस्ट को लगाने से पहले आकांक्षा जी का माफी का फोन आ चुका है,नई - नई ब्लोगर हैं , जानकारी के
अभाव में अपनी मित्र द्वारा भेजी गई मेल को अपने ब्लॉग में लगा बैठीं , और इस नाचीज़ का नाम देना भूल गईं ....चलिए जो हुआ सो हुआ ....आप इस मीट और हमारे विवाह की दो मजेदार फोटुओं का आनंद उठाइए .
अनजाने में हुई गलती नहीं कहलाती
जवाब देंहटाएंवो बिल्कुल गल जाती है
सब को मिलता है सबक
जब धरा पर चलता है
चलता क्या है
गिरता है
सिर्फ गिरता है
पड़ता भी नहीं
पढ़ता भी नहीं
संभल भी नहीं पाता।
पर ब्लॉग धरा ऐसी धरा है
संभालने वाले मौजूद हैं
न गिरने देंगे न लगने देंगे चोट
जिससे कटे न गिरने से ओंठ।
आपने इलाहाबाद सम्मेलन को तो
हंसा हंसा कर कर दिया बरबाद
जो रहा सदा अमरूदों से आबाद।
अमिताभ बच्चन भी यही कहते हैं।
आप खुशनसीब है कि आपका माल चोरी हुआ...अपना भी दो-तीन बार हो चुका है...एक-दो ने तो माफी माँग ली थी..एक कुछ ज़्यादा ही ढीठ था जिसके लिए मुझे एक व्यंग्य "व्यठा-एक कहानी चोर की" लिखना पड़ा था...
जवाब देंहटाएंआपका खुशदीप जी से उधार लिया हुआ स्लॉग ओवर...रोचक...भौंचक...मज़ेदार रहा...
विवाह की वर्ष गांठ और जन्मदिन...दोनों की बहुत-बहुत बधाई
बधाई आपको एवम पाण्डेय जी को भी . सात जन्मो का सफर आठ साल पुरे कर चूका .
जवाब देंहटाएंगैस की चिंता न करे भाईयों के पास बहुत है
anjane mein hui galti ko nazarandaaj kiya,achha kiya......chaliye khana sampann karen
जवाब देंहटाएंरोचक.मज़ेदार रहा....बधाई आपको एवम पाण्डेय जी को...
जवाब देंहटाएंबढ़िया कविता है। जन्मदिन व विवाह की वर्षगाँठ की बधाई। चोरी का माल कम ही लोगों को वापिस मिलता है।
जवाब देंहटाएंघुघूती बासूती
विवाह की वर्षगांठ और
जवाब देंहटाएंजन्मदिन की डबल बधाई स्वीकारें।
पर मिठाई अवश्य भिजवा दें
आठ के ठाठ पूरे करेंगे साठ।
विवाह की वर्षगांठ और
जवाब देंहटाएंजन्मदिन की धाई स्वीकारें।
pankaj
Meri gas bhi bahut baar chori hui hai.... kabhi angrezi gas to kabhi hindi gas.... kai baar to gas samet paka pakaya khaana bhi chor le jaane se nahi chukey..... aur hum khaali pen roopi maachis hi jalaate reh gaye..... maine bhi churai hai par poori gas nahi..... theme ke roop mein sirf gas ka pipe.... par wo bhi gas ke kaagaz roopi akhbaar se....
जवाब देंहटाएंaapko anniversary ki bahut bahut badhai.....
लीजिए अब तो यहां सब स्वीकारने लगे हैं। एक अच्छी शुरूआत है। इस शुभकर्म का श्रेय आकांक्षा को जाता है कि उनकी अनजाने की गलती कईयों की जानबूझकर की गई गलतियों को स्वीकारने का सबब बन रही है।
जवाब देंहटाएंआह्ह्ह्ह ,
जवाब देंहटाएंबनी रहे जोड़ी रजा रानी की जोड़ी रे
नज़र लगाये न ये दुनिया निगोडी रे.........!!
भाई चोरी वहीँ से होती है जहाँ भारत गैस या इन्देन् गैस होती है...हमारे यहाँ गोबर गैस है इस लिए हम सुरक्षित हैं....कोई लेइये नहीं जाता है.....बाकि युद्ध में विजय प्राप्ति की बधाई (विपक्ष को धराशायी होकर पाँव पड़ते हुए देख रहे हैं..)...
अखंड सौभाग्यवती भवः.........खूब फलिए और फूलिए......हा हा हा हा हा
आप ही के शब्दों में :- आपको 'दो-दो आयोजनों' की बहुत बहुत बधाइयाँ व शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएं१) शादी की सालगिरह
और
२) 'गैस' के वापस मिलने पर !!
खुराफ़ाती दुल्हन है यह तो।
जवाब देंहटाएंशानदार पोस्ट!
