चुनावी क्षणिकाओं का तीसरा भाग ......
दावा
वे
दावा करते हैं
उबड़ खाबड़
रास्तों को
समतल करने का
भूख गरीबी
के आवरण को
हटाने का
पर
खुद उनकी ही
कथनी और करनी
के मध्य
एक चौड़ी खाई है
जो
आज तक
नहीं भर पाई है
स्थिति
अन्याय की
वेदी है
निर्दोष की
बलि है
पर आप
बिलकुल
चिंता ना करें
श्रीमन
स्थिति
तनावपूर्ण
किन्तु
नियंत्रण में है
विकास
कुछ तो मेरा विश्वास करो
मत घूरो मेरी तोंद को
पिछले विकास से कितना डकारा
मुँह बंद करो ,यह नोट लो
आया हूँ मैं हाथ जोड़ कर
विकास को फिर से वोट दो