वर्तमान भारतवर्ष में शायद ही कोई ऐसा त्यौहार बचा हो जो सम्पूर्ण राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरो सके, ऐसे समय में करवाचौथ ही एकमात्र ऐसा त्यौहार बच गया है जिसमे थोड़ी बहुत सभी धर्मों की झलकियाँ मिल जाती हैं ...देखिये
दीवाली : के रूप में महीनों पहले से पति की जेब में मेहनत से जमा किये हुए "हाथ के मैल" की सफाई; चेहरे की रंगाई-पुताई और टूट-फूट की मरम्मत; पति के दिल का बिना तेल-बाती के जलना; कमाई का धुँआ उड़ना; महँगी डिजाइनर साड़ी और मंहगे जेवरों को देखकर पडोसिनों का चकरघिन्नी की तरह आगे-पीछे घूमना और इस घमंड में पत्नी के दिल में अनार, फुलझडी का छूटना ........
होली: पतियों द्बारा खरीदारी रूपी चीर को किसी कदम्ब पर बाँधने का असफल प्रयास और असफल होने पर दिल में होली का जलना; पत्नी का चेहरा मेकप के कारण गुलाबी, होंठ लिपस्टिक से लाल, पति के चेहरे का रंग पीला पड़ना, इस सदमे से खोया - खोया रहना ...
ईद: पति रूपी बकरे को चुपचाप हलाल हो जाना पड़ता है अन्यथा मुहर्रम का मातम भी लगे-हाथ हो सकता है .
जब पति सांता क्लॉस बनकर चुपचाप तकिये के नीचे महँगी ज्वेलरी रखे या लेटेस्ट मोबाइल रखे तभी उसे दुनिया के आगे संत की उपाधि मिलती है| बड़ा दिन: व्रत करने वाली महिला के लिए यह दिन सबसे बड़ा होता है, किसी भी तरह से ख़त्म होने का नाम ही नहीं लेता.
सारा दिन व्रत रखने से महिलाओं के चेहरे पर सिखों के शहीदी दिवस के भाव आना ,उनकी इस अदा पर पतियों का शहीद हो जाना.
भगवान् बुद्ध के वचनों का पतियों द्बारा पूर्णतः पालन करना. साल भर चाहे कितनी भी मार - कूट कर ले, इस दिन संयम रखना .
जन्माष्टमी: अगर कोई नासमझ पति खाली हाथ घर आ जाए तो आँखों से गंगा जमुना बहने लगती है और डलिया भर के उपहार लाने पर ही घर रूपी जेलखाने में पुनः प्रवेश मिलता है
शिवरात्री: महिलाओं की खरीदारी देखने से ऐसा लगना मानो इन्होने भांग का नशा किया हो, जिसका सुरूर उतरने का नाम ही नहीं लेता.
बाल दिवस: दिन भर बच्चों को संभालना पड़ता है तो पतियों के लिए यह बाल दिवस| यह दिन पत्नियों द्वारा ड्राई दिन और अहिंसा का डिक्लेयर कर देने से दो अक्टूबर ....
क्यूँ हुआ ना यह एक सर्व धर्म त्यौहार ??
jee ekdum सर्व धर्म त्यौहार hai......... bahut achcha laga padh kar.........
जवाब देंहटाएंregards
mahfooz
www.lekhnee.blogspot.com
खूब कहा आपने फिर तो इसे नॅशनल फेस्टिवल घोषित होना चाहिए....
जवाब देंहटाएंwah bhai wah!!!!!
जवाब देंहटाएंnice homely thoughts !
जवाब देंहटाएंसटीक व्याख्या
जवाब देंहटाएंBadhiya!
जवाब देंहटाएंहम तो भाई शीर्षक पर ही अटक गए हैं।
जवाब देंहटाएंउसी पर गम्भीर चिंतन मनन कर रहे हैं।
एक वाक्य ही जाने कितने हास्य व्यंग्य समाहित किए है।
धन्य देवि !
देवी प्रपन्नार्तिहरे प्रसीद...
