मैं क्या जानूँ टेक्नोलोजी
मैं पड़ती लोगों की साइकोलोजी
ब्लॉग बनाना पति का काम
हम टिप्पणियाँ देते, फरमाते आराम
तारों की छांव में नींद ली
गरीब मास्टर का ऐ. सी.
सस्ती छाँव है तारों की
संगीत बैन्ड में कोई वाद्य यंत्र बजाया
बजाने की बात छोड़िए श्रीमान
एक बार गलती से शहनाई पर
नज़र पड़ गयी थी
अगले ही महीने वह
गाजे बाजे के साथ
घर में बजने आ गयी थी
हमेशा के लिए हमारा बैंड
बजा गयी थी
अमेरिका के हवाई द्वीपों की सैर करी
हजारों द्वीपों की सैर की
बनाए इतने हवाई किले
नींद खुली तो फिसल गए
सब रेत के महल निकले
उल्का वर्षा देखी
थी बचपन में एक मैडम अलका
जो करती थी डंडों की वर्षा
औकात से अधिक दान दिया
हम सरकारी दान पे पलते हैं
तनखा नहीं मिलती जब महीनों तक
औरों के दान के सहारे हमारे
घरों के चूल्हे जलते हैं
डिज़नीलैन्ड की सैर करी
बनाया जब जब हमने
डिज्नीलैंड का प्रोग्राम
डिसमिस हो गयी नींद
गिर गए लैंड पे औंधे मुंह
ऐसे सपनों को हमारी
दूर से ही राम राम
पर्वत पर चढ़ाई करी
हूँ पहाड़ की औरत
मैदान में रहती हूँ
पर्वतों से नहीं डरती हूँ
पहाड़ पर बदली न हो जाए कहीं
हर साल घूस खिलती रहती हूँ
प्रेयिंग मैन्टिस (preying mantis) कीड़े को हाथ में पकड़ा
दस रूपये किलो का जो चावल
मैं राशन से लाती हूँ
उसको कीडों के मुंह से
रोज़ ही छुडाती हूँ
सोलो गाना गाया
जब जब ऐसी जुर्रत की
तलाक की अर्जी हाथ मिली
बंजी जंप करी
जब हमने चाहा
बंजी जम्पिंग करना
बच्चे बोले स्कूल के
बहिनजी अब ऐसा मत करना
टूट गयी रस्सी अगर आपके बोझ से
हड्डी न मिलेगी एक भी ढूँढने से
पेरिस गए
रिस जाते हैं मेरे घाव
सुनती हूँ जब पेरिस का नाम
'एन इवनिंग इन पेरिस' देख
जब सिर धुना था
याद आ जाती है वह मनहूस शाम
समुद्र में बिजली का तूफ़ान देखा
एक तो समुद्र, ऊपर से बिजली का तूफ़ान
हम बड़े डरपोक हैं दूर से ही सलाम
कोई कला शुरुआत से अपने आप सीखी
ये है एक ऐसी कला
इसमें छिपा है सबका भला
मोना हो या चन्द्रकला
इसपे टिकी है दुनिया सारी
इस पर मैंने बचपन से बाज़ी मारी
बहनों इसका नाम है मक्कारी
किसी बच्चे को गोद (adopt) लिया
मेरा बच्चा कौन सा है
यह भी मुझको याद नहीं है
वो जो रोता है ज़मीन पर
या यह जो
गोदी में हंस रहा लैपटॉप है
फूड प्वॉयज़निंग झेली
बरात आती बारह बजे
टिके रहे सदा पांडाल में हम
फ़ूड पोइसन से बहोश कई बार हुए
बिन फ़ूड लिए कभी वापिस न गए हम
कुतुब मीनार को देखा
टीचर हूँ मैं हूँ सरकारी
इच्छाएँ मेरी कुतुब मीनार
निकल ही जाते हैं क्या करूँ
पैर मेरे चादर से बाहर
अपने लिए सब्ज़ी उगाई
मेरा काम पढ़ाने का
बच्चों का भविष्य करूँ बर्बाद
सब्जी उगा कर सब्जी वाले की
रोटी पर क्यूँ मारूँ लात
फ्रांस में मोनालिसा देखी
मोना मेरी दोस्त का नाम
लिजलिजी है फेविकोल जैसी
आए तो जाने का भूले से न ले नाम
उसे देखने फ्रांस क्यूँ जाऊं?