शादी की सालगिरह की बहुत बहुत बधाई। कम खर्चे में शादी की मिसाल कायम करके बहुत अच्छा काम किया था आप लोगों। अब आज खूब खर्च करके उसकी भरपाई कर लो। कल जन्मदिन की अग्रिम बधाई।
मीट शानदार बनाया। बोटी-बोटी जायकेदार है।
शादी की वर्षगाँठ की बहुत-बहुत बधाई मैम...
जवाब देंहटाएंपूरे प्रकरण को इतनी सहजता से लेना आपका बड़प्पन ही दिखाता है।
भाई चोरी आपके यहाँ हुई और आनन्द हमें आ गया,,,,,,,,,,,,
जवाब देंहटाएंबधाई आठ साल पहले घटी घटना की.............
अभिनन्दन आप दोनों का...........
शेफ़ाली जी और श्री पान्डे जी को उनकी शादी की सालगिरह पर बहुत बहुत मुबारकबाद और भावी जीवन मे खुशहाली की अन्गिन शुभकामनाये
जवाब देंहटाएंशादी की वर्षगाँठ की बहुत-बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंमस्त पोस्ट!! वाह!!
शेफ़ाली जी को जन्मदिन की अन्गिन शुभकामनाये
जवाब देंहटाएंशेफाली बहना,
जवाब देंहटाएंपहले तो एक बार फिर हैप्पी अक्टूबर...
दूसरी बात स्लॉग ओवर वाली...तो बिटिया तो एक बार ही रोती है और वो दूसरे का लाल जो उसी दिन हलाल हुआ है उसे तो आने वाले हर दिन पर ही रोना है...
जय हिंद...
अभी कल से हम कम्प्यूटर पर जो बैठे है तो उठे ही नही । याद आया अपने यहाँ ऐसे ही रात रात भर शादी होती है ..दिन निकल जाता है । सो कल पाबला जी के ब्लोग पर आप दोनो को विवाह की वर्षगाँठ की बधाई दे चुके हैं और आज थोड़ी देर पहले जन्म दिन की भी । यह हमारा सौभाग्य है कि अब आपके ब्लॉग पर आकर बधाई दे रहे हैं । यह शादी का फोटो देख कर मजा आ गया ।हमने यही फैंसी ड्रेस् की कल्पना की थी ( पाबला जी के ब्लोग पर हमारा कमेंट देखें ) तो यह सब चिंता छोडे जन्मदिन पर आकान्क्षा को माफ करे । अब हम भी जाते हैं सुबह हो गई है गैस जलाकर चाय बनाये फिर हमारे यहाँ भी एक मास्टरनी जी हैं उनको जगाये और चाय पिलाकर उनकी सेवा करें । आपको पुन: ढेर सारी बधाई ।
जवाब देंहटाएंबधाई!
जवाब देंहटाएंगलतफहमी दूर हो गईं हैं।
आकांक्षा जी ने माफी भी माँगली है और
पोस्ट भी हटा दी है।
Wish you a very Happy Bbbbbbbirthday ji !
जवाब देंहटाएंदोनों सुअवसरों की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं. और चोरी गया माल बरामद हो भी जाये तो पुलिस वाले उसको ओरिजिनल हालत मे नही लौटाते..यानि आधा अधूरा ही मिलता है. जरा चेक कर लिजियेगा.:)
जवाब देंहटाएंशादी की वर्षगांठ की, जन्म दिन की बहुत बहुत शुभकामनाएं.
रामराम.
nice
जवाब देंहटाएंAaapko janmdin ki haardik badhai ..... va shubhkaamnayen.....
जवाब देंहटाएंजन्मदिन की बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंब्लोगर कम नामवर ज्यादा
जवाब देंहटाएं:)
Kuch muhavre:
Sar mudate hi ole padna...
Kangali main aata geela.
And the best...
Tu meri khuja main teri
बी.पी.एल.कार्ड नहीं बनवा पाई...
जवाब देंहटाएंB.S. Pabla ji se aapun blog main aaiye !!
tumuki badhai !!
Pelag.
बहुत बहुत बधाई जी आपको ...
जवाब देंहटाएंhappy wla birth day hai jee
जवाब देंहटाएंविवाह की वर्षगांठ और जन्मदिन की बधाई ............. रोचक और हास्य से भरपूर किस्सा है ........
जवाब देंहटाएंइत्ती लेट वाली बधाई चलेगी क्या..? इस तरह की धांसू पोस्ट तो आपकी ही कलम से निकल सकती है.. मिट्टी के तेल का सपना मिट्टी में मिलना या पाण्डेय जी का जेल का खाना खाने की परीक्षा.. बहुत धांसू लिख डाला आपने.. फुल्ली इम्प्रेस्ड!
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