हर आवाज़ पे मचल जाते हैं
हर आहट पे सिमट जाते हैं
मेरे सपने भी फुटपाथ के बच्चों से हैं
कोई प्यार का टुकडा फेंके तो
क़दमों से लिपट जाते हैं