क्यूँ न उसको ही फ्रांस भिजवाऊं
रात के सफ़र में ट्रेन में नींद ली
मत पूछो ऐसी दिलजली सी बात
एक बार जब आई थी झपकी
फटे पर्स से भी धोना पड़ा था हाथ
तकिए द्वारा लड़ाई की
तकिये को हम हाथ नहीं लगते हैं
स्पोंडीलैटिस है बहुत घबराते हैं
इसीलिए बेलन से ही काम चलते हैं
सड़क पर किसी अंजान व्यक्ति से लिफ़्ट ली
मुस्कान फेंकती हूँ मैं मदहोश
जाना हो या अनजाना,हो जाता बहोश
बस के पैसे इसी तरह
बचा लेती हूँ मैं रोज़
स्वस्थ होते हुए भी ऑफिस से बीमारी के लिए छुट्टी ली
टीचर हूँ सरकारी
छुट्टियों से मेरा
पेट भरा है कब?
पलकें झपकाऊं प्यार से
फ्रेंच लीव लूँ जब चाहूँ तब
बर्फ़ का किला बनाया
कैसा बर्फ का किला बनाना
फ्रिज है मेरा बीस बरस पुराना
रोज़ बन जाता है बर्फ का पहाड़
पड़ता है जिसे मुझे रोज़ हटाना
मेमने को गोद में उठाया
बचपन में जब हमको यूँ ही
एक मेम ने गोद में उठाया
माँ बाप ने खींची फोटो
सबको घमंड से खूब चिढ़ाया
बिना किसी वस्त्र के नग्न ही पानी में उतरे (तरण ताल, नदी, तालाब, समुद्र अथवा बाथ टब इत्यादि में)
वस्त्र पहिनकर भी कोई
भला आज तक पानी में उतरा
जो मैं बोल दूँ सच्ची बात
क्लिपिंग बन जाने का है ख़तरा
मैराथन रेस में दौड़ लगाई
बस मेरी जब छूट जाती है
उसको पकड़ने की कोशिश में
अक्सर मेराथन हो जाती है
वेनिस में गोन्डोला (एक तरह की नाव) में सवारी करी
शहर मेरा वेनिस से नहीं है कम
बरसात में नाव से ही घर पहुँचते हम
पूर्ण ग्रहण देखा
जबसे हुई है शादी
कहता है पति लग गया
खुशियों को उसकी ऐसा ग्रहण
इतने से ही मैं खुश हूँ
अब क्या देखूं पूर्ण ग्रहण
सूर्योदय अथवा सूर्यास्त देखा
टिप्पणियाँ देने से जब फुर्सत कभी मैं पाउंगी
इनको भी देखने बाहर निकल के जाउंगी
होम रन मारा (बेसबॉल में)
होम में इतने कोकरोच हैं
पम्प लिए करती हूँ रन
बेस-बौल की भली चलाई
बेस पर झाड़ू फेरती हूँ हरदम
समुद्र पर्यटन (cruise) पर गए
एक आम औरत की दौड़ती भागती सी जिन्दगी
क्रूस से कम है क्या जिसमें वह रोज़ है चढ़ती
नियाग्रा फॉल्स स्वयं देखा
पानी का झरना देखने
पागल ही जाएगा नियाग्रा
जहाँ फूटता प्रेम का झरना
मैं तो जाउंगी आगरा
पूर्वजों की जन्मभूमि देखने गए
पूर्वजों ने किया था
अक्लमंदी का काम
जन्मभूमि को बेच दिया था
कौडियों है दाम
शहर में आकर बस गए
और हम जब उसे देखने गए
बिना बात है पिट गए
पूर्वज बनते बनते रह गए
किसी कबीले के रहन सहन को नज़दीक से देखा
