रविवार, 7 दिसंबर 2008
तीन बयानों का मिश्रण
फूटे जो मुंबई में बम,
नेताओं का दिमाग ही हिल गया
और हम जैसे निठल्लों को,
घर बैठे ही मसाला मिल गया
तीनों के बयानों को जोड़ दिया
तो देखिए
मुफ्त का हमको कैसे मज़ा मिल गया
बयान --------------------------------
बड़े-बड़े शहरों की छोटी-छोटी सी ये बातें
इनपे गौर फरमाएं तो गज़ब ही हो जाएगा
महिलाएं जो ना पोतें मुँह पे लिपिस्टिक और पाउडर
कुत्ता भी इनके घर भोंकने को नहीं जाएगा
और घर पर जाएगा जब वो मिनिस्टर
दरवाज़ा खोलेगी बीबी तो पहिचान नहीं पाएगा
बंद हो जाएगा गर इनका प्रोडक्शन
बाज़ार आधा खाली हो जाएगा
काँप उठेगा अर्थतंत्र, हिल जाएगा प्रशासन
बचा खुचा सेंसेक्स भी धड़ाम हो जाएगा
इसलिए महिलाओं की ये मजबूरी है
अर्थव्यवस्था के लिए मेकअप ज़रूरी है
जश्न मनाइए.....
चुप हैं क्यूँ, अब तो नाचिए, गाइए, जश्न मनाइए
मुरझाये हुए चेहरों पे हँसी तो ज़रा लाइए
क्या हुआ जो राशन न हुआ सस्ता
पेट्रोल में पूरी तलिए, डीज़ल में सब्जी पकाइए
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