शनिवार, 31 दिसंबर 2011

छोटा सा यह एक झरोखा, पेश है साल का लेखा - जोखा

छोटा सा यह एक झरोखा, पेश है साल का लेखा - जोखा

जनता के अन्नाने का साल, कांग्रेस के भन्नाने का साल |

टीम अन्ना का का जन लोकपाल, हर कीमत पर रोकपाल | 

भ्रष्टाचार के खिलाफ जिसने ताना टेंट, संघ का कहलाए एजेंट |
 
यू पी के चार टुकड़े, बहिनजी ने रोए दुखड़े |

बहुजन हिताय, करोड़ों का पार्क बनवाए |

सर्वजन सुखाय, खुद की मूरत पर माला चढ़ाए |

जीते सुशील ने पाँच करोड़, चेक अभी मिला नहीं, मांगने वालों की होड़ |

किंगफिशर को घाटा भारी,  कलेंडर गर्ल्स उदास बेचारी |

फार्मूला रेस वन,  ट्रेक पर कुत्तों का फन | 

वी.आई.पीओं का नया ठिकाना,  लेडी गागा ने गाया गाना |

अपराधी नेता हुए,  नेता अपराधी,  मची तिहाड़ में आपाधापी |

अंगूर निकले बेहद खट्टे,  एक थैली में आ गए चट्टे - बट्टे |

यू पी वालों !  कब तक मांगोगे तुम भीख | 

घुस कर घरों में मेरी तरह,  मुफ्त का खाना सीख |

विश्व  कप पर मिला कब्जा, रहे सलामत ऐसा जज्बा |

नंगई और गाली - गलौच,  बिग बॉस में भरी है फ़ौज |

मर्द से कम नहीं औरत,  पोर्न स्टार ने बटोरी शोहरत |

कभी मिलन कभी जुदाई, फिर गले मिले अम्बानी भाई |

सोशल नेटवर्किंग पर बैन,  कपिल सिब्बल का छिन गया चैन |

पड़ गए नरम चिदंबरम, प्रणव का पारा गरम |

टी.वी. से हो गई नफरत, चैनल - चैनल दिग्गी सूरत |

रामदेव ने बचाई जान,  प्राणायाम ना आया काम |

औरत का धर कर रूप, लीला दिखाई खूब | 

 सी. डी. ने मचाया तूफ़ान, सरकार हुई हलकान |

फंस गया भंवर में देखो, म्हारो प्यारो राजस्थान | 

चमचों को मिला सम्मान, डिक्शनरी में जुड़ गया नाम  |

नाक में नली, हाथ में सुई, दो दिन के मेहमान |

शुक्ल जी को मिल गया ज्ञानपीठ सम्मान |

घटती बढ़ती पेट्रोल की कीमत,  कारों ने कर रखी है आफत |

खुमैनी, मुबारक और गद्दाफी, मिली नहीं जनता की माफ़ी  |

एबटाबाद में ढेर ओसामा, सीधा प्रसारण देखें ओबामा |

फुस्स ज़रदारी, गिलानी, कियानी, छाई रही तो बस हिना रब्बानी |

सीमा  पर है टेंशन, फिर भी मोस्ट फेवर्ड नेशन |

वाल स्ट्रीट पर आक्रोश,  महाशक्ति का उड़ गया होश |

भूकंप से जापान थर्राया, फिर भी तनिक ना घबराया | 

रीटेल की रेलम पेल, वॉल मार्ट की ठेलम ठेल |

कोई तरकीब काम ना आई, हाय महंगाई हाय महंगाई | 

रथ यात्रा, पद यात्रा, मौन व्रत, उपवास |

अपनी अपनी ढपली, अपना अपना राग |

बीमारों के बने काल,  अपराधियों के बने ढाल |

मर रहे बच्चे आए दिन, रो रहा पश्चिम बंगाल |

योजना आयोग का जलजला, मचा आंकड़ों पर हल्ला |

जिसकी धुन पर जनता वारी, धनुष ने गाया कोलावारी  |

रख कर हाथ खाते हम झूठी सौगंध, रूस में उस गीता पर प्रतिबन्ध |

हुसैन, हजारिका, जगजीत, देव का अवसान, कला के क्षेत्र में भारी नुकसान |  

सन् दो हज़ार ग्यारह, चंद पलों में हो जाएगा नौ दो ग्यारह |

दिल से मेरे दुआ ये निकले, दो हज़ार बारह में हो जाए सबकी पौ बारह  |