घर है मेरा ऐसा अलबेला
मेहमानों की नज़र में एक कबीला
अपने आप एक नई भाषा स्वयं सीखी
शेरो-शायरी के चक्कर में
उर्दू से हमें इश्क़ हुआ था
सीख़ने की ज़ब कोशिश करी
गला हमारा खुश्क़ हुआ था
इतना धन अर्जित किया कि पूर्णतया संतुष्ट हुए
संतुष्टि किस चिड़िया का नाम है
मिल जाए तो ज़रूर बताना
हमें भी उससे काम है
पिसा की झुकती मीनार (Leaning Tower) देखी
महंगाई का बोझ पीठ पर
कमर गयी है पुरी झुक
अपनी झुकती कमर उठाऊं
फिर दूंगी उत्तर, थोड़ा सा रुक
रॉक क्लाइम्बिंग करी
रॉक के जैसी हार्ड ज़िन्दगी
रोज़ कुआँ खोद के पानी भरना
कौन से रॉक पर अब
बाकी रह गया मेरा चढ़ना
माइकलेन्जलो द्वारा कृत पुरातन इज़राइल के राजा डेविड की मूरत देखी
माइकल जेक्सन और इस्राइल
दोनों नाम से डरती हूँ
एंजिल तो मैं खुद हूँ
शीशे से पूछा करती हूँ
कैरीओकी (karaoke) गाया
मुझको जब होती गाने की मर्जी
घरवालों को हो जाती एलर्जी
वैसे कृपया धीरे से बतलाएं
केरीओकी कौन सी चिड़िया होती
वायोमिंग के येलोस्टोन नेशनल पार्क में मौजूद ओल्ड फेथफुल गीज़र को भभक कर उठते देखा
पहले नक्शे में तो ढूंढ लूँ
फिर वहां का टिकट कटाउंगी
हाय राम! चूल्हे पर चाय रखी है
पति भभक उठा तो
बिन आग के जल जाउंगी
किसी अंजान को रेस्तरां में खाना खिलाया
ऐसा दिन भगवान् किसी बहिना को न दिखलाए
रेस्तरां में खाना हो और बिल चुकाना पड़ जाए
अफ़्रीका गए
बिलकुल गोल हूँ भूगोल में
नक्शे में तो ढूंढ ना पाऊं
हाँ फ्री का टिकट कटा दे कोई
तब अफ्रीका ज़रूर जाऊं
चांदनी रात में समुद्र तट पर सैर करी
समुद्र तट की सैर, वह भी चांदनी रात में
क्यूँ नहीं, पर पति की जगह पुराना प्रेमी हो साथ में
एम्बुलेन्स में ले जाया गया
खंडूरी सरकार में मेरे भी हो गए ठाट
शादी थी रिश्तेदार की जा था पहाड़
पेट में दर्द कहा, और बुला ली एक सौ आठ [१०८]
अपनी तस्वीर बनवाई (फोटो नहीं)
यह मेरी फूटी तकदीर है
पति कहे मेरा अक्सर
मुझसे अच्छी मेरी तस्वीर है
गहरे समुद्र में मछली पकड़ने गए
समुद्र तक जाने की
ज़हमत नहीं उठाती हूँ
स्वीमिंग करने जब पूल में जाती हूँ
वहीँ से मछली पकड़ ले आती हूँ
वैटिकन में सिस्टीन चेपल देखा
दिल्ली हो या वेटिकन
मैं जाती सदा बेटिकट
मंदिर में जाऊं नंगे पैर
चैपल से चप्पल चुरा कर
अवश्य करूंगी सैर
पेरिस में ऐफिल टॉवर के शीर्ष से नज़ारा किया
आइडिया तो अच्छा है
पर क्या यह बताने वाला
खुद वहां कभी पहुंचा है?