स्तुति इसलिए कि ऐसी सूझें जिससे आएँ, वे गुर बताइए न।
कितना गहन चिन्तन करती हैं आप. क्या कहूँ-साधुवाद!!
जवाब देंहटाएंगजब है जी!
शैफाली का लिखा जितना भी पढ़ो
जवाब देंहटाएंस्वाद ही स्वाद है
ऐसा लगता है
जिस खेत में ये शब्द और विचार उगते हैं
उसमें खाद ही खाद है
सत्य वचन...
जवाब देंहटाएंपत्नी ही सत्य...पत्नी ही शिव...पत्नी ही सुंदर...
पत्नीश्री की फरमाइशों से ज़ेहन नहीं हटता, ज़माने की हम क्या सोचें...
शैफाली जी, ब्लॉगर्स मीट में मौजूद रहने के बावजूद आपसे परिचय नहीं हो सका था...ये मेरा ही दुर्भाग्य था...खैर इसकी भरपाई आपके लिखे को लगातार पढ़ कर पूरी कर रहा हूं...वैसे आपकी अरहर के जड़ाऊ वाली कविता आज तक नहीं भूला हूं...
जय हिंद...
त्योहारों पर पतियों की दशा का खूब वर्णन किया है ..रोचक ..!!
जवाब देंहटाएंवाह-वाह बहुत खुब। सहमत हूँ
जवाब देंहटाएंहा हा हा ...........कमाल है , चलो किसी भी बहाने से , भारत एक सूत्र में तो दिखे .........मंगल कामना .
जवाब देंहटाएंबसंत पंचमी भी देखा जा सकता है इसमें तो.. यदि पति कोई बात नहीं माने तो उसकी लाईन यही तो होगी..
जवाब देंहटाएंबस!-नोट पंच-मी
फ़िर हमारे जैसे पतित्व को प्राप्त नही कर सके लोग कंहा जायेंगे?
जवाब देंहटाएंवाह शेफाली जी देश की एकता के लिये क्या फण्डा निकाला बधाई
जवाब देंहटाएंवाह्! क्या कमाल की सोच है!!
जवाब देंहटाएंएकदम सही फार्मूला निकाला आपने......:)
हर मौक़े पर अत्याचार सिर्फ़ बेचारे पतियों पर!!! :)
जवाब देंहटाएंयह रचना जैसे कल्पना की पराकाष्टा है.
जवाब देंहटाएंअरे बाप रे मा साब इस महान पर्व की ऐसी अद्भुत व्याख्या तो आज तक कहीं पढी सुनी देखी न थी....आपने तो अजब ग्रंथ रच डाला..सूत्र पिरो जाने के बाद ..उसकी मेन गांठ ..तो श्रीमती जी के हाथ में ही होगी न...मतलब झंडोतोलन..
जवाब देंहटाएंअभी तो और भी बहुत सारी त्योहार बाकी है । वैसे अपना तो यह जिस दिन खुश उसी दिन त्योहार । लेकिन इस देश मे ऐसे मौके आते कहाँ है ।
जवाब देंहटाएंत्यौहारों की बढिया चीर फाड की है आपने।
जवाब देंहटाएंधनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
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aapko deepawali ki haardik shubhkaamnayen......
जवाब देंहटाएंha ha ha ha
जवाब देंहटाएंkya baat hai yahi to hai sarv dharm tyohaar...
bahut khoob..
mazaa aa gaya...
aapki to bas baat hi niraali hai...
दीपों सी जगमगाती आपकी जिन्दगी रहे
जवाब देंहटाएंसुख सरिता नित घर आंगन में बहे
श्याम सखा श्याम
http://gazalkbahane.blogspot.com/
बहुत ही सुंदर --इस खुलेपन की जितनी भी तारीफ़ करें कम है,
जवाब देंहटाएंdher sari subh kamnaye
happy diwali
from sanjay bhaskar
haryana
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
achi jankar di aapne
जवाब देंहटाएंआपकी शुभकामना के लिए बहुत -बहुत धन्यवाद ,आशा है आपकी दिवाली भी मंगलमय रही होगी .मैं जल्द ही नियमित हो रहा हूँ .
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