मान जाओ मानसून ....
मान जाओ
सुन लो
मानसून
अब आ भी जाओ ।
मत
तरसाओ
जल्दी से आओ
सब तर कर जाओ ।
बरस
बाद आए हो
पाहुन
बिन बरसे मत जाओ ।
यूँ ही
मत गुजरो
तुम
ज़ोर - ज़ोर से गरजो ।
मत लो
हमसे बदला
प्यारे - प्यारे
तुम हो बदरा ।
सूख गई
सारी धरती
इस धरती को
अब सुख सारे दे जाओ ।
प्यासी
अँखियों को
और न भटकाओ
भर दो गागर
भर दो सागर
नदियों का
सीना भर जाओ ।
सुनो ! मान जाओ
मानसून
अब आ भी जाओ । [मास्टरनी ]