स्कूबा डाईविंग अथवा स्नॉर्कलिंग करी
ना स्कूबा डाइविंग, ना ही कोई स्नार्क्लिंग
खेल हैं ये अमीरों के, हमारे लिए है साइकिलिंग
बरसात में चुंबन लिया/दिया
नहीं भूलूंगी वह बरसात की काली रात
चुम्बन के चक्कर में
फेरे पड़ गए थे पूरे सात
मिट्टी में खेले
मिटटी के हैं खेल निराले
हम उससे क्या खेल पाएंगे
मिटटी से ही तन बना है
एक दिन उसी में मिल जाएँगे
ड्राईव-इन सिनेमा देखा
यह कौन सा सिनेमा है भाई
स्पेलिंग ही समझ ना आई
किसी फिल्म में नज़र आए
कितनी प्यारी फिल्म थी जिसकी में हीरोइन थी
क्यूँ चौंक गए सब लोग वह मेरी शादी की थी
चीन की बड़ी दीवार देखी
शुगर डाईबितीज़ के डर से मैंने
चीनी को चिनवा दिया बड़ी सी दीवार में
अपना व्यवसाय आरंभ किया
टयूशन खोरी के सिवाय और कुछ सीख नहीं पाई
उस पर भी कोचिंग वालों की पड़ गयी काली परछाई
मार्शल आर्ट की क्लास में भाग लिया
इतनी मेहनत कराई हमसे
हम दो दिन में ही भाग बैठे
मार्शल की ऐसी तैसी
आर्ट की क्लास में जा बैठे
रूस गए
हम जब सपनों में रूस जाते हैं
मियाँ हमारे रूठ जाते हैं
वो कहते हैं सपनों में भी जाना है
तो जाओ स्वित्ज़रलैंड
वो तो टूट गया तो था सोवियत लैंड
लंगर/भंडारे में लोगों को खाना परोसा
मिड डे मील भी क्या लंगर में गिना जाएगा
अगर हाँ तो हमारा भी नाम इसमें आ जाएगा
ब्वॉय स्कॉऊट पॉपकार्न अथवा गर्ल स्कॉऊट कुकीज़ बेची
भूखी मर जाउंगी लेकिन
इज्ज़त पर आंच न आने दूंगी
पॉप कॉर्न को बेच कर
अपने सिर पर पाप ना लूंगी
समुद्र में व्हेल देखने गए
व्हेल देखने जब गए समुद्र में
मरमेड निकल कर आ गयी
हम खड़े रह गए हाथ में बेलन लिए
वो पति को लेकर भाग गयी
खामखा बिना वजह किसी ने फूल दिए
अक्सर पडोसन के खेत में
पड़ते हैं जब गोभी में कीड़े
मुझको दे जाती है वह फूल
साल भर ऐसे बनाती मेरा अप्रेल फूल
रक्त दान किया
रक्त दान का नाम
मत लेना दोबारा
नींद हो जाती है हराम
खून सूख जाता है सारा
पी गयी मैं सारा खून उसका
कहता है अक्सर पति हमारा
स्काई डाईविंग करी
मैं जब घुरूं आँख उठाकर स्काई को
तैयार हो जाता है डाइव मारने को
नाज़ी कॉन्सनट्रेशन कैम्प देखा
कभी ना जी
वैसे ये है क्या जी?
और कहाँ है जी?
खुद का दिया बैंक चैक बाऊंस हुआ
गरीब टीचर का बैंक से क्या काम?
चेक का तो मैंने आज ही सुना है नाम
हैलीकॉप्टर में सवारी करी
यहाँ पहाड़ों में कई मतदान स्थलों में
हेलिकोप्टर से जाना पड़ता है
लाइन में तो में भी खड़ी हूँ कब से, लेकिन
यहाँ भी घूस खिलाना पड़ता है
बचपन के किसी मनपसंद खिलौने को बचा के रखा
दिलों से खेलती रही हूँ बचपन से
कुछ के टुकड़े बचा रखे हैं कसम से
राज घाट पर गांधी समाधि देखी
दो अक्टूबर को हर साल
फोटो पर फूल चढ़ाती हूँ
जब भी दिल्ली जाती हूँ
बस यही काम भूल जाती हूँ
शोपिंग करती हूँ जम के
और वापिस लौट के आती हूँ
कैवियार (मछली के अंडों का अचार) खाया
आचार की भी भली चलाई
जिस दिन देखी खुली आँखें मछली की
उस दिन रात भर नींद ना आई
रजाई का कवर सिला
ढूँढा है मैंने ऐसा वर
जो करता है ऐसा सारे काम कवर
चांदनी चौक गए
चौका बर्तन तो यहाँ भी करना
चांदनी चौक में जाकर फिर क्या करना?
घने जंगल में सैर की
राम गोपाल वर्मा की
एक बार देखी थी जंगल
उस दिन से पागल होकर
घूम रही हूँ
टिकट के पैसे वापिस लेने को
दिन रात उसे ढूंढ रही हूँ
नौकरी से निकाले गए
हम पर यह क़यामत
कभी ना आने पाई
जिसने हमसे पंगा लिया
हमने तुंरत बॉस को फोन किया
उसका ही बिस्तर गोल किया
लंदन के बकिंघम महल में पहरेदारों की बदली देखी
दिल में लेके सैकडों गम
क्या जाएं हम बकिंघम
मंत्रियों के पेलेस यहाँ देख लिए
इतना भी होता है क्या कम?
