रविवार, 7 अक्तूबर 2012

जाग मास्टर जाग अब तेरी शामत आई.....

आजकल हम मास्टरों की ट्रेंनिंग चल रही है, जिसका लब्बो लुआब मेरी समझ से यह निकलता है .....

जाग मास्टर जाग 
अब तेरी शामत आई |

मुर्गा बहुत बनाया तुमने 
बात - बे -बात हड़काया तुमने 
कान खींचे, धौल जमाई 
प्रश्न पूछने पर की पिटाई 
खुद को समझा तुमने खुदा 
डंडे के बल पाई खुदाई 

अब बैठेंगे कुर्सी पर बच्चे 
तुझको मिलेगी फटी चटाई  
जाग मास्टर जाग अब तेरी शामत आई |

खेल - खेल में अब शिक्षा होगी 
वही पढ़ेगा बच्चा जो उसकी इच्छा होगी 
स्कूल का ऐसा स्वरुप होगा 
तब आएगा बच्चा, जब उसका मूड होगा 
बैठेगा घर में वह ठाठ से 
टीचर की परीक्षा होगी 
 
फ़ेल हुआ अगर गलती से भी तू 
तेरे वेतन से होगी भरपाई |
 जाग मास्टर जाग अब तेरी शामत आई |

मन में अब यह ठान ले 
इन बच्चों को ईश्वर मान ले 
मंदिर, मस्जिद, चर्च ना गुरुद्वारा 
तेरा बस एक ही तारणहारा 
रिश्वत देकर उसे पटा ले 
उसके आगे शीश झुका ले 

छिपी है इसमें तेरी भलाई 
जाग मास्टर जाग अब तेरी शामत आई |