ठण्ड ज्यादा लगने लगती है तो ध्यान हटाने के लिए टी. वी. खोल कर बैठ जाती हूँ, लेकिन वहां भी निजात नहीं मिलती. डी. एल. एफ. क्रिकेट के धुआंधार विज्ञापनों ने फिर से सिहरन पैदा कर दी. स्कूल , कोलिज, दफ्तर , शहर , क़स्बा और गाँव , कोई इससे नहीं बच पाता है. सुना है स्वाइन फ्लू का टीका ईजाद हो गया है,.जिस कोई वैज्ञानिक क्रिकेट फ्लू का टीका ईजाद कर लेगा वह दिन स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा.
सोचा अखबार ही खोल कर देख लिया जाए, जैसे ही पहला पन्ना खोला मैं पश्चाताप से कांपने लगी, फ्रंट पेज पर बड़े बड़े अक्षरों में छापा हुआ था, धूप सेंकनी है तो पहाड़ आइये, उन्हीं पहाड़ों पर, जिन्हें वर्षों पहले ठन्डे, बंजर और पिछड़े कहकर औने पौने दामों में बेच आये थे, और मैदानों में बड़े - बड़े बंगले बना लिए थे, अब वहां रेसोर्ट बने हुए हैं और धूप हमें मानो मुँह चिढ़ा रही हो, ''और जाओ मुझे छोड़ कर, अब गर्मियों में ठंडक के लिए और जाड़ों में धूप सेंकने के लिए पैसे खर्च करके आओ''
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सोचा पिक्चर देख ली जाए, आजकल थ्री ईडियट का बहुत नाम सुनने में आ रहा है, पिक्चर देखती जा रही थी और भविष्य की आशंका से कांपती जा रही थी . क्यूंकि मुझे याद आ रहा था , जब तारे ज़मीन पर रिलीज़ ,हुई थी ,तब क्या स्कूल क्या घर , ज़रा सा ऊँचा बोलने पर छोटे से छोटा बच्चा भी दहाड़ उठता था ''तारे ज़मीन पर नहीं देखी क्या ?'' अब इसे देखकर जाने
वीरू सस्त्रबुद्धे जैसों का क्या हाल करेंगे ये भविष्य के कर्णधार ? और अगर बच्चे ऐसे पैदा होने लगे ,जैसे पिक्चर में पैदा हुआ था, तो उन डॉक्टर्स का क्या होगा जिनकी महंगी - महंगी दुकानों का खर्चा ऑपरेशन द्वारा बच्चे पैदा करने की बदौलत ही चलता है ?
मेरे पास तो कांपने के लिए आये दिन के शिक्षा व्यवस्था को सुधारने संबंधी सरकारी फरमान ही काफ़ी थे , कि खराब रिज़ल्ट देने वालों मास्टरों पर शिकंजा कसा जाएगा ,उनका इन्क्रीमेंट रोक कर उनको दूर किसी गाँव में पटक दिया जाएगा .आजकल अखबार देखकर पता नहीं चलता है सरकार अपराधियों के बारे में बयान दे रही है या अध्यापकों के बारे में.
इतना सब होने पर भी हे जनवरी ! मैं तेरी शुक्रगुज़ार हूँ क्यूंकि ........
कल को गर्मी सारे रिकोर्ड तोड़ दे तो मुझ पर ग्लोबल वार्मिंग बढाने का इलज़ाम ना आ जाये, इसलिए जब मैंने घर में आग सेंकने के लिए डरते - डरते अलाव जलाया तो पहली बार घर के सभी लोग अपने अपने कमरों से बाहर निकल कर आग सेंकने के लिए इकठ्ठा हुए, उस अलाव की गर्मी से दिलों जमी हुई अलगाव की बर्फ और कड़वाहट पिघल गईं . उसी में खाना भी बन गया , और तेरे ही कारण पहली बार मेहमानों ने पूरे महीने मेरे घर का रूख नहीं किया , घर का बजट घाटे में नहीं गया, और मैं पहली बार ऋण लेने से बची रह गई .
ठण्ड के कारण पहली बार हथेलियाँ एक दूसरे के नज़दीक आईं, बिना घूस खाए हथेलियों को गरम होने का मौक़ा मिला . कई अवसरों पर हथेलियों को आपस में रगड़ने के कारण लोगों को नमस्कार का भ्रम हो गया , अनजाने लोगों से राह चलती जान पहचान हो गई, और नए नए रिश्ते बन गए.
कान को गरम रखने के उपकरण यानी ''एयर वार्मर'' लगे होने के कारण स्कूल में बच्चों के कानों को अभयदान मिल गया और हमें घर में बच्चों की फरमाइशों को अनसुना करने का बहाना मिल गया.
तेरे कारण ही तीन लोगों की सीट जिस पर पहले से ही पांच बैठे हों, उस बस में , बिना मुँह बनाए जगह मिल जाती है
मैं धन्यवाद देती हूँ जनवरी, कि धूप के कारण ही सही, मुझे भूले - बिसरे पहाड़ की याद तो आयी.
स्कूल बंद हो जाने के कारण मासूम दुधमुंहे कड़कती ठण्ड में घर से बाहर जाने से बच गए. उन्हें अपनी - अपनी माओं के समीप रहने का सुनहरा मौका इस ठण्ड के ही कारण मिल पाया .