सोमवार, 18 मई 2009

तो यहाँ छुपा हुआ था जीत का राज़

चुनाव परिणामों से यह साफ़ स्पष्ट हो चुका है कि जिसने जूतों को शिरोशार्य किया ...जूतों ने उसका बेडा पार किया ..
 
बलिहारी इस जूते की
हुई है दुनिया सारी
जिनकी  इसने नज़र उतारी
उन सबने ही बाज़ी मारी
 
जो इसके प्यार से बच गए
मन को रहे मसोस हैं
हम पर भी काश !
लहराया होता जूता आज
पहुंचे होते संसद में
रह गया दिल में अफ़सोस है
 
क्या पता था उनको
इस अनोखे चुनाव में
चलेगी ऐसी रीत
जूतों से लिपटी आएगी
जनता की सारी प्रीत
 
जंतर- मंतर, जादू- टोना 
रह जाएँगे कोसों पीछे 
हवा बहेगी जूतों वाली 
बनेगी चप्पल मन की मीत 
 
थी जूतों में चिपकी हुई 
माँ के दिल से निकली दुआ 
फीतों का रूप लिए 
प्यार बहिन का बंधा हुआ 
पिता और भाई की आस जुड़ी थी   
दादी का भी सपना सच हुआ
 
जो हार गए हैं अबकी बार
हिम्मत भी ना जाएँ हार
अगले चुनाव के लिए
हो जाएं अभी से तैयार
 
चुनाव आयोग से मांग लें
जूता चुनाव निशान
जुट जाएं आज "औ" अभी से  
मान लें वोटर का एहसान
सफल करें सब मिलकर के  
जूता फेंक अभियान
 
याद रखें बस इतना सा
वोटर जब जब रूठ गया  
बाहुबली भी टूट गया  
नोट बाँटने वाला भी
नोट लुटाता रह गया
हुई न्योछावर उस पर कुर्सी  
जो हंसकर जूता सह गया ...

13 टिप्‍पणियां:

  1. क्या खूब कहा है मैम...वाह

    इस जूते की महिमा अपरंपार

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  2. जिसने जूता खाया, उसको हार, हार का हार मिला है।
    पाँच साल तक घर रहने का, बदले में उपहार मिला है।।

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  3. सुन्दर व्यंग्यपूर्ण रचना. लगता है बहुत जल्द जूता शब्द कॉपीराइट होने वाला है.

    साभार
    हमसफ़र यादों का.......

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  4. joote joote pe likha hai khane wale ka naam.
    jisne joote khaye hain khayega ab aam,

    -Darpan Sah

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  5. हो सकता है कि निकट भविष्य में सन 2009 को "जूता वर्ष" घोषित कर दिया जाए.

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  6. jarur yaadagaar banaye rakhane ke liye varsh 2009 ko joota varsh ghoshit kiya jana chahiye .sharma se mai sahamat hun .

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