हड्डी टूटी
कईयों के गले की हड्डी हूँ मैं बनी हुई
लिखना बंद करूंगी जिस दिन
खुश हो जाएँगे वे
हैं जिनकी भवें तनी हुईं
तेज़ रफ़्तार मोटरसाइकल की सवारी करी
ऐसी गलती क्यूँ करूंगी
साईकिल चलाकर बड़ी हुई
साईकिल की ही सैर करूंगी
अमेरिका में ग्रैन्ड कैनयन देखी
थक गयी हूँ मैं अब
देख देख कर मैप
इतना नक्शा स्कूल में देखा होता
भूगोल की होती कहीं प्रोफेसर
धक्के नहीं खाती बन के ऐसी फटीचर
अपनी किताब छपवाई
ऐसी जब जब कोशिश करी
प्रकाशकों की डांठ खाई
जितनी लिखी किताबें सबकी सब
रद्दी में बिकने के काम आईं
वैटिकन गए
कर रही हूँ मैं वेट
वेटिकन को जाने का
है कोई जो टिकट कटा दे
आ रही हूँ पोप को बता दे
नई नवेली गाड़ी खरीदी
नयी थी, नवेली थी
बहुत अलबेली थी
मोहल्ले में मेरी ही
साईकिल वो अकेली थी
जेरूसलम की सैर करी
स्लम में रहने वालों से
जेरुसलम की बात
इतना बड़ा अपराध?
अखबार में फोटो छपी
मन की मुराद मन में ही रह जाती
अगर मैं अपना अखबार नहीं छपवाती
नव वर्ष की पूर्व संध्या की मध्यरात्रि किसी अंजान का चुंबन लिया
अनजान समझ कर अँधेरे में
जिसका ले बैठी थी चुम्बन
जब बत्ती आई तो देखा
सामने था मेरा प्यारा पामेरियन
राष्ट्रपति भवन की सैर करी
सुना है कि वह बहुत बड़ा है
चलते चलते थक जाउंगी
हाँ अगर ताई निमंत्रण देगी
दौड़ी दौड़ी चली जाउंगी
किसी जानवर का शिकार कर खाया
वेजिटेरियन हूँ मैं शत प्रतिशत
पेट को क्यूँ कब्रगाह बनाऊं
दाल भात रोटी में खुश हूँ
क्यूँ किसी के शिकार पर जाऊं
चिकन पॉक्स झेला
मेरी सहेलियां मुझको
कहती हैं फॉक्स, और
फॉक्स को भी कहीं
होता हो चिकन पोक्स?
किसी की जान बचाई
होने वाली थी पहले जिससे शादी
वो कहता है मेरे पति से अक्सर
शुक्रिया तुमने मेरी जान बचाई
एहसान तुम्हारा है मुझ कर
जज अथवा जूरी बन निर्णय सुनाया (किसी प्रतियोगिता में या न्यायालय में)
मोहल्ले के सारे पचडों में
हम जज बनकर अपनी टांग अड़ाते हैं
ये दीगर बात है कि अक्सर
बाद में जूते चप्पल खाते हैं
किसी प्रसिद्ध व्यक्ति से मुलाकात करी
प्रसिद्ध व्यक्ति से जब
करने गए थे मुलाकात
सिर पर खाए डंडे
ऐसे हुए हालात
हिसाब नहीं मिलता
कितने पड़े थे मुक्के
कितनी पड़ीं थीं लात
बुक क्लब की सदस्यता ली
कुक क्लब की हूँ मेंबर
बुक रखती हूँ कोने में
जब गैस ख़त्म हो जाती है
उसे झोंकती हूँ चूल्हे में
किसी अज़ीज़ को खोया
वैसे अज़ीज़ मुझको पसंद था, लेकिन
मेरी कुण्डली में दोष था
किस्मत को मुझसे रोष था
क्या करती में सितारों का
मिसेस प्रेमजी बनना मेरा भाग्य नहीं था
शिशु को जन्म दिया
नौ महीने पेट में रहकर
बिन आँखें खोले चला गया
वो भुला बिसरा सा लम्हा
हंसती आँखें भिगो गया
मैं क्यूँ हो गयी फिर से उदास
प्यारी सी बिटिया जब है मेरे पास
जॉन वेन की फिल्म "द अलामो" देखी
