साथियों .....सरकार भी बड़ी अजीब चीज़ होती है ....वैसे तो साल भर हम गरीब टीचरों के पीछे पड़ी रहती है ...गरियाती रहती है ...लेकिन जब कोई जिम्मेदारी वाला काम होता है ...तो हमें याद करने में उसे ज़रा भी संकोच नहीं होता ....तो चुनाव हों और वो हमें खाली बैठने दे ऐसा कैसे हो सकता है ? पिछले साल ग्राम पंचायत के चुनाव में ऐसी ही एक ड्यूटी देते समय मैंने एक कविता लिखी थी ....न न ...ड्यूटी के समय नहीं ...उसके बाद ...
सौ प्रतिशत वोट डालती पहाडी औरत के जज्बे को मेरा सलाम .....
पहाड़ की औरत जब वोट डालने जाती है
देर रात तक जाग कर
गाय का गोबर साफ़ कर
सुबह चार बजे उठ जाती है
पहाड़ की औरत जब वोट डालने जाती है
बरसों से सहेजे झुमके चूड़ी
शादी में मिली लाल साड़ी
पैरों में हील की चप्पल डाल लेती है
पहाड़ की औरत जब वोट डालने जाती है
बच्चों के लिए कुछ माटी के खिलौने
ससुर के लिए खट्टा मीठा चूरन लाने
पिठ्या के पैसों को बटोर लाती है
पहाड़ की औरत जब वोट डालने जाती है
अंधी सास का हाथ थाम कर
छुटके को कमर में डाल कर
चाची, मामी को आवाज़ लगती है
पहाड़ की औरत जब वोट डालने जाती है
और साथियों पहाड़ की औरत जो खुद एक पहाड़ सी जिन्दगी जीती है जब वोट डालती है तो
सूरज की गर्मी , जाड़ों की गलन
बारिश की सड़न, काम की उलझन
उसके कदम नहीं रोक पाती है
पहाड़ की औरत जब वोट डालने जाती है
मीलों पथरीले रास्ते , बाघों की सच्चाई
नदियों का वेग , पहाड़ों की ऊंचाई
उसके आगे बौनी हो जाती है
पहाड़ की औरत जब वोट डालने जाती है
बरसों से सहेजे झुमके चूड़ी
जवाब देंहटाएंशादी में मिली लाल साड़ी
पैरों में हील की चप्पल डाल लेती है
पहाड़ की औरत जब वोट डालने जाती है
.....
एक चित्र - सा उपस्थित हो गया.
सुन्दर शब्द चित्र खिंचा आपने... एकदम जीवंत.
जवाब देंहटाएंबिलकुल ऐसा लगा जैसे सब कुछ सामने हो रहा है ...बेहतरीन
जवाब देंहटाएंमेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
बहुत सजीव चित्रण प्रस्तुत किया है।बहुत बहुत बधाई।
जवाब देंहटाएंबरसों से सहेजे झुमके चूड़ी
शादी में मिली लाल साड़ी
पैरों में हील की चप्पल डाल लेती है
पहाड़ की औरत जब वोट डालने जाती है
aapki kavita aur shabd-sanyojan prabhavit karte hain .....BADHAI HO
जवाब देंहटाएं-albela khatri
-www.albelakhatri.com
bhut sundr abhibyakti.
जवाब देंहटाएंशेफाली जी।
जवाब देंहटाएंआपने पर्वतीय जीवन शैली का सुन्दर व सजीव चित्रण किया है।
साधुवाद।
bahut sundar!!!! shefali aapki kalpna yatharth
जवाब देंहटाएंke jamiin par tiki hai..............
बहुत अच्छा है.
जवाब देंहटाएंवाकई पहाड़ी महिला के जीवन को देख कर अवाक रह जाते हैं हम!बार बार यही पंक्तियाँ याद आती हैं - मैने उसको जब जब देखा, लोहा देखा ...
जवाब देंहटाएंसजीव शब्द चित्र...केवल पहाडी नहीं अधिकांश ग्रामीण स्त्रियों के लिए सत्य.
जवाब देंहटाएंएक शिक्षक होने के नाते आपकी भावनाएं बेहतर समझ पा.. रहा हूँ..!वैसे भी ग्रामीण औरतों के लिए वोट डालना उत्सव से कम नहीं होता...!अच्छा चित्रण.. किया है..
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