अंग्रेजी फिल्में देखना
मेरे लिए बहुत बड़ा होरर है
डिक्शनरी लेकर बैठना
अपने आप में एक जौहर है
अमेरिका के ग्रेट सॉल्ट लेक में तैराकी करी
इसके लिए अमेरिका जाने की
ज़रूरत नहीं समझती हूँ
नहा जाती हूँ पसीने से
पानी, बिजली, राशन की
रोज़ लाइन में लगती हूँ
किसी कानूनी मुकदमे में शरीक हुए/रहे
पुलिस को देखती हूँ जहाँ कभी भी
काँपने लगती हूँ थर थर
वैसे अंग्रेजी में हाथ तंग है
उस समय बोलने लगती हूँ फर फर
सेल फोन के मालिक हैं/रहे
जब हमने सेल फोन लिया
लैंड लाइन को उदास किया
उस का दुःख देखा न गया
सेल का बिल भी भरा ना
तंग आकर सेल को फिर से सेल किया
मधुमक्खी ने डंक मारा
मधुमक्खी की इतनी औकात
डंक मार दे ततैय्या को
जान से हाथ धो बैठेगी
जब ऐसी गुस्ताखी करेगी
वाह!वाह!वाह!
जवाब देंहटाएंक्या बात है शेफाली जी!
क्या जवाब लिखे हैं!
इस '९९ 'वाली कई पोस्ट देखीं..मगर यह एक पोस्ट...बहुत ही मजेदार लगी....
मैं भी वाह! वाह!! वाह!!! कहूँगा।
जवाब देंहटाएं99 के फेर में एक-दो लाईना तो देखीं, लेकिन ये तो …
अल्पना जी ने ठीक ही कहा है …तुमसा नहीं देखा!
'नौ महीने …' से थोड़ी उदासी छायी लेकिन कुल मिलाकर बढ़िया मज़ेदार मसाला मिक्स, मज़ेदार
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंइस निन्यानवै में
जवाब देंहटाएंसब कुछ है पर
नहीं है निन्यानवै का फेर
जिसमें होती है हेर
इसलिए ही लगती है देर।
विचार सच्चाई हैं
ज्यूं के त्यूं सजाए हैं
जैसे फ्रिज में जमता है
सदा बर्फ का बेबर्फी पहाड़।
एक से बढ़कर एक
निन्यानवै का फेर
एक और चाहिए
जिसमें सौ भले
न हों पूरे पर
एक ही हिला दे
पूरी कायनात
तभी आएगी ब्लॉगिंग में
घोर सफेद बरसात।
बहुत खूब ,काफी मेहनत किया है आपने .
जवाब देंहटाएंexcellent post!
जवाब देंहटाएंsuperb.....superb.....grt...
जवाब देंहटाएंजाने कौन कौन फंस गया इस ९९ के फेर में :)
जवाब देंहटाएंरचना बहुत अच्छी लगी।आप का ब्लाग बहुत अच्छा लगा।कुछ हटकर.....
जवाब देंहटाएंहर सप्ताह रविवार को तीनों ब्लागों पर नई रचनाएं डाल रहा हूँ। हरेक पर आप के टिप्प्णी का इन्तज़ार है.....
for ghazal ----- www.pbchaturvedi.blogspot.com
for geet ---www.prasannavadanchaturvedi.blogspot.com
for Romantic ghazal -- www.ghazalgeet.blogspot.com
मुझे यकीन है आप के आने का...और यदि एक बार आप का आगमन हुआ फ़िर..आप तीनों ब्लागों पर बार -बार आयेंगे/आयेंगी..........मुझे यकीन है....
bahut sundar post. badhai .
जवाब देंहटाएंइस लेख की जितनी भी प्रशंसा की जाए .. कम ही होगी.. बहुत मेहनत की आपने .. मजेदार लिखा है।
जवाब देंहटाएंअद्भुत्।
जवाब देंहटाएंbahut hi behtareen aapke kavita likhne ki style hamara solute hai likhte rahiye
जवाब देंहटाएं